Monday 15 July 2019

बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराने का केजरीवाल का सपना

दिल्ली सरकार की तीर्थयात्रा योजना का हम स्वागत करते हैं। यह अच्छी योजना है और बुजुर्गों को फ्री में तीर्थयात्रा कराने का पुण्य भी दिल्ली सरकार को ही मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने तीर्थयात्रा योजना की पहली ट्रेन को शुक्रवार 12 जुलाई को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना किया। शुरुआत में स्पीलर क्लास में यात्रा कराने का प्रस्ताव बनाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद इसमें बदलाव कराया और सुनिश्चित किया कि सभी वरिष्ठ नागरिक विभिन्न तीर्थयात्रा एसी कोच में करेंगे। ट्रेन रवाना करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मेरे सपने का एक कदम आज पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि दिल्ली के सभी बुजुर्गों को उनकी इच्छा के अनुसार कम से कम एक तीर्थयात्रा करा सकें। आज 1000 बुजुर्गों को यात्रा कराकर वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मां-बाप का अहसान कोई भी संतान किसी तरह भी नहीं उतार सकती है लेकिन तीर्थयात्रा करा दे तो यह अहसान कुछ कम जरूर हो जाता है। अभी पांच रूट तय किए गए हैं। 1. दिल्ली-मथुरा, वृंदावन, फतेहपुर सीकरी-दिल्ली। 2. दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ-दिल्ली। 3. दिल्ली-अजमेर-पुष्कर-दिल्ली। 4. दिल्ली-अमृतसर बाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब-दिल्ली। 5. दिल्ली-वैष्णो देवी-जम्मू-दिल्ली। तीर्थयात्रा की शुरुआत दिल्ली-अमृतसर-बाघा बॉर्डर से आनंदपुर साहिब रूट से शुरू हुई है। यह पूरा सफर तीन दिन का होगा। इस दौरान सारा खर्च दिल्ली सरकार करेगीöखाना-पीना, ट्रांसपोर्टेशन, होटल इत्यादि सभी दिल्ली सरकार वहन करेगी। किसी मेडिकल इमरजैंसी या मदद के लिए एक मेडिकल टीम भी साथ जा रही है। इसके अलावा सरकार की तरफ से हर कोच में दो वॉलेंटियर्स भी श्रद्धालुओं की मदद के लिए ट्रेन में साथ जा रहे हैं। पहली ट्रेन 16 जुलाई को सुबह वापस दिल्ली आएगी। केजरीवाल के इस काम से मैं इतना खुश हूं कि अगर मेरे वश में होता तो दुनिया को सीना चीर कर दिखाता कि मैं कितनी खुश हूं। यह कहते हुए 75 साल की नरेला निवासी शपुंतला चेहरे में उमंग के साथ नारा लगाती हैंöकेजरीवाल जिंदाबाद। सफदरजंग स्टेशन के अंदर घुसते हुए भोगल की 70 वर्षीय राजबाला कहती हैं कि मैं बहुत खुश होऊ क्यों ना। मेरा बेटा (मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल) मुझे तीर्थ ले जा रहा है और मुझे क्या चाहिए। उनके बगल में अपना बैग संभालती हुई बुजुर्ग चंद्रकला कहती हैंöइस उम्र में कोई तीर्थ कराए तो उससे खुशी की बात और क्या होगी? कुछ बुजुर्गों का तो यहां तक कहना था कि जो काम हमारी अपनी औलाद ने आज तक नहीं किया वह केजरीवाल ने कर दिखाया।

-अनिल नरेन्द्र

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