Wednesday, 31 July 2019

विराट-रोहित के आपसी मतभेद से टीम को नुकसान हो रहा है

टीम इंडिया में सब कुछ ठीक नहीं है। आपसी गुटबाजी बढ़ती ही जा रही है। टीम इंडिया के सीनियर प्लेयर्स में मतभेद हैं यह हमें विश्व कप में पता चला। खबरें आने लगीं कि कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा के बीच टीम के चयन को लेकर भारी मतभेद हैं। विराट और रोहित के बीच विश्वकप में लिए गए कुछ फैसलों पर विवाद की खबरें आई थीं। टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा ने टीम में मोहम्मद शमी और रविन्द्र जडेजा को जगह नहीं दिए जाने का विरोध किया था। शमी को केवल चार मैच खिलाए गए जबकि उनका प्रदर्शन शानदार रहा। रोहित ने जडेजा को भी विश्वकप से मौका दिए जाने का समर्थन किया था, लेकिन विराट और कोच रवि शास्त्राr ने उसकी बात को नहीं चलने दिया। कुलदीप के फ्लॉप होने के बाद जडेजा को मौका दिया गया और उसने दिखाया कि वह किस स्तर के खिलाड़ी हैं। रोहित ने सेमीफाइनल में हार के बाद भी टीम चयन को लेकर अपना विरोध जताया था। अब भारत की वनडे टीम में इन्हीं सीनियर खिलाड़ियों के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है। बीसीसीआई के एक सीनियर प्रशासक ने कोशिश भी की कि कोई खिलाड़ी सोशल मीडिया पर टीम में एकता पर मतभेद की बात पोस्ट करता है तो उससे टीम की छवि को नुकसान होता है। इसलिए ऐसी कोई पोस्ट न लिखे। पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ। दरअसल टीम में कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो विराट को कप्तान के तौर पर पसंद नहीं करते हैं। कुछ खिलाड़ी रोहित के साथ सहज रहते हैं लेकिन विराट को कप्तानी से हटाना इतना आसान भी नहीं होगा। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि टीम में विवाद की खबरों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और इससे पहले कि इससे टीम के प्रदर्शन पर फर्प पड़े, इस मुद्दे को सुलझाना चा]िहए। अधिकारी ने कहा कि यह किसी कामकाजी जगह में होने वाले विवाद की तरह है जिससे टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। अगर इसे तुरन्त नहीं सुलझाया गया तो यह काफी खतरनाक हो सकता है और इससे टीम भावना पर असर पड़ सकता है। अधिकारी ने कहा कि आपकी टीम के दो कप्तान नहीं हो सकते और उनकी मीडिया टीम एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेल सकते। इस विवाद में दोनों कोचों का भी योगदान रहा है। रवि शास्त्राr और संजय बांगड़ ने टीम में एकता करने की जगह गुटबाजी को हवा दी है। इन्हें बदलने से शायद टीम इंडिया की स्थिति बदल जाए। टीम आजकल वेस्ट इंडीज के दौरे पर है। वहां दोनों फार्मेट में रोहित और विराट को कप्तान बनाया गया है। केवल कप्तान बनाने से काम नहीं चलेगा, उसकी अपने अनुसार टीम के चयन की भी पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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