Monday 29 February 2016

नौ फरवरी को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगे ः खालिद

जेएनयू में देश विरोधी नारे और कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने करीब पांच घंटे तक उमर खालिद और अनिर्बान से पूछताछ की है। पूछताछ के बाद ही इन दोनों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों की मानें तो उमर खालिद बिल्कुल टूट चुका था। उसने पुलिस के सामने यह बात मानी कि कार्यक्रम के दौरान उसने देश विरोधी नारे लगाए थे। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार रात सरेंडर करने वाले देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य से लंबी पूछताछ की। इस पूछताछ में अहम खुलासे हुए। इन दोनों ने पुलिस को बताया कि नौ फरवरी की रात संसद के हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर जेएनयू में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में करीब 15 छात्र-छात्राएं बाहर से भी शामिल हुए थे। इनमें छह छात्राएं व छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के थे। कुछ छात्रों की दोनों ने वीडियो देखकर पहचान कर ली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिनकी पहचान कर ली गई है उन्हें आरोपी बनाकर जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दोनों आरोपियों ने देश विरोधी नारे लगाने की बात कबूल भी कर ली है अगर सूत्रों की मानें। यह भी पता करने की कोशिश की गई कि अफजल की बरसी मनाने का विचार उनके पास कहां से आया? अनिर्बान ने कबूल किया कि उसी ने कार्यक्रम के लिए बैनर-पोस्टर का इंतजाम किया था और छात्रों में इन्हें बंटवाया था। उमर के दोस्त रियाज से पूछताछ में पता चला कि उसने ही साउंड सिस्टम का इंतजाम किया था और कार्यक्रम के बारे में सोशल मीडिया पर सूचना लोड की थी। इसकी पुष्टि उमर और अनिर्बान ने कर दी है। पूछताछ में उन्होंने यह भी बताया कि छात्रा बन्ज्योत्सना लहेरी कार्यक्रम की आयोजक थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जेएनयू कैंपस में नौ फरवरी को जो कार्यक्रम हुआ उसमें बाहरी देश का हाथ भी हो सकता है। खालिद से पूछताछ के दौरान यह पूछा कि कैंपस में कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए किसने आर्थिक मदद की? लेकिन दोनों ने बताया कि अफजल को लेकर इस कार्यक्रम में किसी तरह की बाहरी आर्थिक मदद नहीं मिली और न ही पोस्टर्स यूनिवर्सिटी के लैब में बनाए गए। सवाल यह उठता है कि पुलिस के सामने दिए बयान को कोर्ट सबूत नहीं मानता। यह दोनों अदालत में अपने बयानों से जवाबों से मुकर सकते हैं। अब सारा दारोमदार दिल्ली पुलिस पर आ गया है। उन्हें अदालत में यह साबित करना होगा कि कन्हैया, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य व अन्य ने उस दिन देश विरोधी नारे लगाए थे।

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