Wednesday, 24 July 2019

राज्यपाल मलिक के बयान पर मचा बवाल

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक बयान से राज्य में बवाल खड़ा हो गया है। जो सियासी तूफान खड़ा हुआ है उसके विरोध में कई नेता राज्यपाल के विरोध में खड़े हो गए हैं। दरअसल सत्यपाल मलिक ने लद्दाख क्षेत्र के कारगिल लद्दाख पर्यटन महोत्सव-2019 का उद्घाटन करते हुए रविवार को कहा कि आतंकवादियों को हत्या ही करनी है तो सुरक्षाकर्मियों समेत बेगुनाहों की हत्या बंद करें और उसकी बजाए उन लोगों को निशाना बनाएं जिन्होंने वर्षों तक कश्मीर की संपदा को लूटा है। आतंकवादियों को पुलिस वालों की जगह भ्रष्ट राजनेताओं और नौकरशाहों की हत्या करनी चाहिए। सत्यपाल मलिक का तर्प था कि यही लोग राज्य को लूट रहे हैं। राज्यपाल मलिक ने कहा था कि पुलिस अपना काम बहुत अच्छे से कर रही है लेकिन अगर एक भी जान जाती है, अगर वो आतंकी की क्यों न हो मुझे तकलीफ होती है। कारगिल में भाषण के दौरान सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि यहां के नेता ही राज्य को लूट रहे हैं, इसलिए आतंकी नेताओं को ही मारें, पुलिस बलों को नहीं। राज्यपाल के इस बयान पर सियासी तूफान खड़ा होना स्वाभाविक ही था। उमर अब्दुल्ला इस बयान पर भड़क गए और कह दिया कि अगर किसी भी नेता की हत्या होती है तो उसके जिम्मेदार राज्यपाल होंगे। नेकां उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक जिम्मेदार व्यक्ति जो राजभवन में बैठा है, आतंकियों से उन नेताओं और नौकरशाहों को मारने के लिए कह रहा है, जिन्हें वह भ्रष्ट समझते हैं। अब यहां जो राजनीतिक हत्याएं होंगी, उसके लिए राज्यपाल को जिम्मेदार माना जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी छवि को देखना चाहिए। पदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर ने भी राज्यपाल पर हमला करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। राज्यपाल क्या यहां जंगलराज कायम करना चाहते हैं। राज्यपाल ने अब्दुल्ला परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि चूंकि एक साल से मैं यहां हूं, जो चीज खोदता हूं, उसमें यही लोग नजर आते है। वही तीन पीढ़ी पहले तक यह कुछ भी नहीं थे। बाद में मलिक ने कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी राज्य के संवैधानिक पमुख के तौर पर नहीं की थी, लेकिन यह उनकी भावनाओं को दर्शाती है और जब वह राज्यपाल नहीं रहेंगे तब भी यही बात कहेंगे। मलिक ने बीबीसी चैनलों से कहा, यहां व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते यह गुस्से एवं निराशा में कही गई बात थी। मैं जहां देखता हूं, वहां भ्रष्टाचार मिलता है। एक संवैधानिक पद पर रहते हुए मुझे ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थीं। लेकिन मैंने जो कहा वह इस मुद्दे को लेकर मेरे भाव थे। मैं इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं।

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