Thursday 11 July 2019

सुकून की जिंदगी जी रहे अलगाववादियों के बच्चे

कश्मीर के यह अलगाववादी नेता आए दिन कश्मीर में हड़ताल, बंद का ऐलान करते हैं और स्थानीय युवकों को सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने के लिए उकसाते रहते हैं। यह युवक भी इनकी बातों में आ जाते हैं और पत्थरबाजी करते हैं और बंद करवाते फिरते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन अलगाववादी नेताओं के खुद के बच्चे विदेशों में सुरक्षित पढ़ रहे हैं और इनकी कोई भी संतान कश्मीर की अलगाववादी गतिविधि में शामिल नहीं होते। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 200 अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है। कश्मीर के अलगाववादी नेता अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को विदेश भेजने के चलते सरकार की निगाह में आ गए हैं। गृह मंत्रालय ने 200 अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है, जिनके बच्चे या तो विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं या फिर नौकरियां कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने हाल में संसद में इन अलगाववादी नेताओं का ब्यौरा रखा। गृह मंत्रालय ने अपनी सूची में टिप्पणी की है कि कश्मीर के नाम पर राजनीति करने वाले हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं को भले ही आम कश्मीरियों के भविष्य से कुछ लेना-देना न हो, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य को लेकर वह काफी सजग जरूर हैं। कश्मीरी युवाओं के हाथों में किताबों की जगह बंदूक और पत्थरबाजी को बढ़ावा देने वाले व उन्हें उकसाने वाले नेताओं के 210 बच्चे विदेशों में अपना भविष्य संवार रहे हैं। इस सूची के मुताबिक तहरीक--हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहराई के दो बेटेöखालिद और आबिद अशरफ सऊदी अरब में काम करते हैं और वहीं बस गए हैं। जमात--इस्लामी के सदर गुलाम मोहम्मद बट का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर है। दुख्तरान--मिल्लत की आसिया अंद्राबी के दो बेटे विदेश में पढ़ते हैं। आसिया का बेटा मोहम्मद बिन कासिम मलेशिया और अहमद बिन कासिफ ऑस्ट्रेलिया में पढ़ता है। इसी तरह सैयद अली शाह गिलानी का बेटा नईम गिलानी ने न सिर्प पाकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की, बल्कि अब वहीं रावलपिंडी में प्रैक्टिस भी कर रहा है। गिलानी की बेटी सऊदी अरब में शिक्षक और दामाद इंजीनियर हैं। गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह की एक बेटी तुर्की में पत्रकार और दूसरी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। गिलानी के एक दूसरे दामाद जहूर गिलानी का बेटा सऊदी अरब में है और वहीं एयरलाइंस में नौकरी कर रहा है। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारुक की बहन रूबिया फारुक एक डॉक्टर हैं और अमेरिका में बस गई हैं। इसी तरह बिलाल लोन के बेटी-दामाद लंदन में रह रहे हैं और उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। अलगाववादी मोहम्मद शफी रेशी (डीपीएम) का बेटा अमेरिका में पीएचडी कर रहा है। अशरफ लाया की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। मुस्लिम लीग के नेताओं मोहम्मद यूसुफ मीर और फारुक गतपुरी की बेटियां भी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं। इसी तरह डेमोकेटिक मूवमेंट के ख्वाजा फिरदौस वानी की बेटी भी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। वहबित--इस्लामी नेता निसार हुसैन राठौर की बेटी ईरान में काम करती हैं और अपने पति के साथ वहीं पर रह रही हैं। इन अलगाववादी नेताओं व हुर्रियत के नेताओं की हकीकत यही है कि खुद के बच्चे विदेशों में सुरक्षित और कश्मीर के युवाओं को भड़काने का काम करते हैं। इन नेताओं को बेनकाब करना होगा। गृह मंत्रालय ने यह एक अच्छा काम किया है, ऐसे नेताओं की सूची जारी कर जो कश्मीर घाटी में हर समय आग लगाने का काम कर रहे हैं। इनके खिलाफ कानून के हिसाब से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि इनको पता चले कि दूसरों को बर्बादी के रास्ते पर ले जाने वालों का खुद का क्या हश्र होता है।

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