राजधानी
दिल्ली के नगर निगमों के स्कूलों में अमूमन सुविधाओं के अभाव और असुरक्षा मामले तो
अकसर सामने आते रहते हैं, लेकिन
इस बार जो मामला सामने आया है उसने पूरी व्यवस्था और कार्यशैली पर ही प्रश्नचिन्ह लगा
दिया है। नगर प्रशासन के लिए ही नहीं बल्कि माता-पिता और पूरे
समाज के लिए भारी चिंता का विषय होना चाहिए। केवल पूर्वी नगर निगम के स्कूल की बात
करें तो यहां पर पढ़ने वाला हर सातवां बच्चा नशे का आदी हो चुका है। यह रिपोर्ट किसी
गैर-सरकारी संस्था ने नहीं, बल्कि निगम
ने खुद करवाई है। ऐसे में इसे गलत ठहराने का सवाल ही उत्पन्न नहीं होता है। पूर्वी
दिल्ली नगर निगम ने अपनी ये रिपोर्ट पेश भी कर दी है। निगम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे
केवल तंबाकू ही नहीं, बल्कि अफीम तक का सेवन करते हैं। रिपोर्ट
पर नजर डालें तो पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कुल 368 स्कूलों में
1,71,449 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 75,037 छात्र इन पदार्थों का सेवन करते हैं। जब]िक 12,627 छात्र
नियमित रूप में नशे का सेवन करते हैं। इसमें से 8182 छात्र सुपारी
के साथ अफीम मिलाकर सेवन करते पाए गए। वहीं 2613 छात्र तंबाकू
का सेवन करते मिले। 1410 छात्र बीड़ी और सिगरेट पीते पाए गए।
इसके अलावा 231 शराब का सेवन करते हैं तो 191 फ्लूड, पेट्रोल और सुलोचन (एक औद्योगिक
गोंद) और सीरिंज से नशा करते मिले। सर्वे टीम का नेतृत्व करने
वाले पूर्वी दिल्ली नगर निगम के डिप्टी हेल्थ ऑफिसर डॉ. अजय लेखी
ने कहा कि सर्वे के दौरान हमने कई चिंताजनक चीजें देखीं। इसमें काफी मात्रा में खून
से सनी सुइंयां एंटी एलर्जिक दवा एविल की शीशियां और गोलियां, मेफेनटाइन दवा की बच्चों के बैग और स्कूल परिसर में उपस्थिति चौंकाने वाली
थी। वर्ष 2012 में हाई कोर्ट ने दिल्ली के नगर निगमों को आदेश
दिया था कि वह अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की काउंसलिंग कराएं। क्योंकि इन दिनों
ज्यादातर बच्चे नशे के आदी हो रहे हैं। इसी पर संज्ञान लेते हुए पूर्वी दिल्ली नगर
निगम ने अपने यहां पर 80 काउंसिलर की भर्ती की थी। यह सभी लगातार
बच्चों की काउंसिलिंग कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। यह मामला गुरुवार को राज्यसभा में
भी उठा। स्कूली बच्चों के बीच नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर सदन में लाए गए ध्यानाकर्षित
प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चन्द
गहलोत ने जानकारी दी। बच्चों व किशोरों को नशे से दूर रखने के लिए सरकार एक कार्ययोजना
तैयार करेगी। इसके लिए 10 शहरों के स्कूल व कॉलेजों में छात्रों
के बीच नशे की आदत पर सर्वेक्षण कराया जा रहा है। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने
बताया कि देश में 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं। चर्चा
का जवाब देते हुए गहलोत ने बताया कि जिन शहरों में यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है,
उनमें दिल्ली, श्रीनगर, चंडीगढ़,
लखनऊ, रांची, मुंबई,
बेंगलुरु, हैदराबाद, इंफाल,
डिब्रूगढ़ शामिल हैं। सर्वेक्षण की रिपोर्ट इस साल नवम्बर तक मिल जाएगी।
सरकार तो जो करेगी सो करेगी पर स्कूल के टीचरों व माता-पिताओं
को अपने बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। देखना चाहिए कि वह क्यों नशे का सेवन कर रहे हैं
और इसे कैसे रोका जाए।
-अनिल नरेन्द्र
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