Friday 12 July 2019

जब करोड़ों भारतीयों की मैनचेस्टर में उम्मीदें टूटा

करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें तब धरी की धरी रह गईं जब भारत बुधवार को न्यूजीलैंड से हार कर विश्व कप से बाहर हो गया। एक ही झटके में भारत की उम्मीदें विश्व कप में चूर-चूर हो गईं जब हम सेमीफाइनल तक पहुंच कर न्यूजीलैंड से महज 18 रन से हार गए। महज 240 रन का टारगेट वैसे तो कोई बड़ा नहीं था, 300 बॉलों में 240 रन बनाने थे पर टीम इंडिया की अत्यंत बुरी बैटिंग परफार्मेंस के चलते वह कुल 221 रन पर ही ढेर हो गई। हमारे बॉलरों ने शानदार काम किया और न्यूजीलैंड को 240 रनों पर समेट दिया। यह टोटल शायद और भी कम हो सकता था अगर मोहम्मद शमी को हम सेमीफाइनल मैच में खिलाते। जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर, रविन्द्र जडेजा और चहल ने अच्छी बॉलिंग की। भारतीय टीम के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए 240 रन का लक्ष्य कुछ खास नहीं लग रहा था। लेकिन ओवर कास्ट कंडीशन में न्यूजीलैंड के ओपनिंग बॉलर्स मैट हेनरी और ट्रेंट बोल्ट ने कहर भरपा दिया। 26 मार्च 2015 को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल में मिली 95 रनों की हार के बाद भारत ने 2019 विश्व कप की तैयारियां शुरू कर दी थीं। इनमें चौथे नम्बर के बल्लेबाज की खोज भी शामिल थी, लेकिन चार साल बाद का यह सफर न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों के शुरुआती 45 मिनट के स्पैल के आगे धराशायी हो गया। विराट की टीम नौ लीग मैचों में सात मुकाबले जीतने वाली टीम इंडिया न्यूजीलैंड से 18 रनों से पराजित हो गई। 1983 और 2011 की विश्व कप चैंपियन भारतीय टीम को एक और खिताब जीतने के लिए अब कम से कम 2023 में भारत में होने वाले विश्व कप का इंतजार करना होगा। आखिर जिसका डर था वही हुआ। चयन के कड़वे सच ने पलटी मारी भी तो सेमीफाइनल में, विश्व कप से पहले और टूर्नामेंट के दौरान सभी की जुबां पर यही सवाल था कि कहीं रोहित शर्मा और विराट कोहली की जोड़ी नहीं चली तो मध्य क्रम को कौन संभालेगा? अब तक इस कड़वे सच्चाई पर रोहित-विराट के प्रदर्शन ने पर्दा डाल रखा था जिसके चलते मध्य क्रम में लगातार प्रयासों से फर्प नहीं पड़ा, लेकिन यह बातें लीग स्टेज की थीं, जहां एक या दो हार से फर्प नहीं पड़ने वाला था। लीग स्टेज के मैचों में रोहित, राहुल और विराट ये तीनों एक समय विफल नहीं हुए थे। मंगलवार को बारिश के कारण मैच रोकना पड़ा था। बुधवार को न्यूजीलैंड ने बैटिंग शुरू की और 46.1 ओवर में 221/5 से आगे खेलना शुरू किया और 239 पर सिमट गई। वैसे यह भी एक कारण था हमारी हार का अगर मंगलवार को बारिश से खेल न तो रुकता तो टीम इंडिया उस समय पूरी लय में थी और पिच भी न्यूजीलैंड की बैटिंग के बाद सूख चुकी थी। अगले दिन ओवर कास्ट कंडीशन में बाल स्विंग करने लगी और पहले तीन भारतीय बल्लेबाजöओपनर रोहित शर्मा और केएल राहुल और फिर विराट कोहली 3.1 ओवर में टोटल बोर्ड पर पांच रन बनाकर ही आउट हो गए। महज 240 का टारगेट भारतीय टीम पा नहीं सकी और 221 रन पर ही ढेर हो गई। केवल रविन्द्र जडेजा (59 गेंद पर 77 रन) ही  छठा विकेट गिरने पर आकर