Friday 19 July 2019

बेशक जमानत तो हो गई पर फिलहाल लालू रहेंगे अंदर

अंतत चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है। अदालत ने सजा की आधी अवधि जेल में काटने के आधार पर शुक्रवार को लालू को जमानत की सुविधा प्रदान की है। लालू को जमानत के लिए 50-50 हजार रुपए के दो निजी मुचलके सीबीआई कोर्ट में जमा करने होंगे। इसके साथ सजा के दौरान अदालत द्वारा लगाई गई जुर्माने की राशि पांच लाख रुपए भी जमा करनी होगी। अदालत ने कहा कि अगर उन्होंने अपना पासपोर्ट अदालत में जमा नहीं किया तो निचली अदालत में उसे जमा करा दें। इससे पहले सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद की जमानत का जोरदार विरोध किया गया। अदालत को बताया गया कि हाई कोर्ट से जब लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज हुई थी तो उन्होंने फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी। उसमें लालू प्रसाद की ओर से आधी सजा काटने को आधार बनाया था। सीबीआई का जवाब देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था और उनकी याचिका खारिज कर दी थी। एक बार फिर आधी सजा काटने का आधार बनाते हुए लालू की ओर से यह हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। एक बार जिस आधार पर उनकी याचिका खारिज हो गई है, दोबारा इसी आधार पर उन्हें जमानत नहीं देनी चाहिए। इसके बाद लालू प्रसाद के वकील ने अदालत को बताया कि उन्होंने मेरिट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। इसमें कहीं भी आधी सजा को आधार नहीं बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करने का कोई आधार नहीं बताया है, इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने लालू को जमानत देने का निर्णय किया। लालू प्रसाद चाइबासा, देवधर और दुमका से अवैध निकासी मामले में सजायाफ्ता है। फिलहाल लालू यादव रांची स्थित रिम्स (राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में इलाज करवा रहे हैं, उन्हें मधुमेह, हृदय रोग सहित कई अन्य बीमारियां हैं। उनकी खराब तबीयत को देखते हुए प्रत्येक शनिवार को परिवार सहित राजनीतिक लोग उनसे मिलने रिम्स पहुंचते हैं, इस मामले में जमानत मिलने के बाद भी लालू प्रसाद जेल में ही रहेंगे। दुमका और चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में भी निचली अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है। दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने लालू जी की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है। देवधर मामले में भले ही जमानत मिल गई है, लेकिन लालू को अभी डेढ़ साल तक जेल में ही रहना होगा। डेढ़ साल बाद ही जेल से निकल पाएंगे लालू प्रसाद यादव।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment