Thursday 25 July 2019

डोनाल्ड ट्रंप के 10796 बड़े झूठ या कोई नया खेल?

प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने जून में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थीöबतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने 869 दिन के कैरियर में 10 हजार 796 बार झूठ बोल चुके हैं। वाशिंगटन पोस्ट की फैक्ट चेकर्स टीम ने राष्ट्रपति ट्रंप के हर वैसे संदिग्ध बयानों का विश्लेषण किया जो उन्होंने दिए थे। अखबार ने दावा किया कि ट्रंप ने हर रोज 23 झूठ बोले हैं। उस दिन भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ प्रेसवार्ता में डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बहुत बड़ा झूठ बोला। साझा प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि मैं इस मामले में मदद कर सपूं तो भारत-पाक के कश्मीर मसले में मध्यस्थ बनने में मुझे खुशी होगी। विवादित बयानों के लिए चर्चित ट्रंप ने यहां तक दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे कश्मीर की मध्यस्थता की बात कही थी। हालांकि तुरन्त बाद व्हाइट हाउस से जारी विज्ञप्ति में कश्मीर का जिक्र तक नहीं था। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कभी भी मध्यस्थता की बात नहीं की। मीडिया से ट्रंप ने कहा कि यदि भारत-पाक चाहें तो वह मध्यस्थता को तैयार हैं। ट्रंप ने दावा किया कि पिछले महीने जी-20 समिट के दौरान मोदी से कश्मीर मसले पर बातचीत हुई थी। बकौल ट्रंप मोदी ने उनसे पूछा था कि क्या आप मध्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां, तो उन्होंने कहा कश्मीर पर। ट्रंप ने कहा मुझे लगता है कि भारतीय भी हल चाहते हैं और आप भी। मैं मदद कर सकता हूं तो खुशी होगी। दो शानदार देश, जिसके पास स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से यह मसला हल नहीं कर पा रहे हैं। इमरान की तरफ देखते हुए ट्रंप ने आगे कहाöमुझे पता है कि भारत के साथ आपके रिश्ते तनावपूर्ण हैं, हम भारत से बात करेंगे। अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब उनके किसी राष्ट्रपति ने किसी देश को लेकर कोई बयान दिया और उन्हीं के विदेश मंत्रालय ने चन्द घंटों में ही उसका स्पष्टीकरण जारी किया हो। भारत ने जिस तरह से ट्रंप के बयान का खंडन करते हुए उसे झूठा करार दिया है। उससे साफ है कि कश्मीर को लेकर ट्रंप ने सरासर मनगढ़ंत बात की है। ट्रंप की इस हरकत से भारत में हर कोई सकते में आ गया है। भारत की संसद से लेकर सोशल मीडिया तक यह मामला गरमाया है और पूछा जा रहा है कि जब भारत ने ऐसी कोई बात की ही नहीं तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कैसे इतनी बड़ी बात कह डाली और वह भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में। सवाल यह है कि क्या ट्रंप ने झूठ बोला है? आखिर इस झूठे बयान के पीछे ट्रंप की मंशा क्या है? कश्मीर मसले पर मध्यस्थता को लेकर ट्रंप के दावे की पोल खोलते हुए डेमोकेटिक पार्टी के सांसद ब्रेंड शेरमैन ने कहा कि सभी जानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी ऐसी बात नहीं करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप का बयान गलत और शर्मनाक है। अब सवाल उठता है कि आखिर कश्मीर को लेकर ट्रंप ने इतना बड़ा झूठ क्यों बोला? इस झूठ के जरिये आखिर वह क्या हासिल करना चाहते हैं? ट्रंप के इस झूठ के पीछे की वजहों पर हम चर्चा कर सकते हैं। अपने बयान से ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि भले ही भारत की हैसियत बढ़ गई हो लेकिन अभी वो उनके मामलों में टांग अड़ा सकता है? वह इस बयान से एक तीर से दो शिकार शायद करना चाहते हैं। पहला कि वह पाकिस्तान को खुश करना और दूसरा, खुद की हैसियत को दुनिया के सामने ताकतवर नेता साबित करना। अमेरिका अफगानिस्तान से हटना चाहता है और इसके लिए उसे पाकिस्तान की मदद की जरूरत है। फिर यह भी कारण हो सकता है कि पाकिस्तान चीन का साथ छोड़कर पूरी तरह से अमेरिका की शरण में आ जाए। अमेरिका के कई पूर्व राष्ट्रपतियों को शांति प्रयासों के लिए नोबेल प्राइज मिल चुका है। शायद कश्मीर मुद्दे में जबरन घुसकर ट्रंप भी खुद को नोबेल प्राइज में शामिल करवाना चाहते हों। फिर हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी दूसरी पारी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और अमेरिका में काफी पाकिस्तानी मूल के अमेरिकन हैं। पिछले कुछ दिनों से ट्रंप कुछ नया करना चाहते हैं। कुछ ऐसा जो उन्हें दुनिया में उभारकर सामने ला दे। वो हर उस मुद्दे पर जाना चाहते हैं जो अनसुलझा है। इसे सनक कहो या कूटनीति? वे खुद को सर्वशक्तिशाली बनाने में जुटे हैं। वे किम जोंग की तारीफ करते हैं, उत्तर कोरिया में कदम रखते हैं तो ईरान को युद्ध के लिए ललकारते भी हैं। कभी मोदी को दोस्त कहते हैं तो कभी भारत पर ट्रेड वॉर छेड़ देते हैं। जिनपिंग को अपना जैसा बताते हैं तो चीन को आंखें भी दिखाते हैं, वे पाकिस्तान को दोगला और धोखेबाज बताते हैं तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से गले मिलते हैं और पाकिस्तान आने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आमंत्रण को स्वीकार भी करते हैं। ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हैं। उन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में देखा और माना जाता है। अगर एक इतना ताकतवर जिम्मेदार नेता इस तरह के झूठ से सुर्खियां बटोरे और विवादों को जन्म दे तो इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है।

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