Friday 12 July 2019

जज को ब्लैकमेल कर नवाज शरीफ को दिलाई सजा

इन दिनों पाकिस्तान में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की नेता मरियम नवाज के एक वीडियो की चर्चा जोरों पर है। मरियम नवाज ने आरोप लगाया है कि जज को ब्लैकमेल कर उनके पिता व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सजा दिलाई गई। उन्होंने एक वीडियो क्लिप जारी किया है, जिसमें जबावदेही अदालत के जज कथित तौर पर स्वीकार करते दिख रहे हैं कि नवाज को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया और उन पर दबाव डाला गया था। लाहौर में शनिवार को पीएमएल (एन) के वरिष्ठ नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा कि उनके 69 वर्षीय पिता को लेकर समूची न्यायिक प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया गया। नवाज शरीफ अल अजीजिया स्टील मिल मामले में भ्रष्टाचार के दोषी ठहराए जाने के बाद 24 दिसम्बर, 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं। उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। शरीफ और उनके परिवार ने कुछ भी गलत किए जाने से इंकार किया है और आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ मामले राजनीति से प्रेरित हैं। मरियम का दावा है कि जबावदेही अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश अरशद मलिक ने उनकी पार्टी के समर्थक नसीर भट्ट के साथ बातचीत में यह स्वीकार किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ फैसला देने के लिए उन्हें (अज्ञात लोगों के द्वारा) ब्लैकमेल और मजबूर किया गया। मरियम ने कहा कि न्यायाधीश मलिक ने कहा था कि शरीफ के खिलाफ धन शोधन या कोई अन्य गलत वित्तीय लेन-देन मामले का कोई सबूत नहीं है। मलिक ने कहा था, उन्हें (शरीफ) को जेल भेजने के आदेश देने पड़े जिसके लिए वे पश्चाताप कर रहे हैं। जबावदेही अदालत न्यायाधीश मलिक ने रविवार को मरियम के आरोपों को खारिज किया और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को सबूत के आधार पर ही दोषी ठहराया गया था। पाकिस्तान इलैक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने रविवार को 21 टीवी चैनलों पर आयोजित हुए मरियम के संवाददाता सम्मेलन को बिना संपादन के सीधे प्रसारण करने के लिए नोटिस जारी किए। सात दिनों में जबाव मांगा है। सत्तारूढ़ इमरान खान सरकार ने कहा है कि वीडियो छेडछाड़ से तैयार किया गया है। उन्होंने वीडियो का फोरेंसिक ऑडिट कराने की मांग करते हुए न्यायपालिका पर हमला करार दिया। यह जबावदेही अदालत की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की साजिश है। देखें, इस वीडियो का कोई असर होता है या नहीं? मुश्किल ही दिखता है क्योंकि न तो पाक सेना और न ही इमरान खान सरकार अब नवाज शरीफ को छोड़ने का जोखिम उठा सकती है।

-अनिल नरेन्द्र

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