Wednesday 31 July 2019

भ्रष्ट अधिकारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक-2 की तैयारी

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भ्रष्ट और सुस्त अधिकारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक जारी रहेगी। पिछले महीने वित्त सेवा से जुड़े अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई से यह सर्जिकल स्ट्राइक शुरू हुई।  सरकार ने राजस्व विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार और यौन उत्पीड़न के आरोपों में बाहर का रास्ता दिखाया था। बेशक यह जरूरी कदम है और सराहनीय भी। इन अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों के विस्तार में जाएं तो पता चलता है कि ये सारे मामले न सिर्प गंभीर हैं बल्कि पूरी व्यवस्था सारी जानकारी और मामलों की गंभीरता को समझते हुए भी लगातार चल रही थी। उदाहरण के तौर पर आप एक आयकर आयुक्त का मामला ही लें। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोप सही पाए गए थे और उन आरोपों के कारण उन्हें दस साल पहले ही निलंबित कर दिया गया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार कानून के तहत मामला दर्ज कराया गया जो अभी तक चल रहा है। इसी केस से हमें पता चलता है कि भ्रष्टाचार रोकने की हमारी व्यवस्था में कितनी खामियां हैं। जब किसी कर्मचारी को निलंबित करके उसके खिलाफ मामला चलाया जाता है तो उसे इस निलंबन के दौरान उसके वेतन का एक हिस्सा तब तक दिया जाता है जब तक उसके मामले में अंतिम फैसला न हो जाए। दुखद पहलू यह है कि इस मामले में अंतिम फैसला पिछले दस साल से लटका हुआ था। पिछले महीने भ्रष्ट अधिकारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक का दूसरा भाग अब उन करप्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने ऐसे 200 अधिकारियों के खिलाफ करप्शन और दूसरे मामलों में की गई शिकायतों का जल्द से जल्द निपटरा करने को कहा है। जांच पूरी होने के बाद उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है। पिछले दिनों अधिकारियों के साथ मीटिंग में पीएम ने करप्शन के लंबित मामलों पर अपनी चिंता जाहिर की थी। पीएम ने मंत्रालय और विभागों से आने वाली भ्रष्टाचार की शिकायत और उसके खिलाफ एक्शन लेने में सुस्ती पर गहरा ऐतराज जताया। रेलवेपोस्टल, सप्लाई समेत आधे दर्जन मंत्रालयों की भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत की सूची पीएमओ को भेजी गई। पीएम ने पगति समीक्षा बैठक में कहा कि यह चिंता की बात है कि मंत्रालय स्तर पर शिकायत न सुनने के कारण लोग पीएमओ में अपनी शिकायत लेकर आ रहे है। मोदी ने दूसरे टर्म में पीएम बनने के बाद इस तरह की शिकायतों को टालने पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अब ऐसे मामलों में ब्लैक एंड व्हाइट कार्रवाई होगी। यानी जो ईमानदार होंगे उन्हें डरने की जरूरत नहीं और जो दागी पाए जाएंगे अब उन्हें बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए सबसे जरूरी यह है कि मामलों का निपटारा जल्दी हो और सेवा मुक्त किया जाना स्वागत योग्य है पर पशासन से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सबसे आगे बढ़कर बहुत कुछ करने की जरूरत है।

No comments:

Post a Comment