Wednesday 3 July 2019

धर्म-ईमान का वास्ता देकर बॉलीवुड छोड़ना

दंगल गर्ल नेशनल अवार्ड विजेता अभिनेत्री जायरा वसीम ने काफी कम उम्र और समय में ही अपनी दमदार एक्टिंग से बॉलीवुड में अपनी पहचान बना ली है। अब वह सोनाली बोस की फिल्म `द स्काई इज पिंक' में पर्दे पर नजर आएंगी। इस बीच जायरा ने रविवार को फिल्मों में काम नहीं करने का ऐलान कर दिया। आमिर खान की फिल्म `दंगल' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली जायरा ने फेसबुक पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा कि अब मैं काम नहीं करूंगी। उन्होंने लिखा-पांच साल पहले मैंने एक फैसला लिया जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। मैंने जैसे ही अपने कदम बॉलीवुड में रखे, इसने मेरे लिए लोकपियता के दरवाजे खोल दिए। मुझे सफलता के विचार के तौर पर पेश किया जाने लगा और अक्सर युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर मेरी पहचान होने लगी। हालांकि, मैंने कभी भी ऐसा करना या बनना नहीं चाहा था। अब जब मैंने इस पेशे में 5 साल पूरे कर लिए हैं। मैं इस बात को स्वीकार करती हूं कि काम की वजह से मिली पहचान से मैं खुश नहीं हूं। नई जीवन शैली पर पकड़ बनाने का पयास करते हुए महसूस हुआ कि मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं। यह क्षेत्र निश्चित तौर पर मेरे लिए ढेर सारा प्यार, सहयोग और सराहना लेकर आया, लेकिन साथ ही इसने मुझे अज्ञानता के रास्ते पर धकेल दिया, क्योंकि मैं चुपचाप व अंजाने में ईमान के रास्ते से भटक गई थी। चूंकि मैं लगातार मेरे ईमान के बीच आने वाले माहौल में काम कर रही थी, मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में पड़ गया था। यह रास्ता मुझे अल्लाह से दूर कर रहा था। जायरा के इस ट्वीट के आते ही सियासी दंगल शुरू हो गया। जायरा के समर्थन में उतरे समाजवादी पार्टी के सांसद ने विवादित बयान दे दिया तो दूसरे पार्टियों के नेताओं ने भी उनके उलट बयान दे दिया। सपा के सांसद टी हसन ने जायरा के फैसले को सही करार देते हुए कहा कि यदि उन्हें जिस्म की नुमाइश करनी पड़ रही थी तो यह फैसला सही है। उन्होंने कहा कि जिस्म की नुमाइश करना अल्लाह से दूर होना है और गुनाह है। यूपी के मुरादाबाद से सांसद हसन ने कहा, इस्लाम ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों में भी महिलाओं के जिस्म की नुमाइश करना मना है। मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि मैं जायरा के फैसले से हैरान हूं। यह बेवकूफी भरा फैसला है। मुस्लिम समुदाय में कई लोगों की पतिभा बुर्पे के अंदर ही छुपी रह जाती है। वहीं देवबंदी उलेमा ने जायरा के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जायरा ने फिल्मों का जो रास्ता चुना था उसके लिए इस्लाम में मना किया गया है। उन्हें गलत रास्ता चुनने का एहसास हुआ और फिर उन्होंने उससे (फिल्म से) तौबा कर ली। जायरा बधाई की पात्र हैं -कारी इस्हाक गोरा, जमीयत दावतुल मुसलमीन के संरक्षक, शिव सेना नेता पियंका चतुर्वेदी का कहना था कि हर किसी को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है, लेकिन कैरियर के लिए धर्म को असहिष्णुता नहीं ठहराया जाना चाहिए। जायरा को लेकर यह फिजूल का विवाद टल सकता था अगर जायरा एक्टिंग छोड़ने की यूं सार्वजनिक घोषणा न करतीं। वह एक्टिंग करना चाहती हैं या नहीं यह उनका निजी फैसला है, जिस पर किसी को ऐतराज नहीं हो सकता पर यूं ड्रामा करके छोड़ना गैर जरूरी था, जिससे बचा जा सकता था। कुछ तो इसे पब्लिसिटी स्टंट मानते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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