Thursday, 18 February 2016

बिहार में सत्ताधारी विधायकों ने उड़ाई कानून की धज्जियां

इस बार बिहार में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार के जनता दल (एकी) का गठबंधन भारी बहुमत से सत्ता में आया तो कई लोगों ने आशंकाएं जताईं कि राज्य में कहीं फिर से लालू यादव सरकार के समय का माहौल न बन जाए, कहीं फिर से बिहार में जंगल राज न लौट आए। मगर सत्ता में आते ही माहौल वैसा ही बनता जा रहा है। भोजपुर में गत शुक्रवार को हथियारों से लैस अपराधियों ने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा को गोलियों से भून दिया। उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हमले में बक्सर जिले के मुखिया समेत भाजपा नेता के गाड़ी का चालक घायल हो गया। भाजपा नेता को 10 से 11 गोलियां लगीं। एक सप्ताह के भीतर तीन हत्याओं ने बिहार की कानून व्यवस्था को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। शुक्रवार शाम को आरा के शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सोनवर्षा बाजार में विशेश्वर ओझा अपनी गाड़ी से उतरकर लोगों से उनकी समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान अचानक डेढ़ दर्जन से ज्यादा अज्ञात हथियारों से लैस अपराधियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। विशेश्वर ओझा गत बिहार विधानसभा चुनाव में शाहपुर से भाजपा प्रत्याशी थे। विशेश्वर ओझा की हत्या के विरोध में पार्टी नेताओं का शाहबाद बंद रविवार को पूरी तरह से सफल रहा। हत्या के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जंगल राज की वापसी और नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। सूबे में बढ़ रहीं आपराधिक घटनाओं एवं प्रशासनिक विफलताओं का हवाला देते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने रविवार को राज्यपाल रामनाथ कोबिंद को ज्ञापन सौंपकर उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। राजग के 21 नेताओं ने एक साथ मिलकर हाल फिलहाल में हुईं हत्याओं व जघन्य अपराधों का विस्तृत विवरण देकर सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने का आग्रह किया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। प्रदेश में अराजक स्थिति पैदा हो गई है। बिहार में आए दिन हत्या की घटनाओं से जनता में दहशत है। अराजक स्थिति को रोकने के लिए राज्यपाल से बिहार के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने का आग्रह किया गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सत्ताधारी दल के विधायकों में अपराध की दुनिया में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ मची है। जद (यू) के विधायक चलती ट्रेन में महिला यात्री के साथ छेड़छाड़ करते हैं तो कांग्रेस के विधायक लड़की का अपहरण कर लेते हैं। गठबंधन का बड़ा भाई होने के नाते राजद विधायक दो कदम आगे बढ़कर नाबालिग लड़की से बलात्कार कर सबसे आगे निकल जाते हैं।

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