Saturday 13 February 2016

भ्रष्टाचार से हमारी सेना भी नहीं बच सकी

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का संदेश देते हुए मोदी सरकार का सेना के दो मेजर जनरलों के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देना महत्वपूर्ण कदम है। सेना के इतिहास में कमोबेश यह पहली घटना है जिसमें इतने बड़े ओहदे पर सेवारत सैन्य अफसरों के खिलाफ एक सिविल एजेंसी जांच करेगी। पिछले ही साल अति विशिष्ट सेवा मेडल पा चुके दोनों मेजर जनरलों के खिलाफ रक्षा मंत्रालय को आय से अधिक संपत्ति बनाने और अपनी पोन्नति के लिए रिश्वत देने की शिकायतें मिली थीं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सीबीआई को इन शिकायतों की पड़ताल करके उसे रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सेना के दोनों मेजर जनरल सेना के दो विभागों से हैं और दिल्ली में ही तैनात हैं। इनका नाम मेजरजनरल अशोक कुमार और मेजर जनरल एसएस लांबा बताया जा रहा है। दोनों को पिछले साल अतिविशिष्ट सेवा मेडल मिला था। इनमें से एक मेजर जनरल अशोक कुमार आर्मी सर्विस कोर में जबकि दूसरे मेजर जनरल एसएस लांबा आर्मी आडिनेंस कोर में तैनात है। दोनों ही मेजर जनरलों पर आरोप है कि इन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग समेत अन्य में रिश्वत लेकर काफी संपत्ति बनाई है। इस कम में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि दोनें ही मेजर जनरल इसी साल सेवामुक्त हो रहे हैं। इनमें मेजर जनरल लांबा जनवरी 31 तारीख को जबकि अशोक कुमार 29 फरवरी को अवकाश पाप्त कर रहें हैं। इस पकरण में ले. जनरल (रिटा.) आरमल्ला को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ले. जनरल मल्ला पूर्व सैनिक सचिव रहे हैं और कहा जा रहा है कि उनके समय में सैन्य अफसरों को पमोशन देने वाले बोर्ड का गठन हुआ था। हालांकि इस मामले में साउथ ब्लॉक के अधिकारी कुछ जानकारी देने से परहेज कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों के खिलाफ इस मामले में विभागीय कार्रवाई भी नहीं हो पाई थी। इनकी फाइलें सेना भवन में ही इधर-उधर घूमती रहीं या फिर ये अपने पभाव का इस्तेमाल कर बचते रहे। दोनों विजिलेंस क्लियरेंस हासिल करने में भी सफल रहे। यह मामला पिछले साल अगस्त में तब सामने आया जब लेफ्टिनेंट जनरल के तीन रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे गए। इसके लिए कुल 33 मेजर जनरलों ने आवेदन किए थे। बाद में इनमें से दो अधिकारियों के बारे में बड़े पैमाने पर रक्षा मंत्रालय को शिकायतें पाप्त हुईं। कुछ शिकायतें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थीं। सीबीआई ने इनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। सीबीआई आरोपों और दस्तावेजें की जांच करेगी ताकि भावी कार्रवाई के बारे में तय किया जा सके। दुख से कहना पड़ता है कि भ्रष्टाचार से हमारी सेना भी अछूती नहीं रह सकी।

      -अनिल नरेन्द्र  

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