चौके, छक्के लगाकर बल्लेबाज के रूप में अपना धर्म निभा सके। महेंद्र सिंह धोनी ने ओवर डिफेसिंग खेलते हुए 72 गेंदों पर 50 रन बनाए लेकिन उनका विकेट पर टिकना जरूरी था और उन्होंने यह काम सही निभाया। बाकी टीम की बल्लेबाजी ने बेड़ागर्प करके रख दिया। देखने में तो यह हार महज 18 रन की थी लेकिन दो बार के विश्व चैंपियन के लिहाज से यह महापराजय थी। इंग्लैंड में तमाम दर्शकों और पूरी दुनिया में टीम इंडिया के फैंस आंसुओं में डूब गए। टीम की पराजय को लेकर बहुत से कारण सामने आ रहे हैं। मेरी राय में हमारी हार के कई कारण रहे। टीम इंडिया की सिलैक्शन से शुरू करते हैं। पिछले चार सालों हम अपना मिडिल ऑर्डर सही नहीं बना पाए। रविन्द्र जडेजा को लीग मैचों से दूर क्यों रखा गया जबकि वह बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग में माहिर हैं, जैसा उन्होंने सेमीफाइनल में साबित भी कर दिया? विश्व कप में टीम इंडिया पहली ऐसी टीम होगी जिसमें चार-चार विकेटकीपर खेल रहे थे? दिनेश कार्तिक को किस हैसियत से सेमीफाइनल खिलाया गया? अंबाती रायुडु निराश होकर क्रिकेट से संन्यास लेने पर मजबूर हो गए। चौथे बल्लेबाज अवेलेवल थे। मोहम्मद शमी जो लगातार बढ़िया परफार्मेंस दे रहे थे उन्हें बाहर क्यों बिठाया गया? दिनेश कार्तिक को ड्राप करके शमी को टीम में लेते तो न्यूजीलैंड का स्कोर और कम हो सकता था। ओवव कास्ट कंडीशन में बॉल स्विंग हो रही थी और शमी घातक गेंदबाजी कर सकते थे। हम टॉप ऑर्डर पर ज्यादा निर्भर रहे। रोहित, राहुल और कोहली ने मिलकर तीन रन बनाए। जबकि लीग मैचों में टॉप-3 बल्लेबाजों ने टीम के 69 प्रतिशत रन बनाए थे। मिडिल ऑर्डर के खराब शॉटöपंत और हार्दिक पांड्या खराब शॉट खेलकर आउट हुए और जानते हुए कि उनका क्रीज पर रहना अत्यंत आवश्यक था। लीग मैचों में भारतीय मिडिल ऑर्डर ने सिर्प दो बार 50+ का स्कोर किया है। पहले 10 ओवर के पॉवर प्ले में टीम इंडिया सिर्प 24 रन बना पाई। यह वर्ल्ड कप में सबसे कम स्कोर था। नाकआउट मैच में टारगेट चेस करना मुश्किल होता है। न्यूजीलैंड ने टॉस जीता इसलिए बल्लेबाजी चुनी। बारिश से अगले दिन गेंदबाजी के लिए अच्छी कंडीशन मिली। 208 के स्कोर पर जडेजा आउट हुए। उम्मीद थी कि क्योंकि धोनी क्रीज पर थे। 48वें ओवर की पहली गेंद पर जोरदार छक्का जमाया, पर इसी ओवर की तीसरी गेंद पर जब धोनी रन आउट हुए तो यहीं से मैच जीतने की थोड़ी-बहुत जो उम्मीदें थीं, पानी-पानी हो गईं। सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण सहित पूर्व क्रिकेटरों ने सेमीफाइनल में धोनी को सातवें क्रम में बल्लेबाजी पर भेजने को रणनीतिक चूक करार दिया है। हार्दिक पांड्या और कार्तिक को धोनी से पहले भेजा गया जबकि शीर्ष क्रम बुरी तरह से लड़खड़ा गया। विश्व कप 2011 के फाइनल में भी वह खुद युवराज सिंह से ऊपर चौथे नम्बर पर आए थे और विश्व कप जीतने में सफल रहे। दरअसल हमारी राय में इस टीम में ज्यादा खिलाड़ी टी-20 के हैं जो वनडे में खेलने की क्षमता नहीं रखते। टीम मैनेजमेंट का अब ओवर हॉल होना चाहिए। कोच रवि शास्त्राr को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए। विराट कोहली को फ्री खेलने के लिए उनसे कप्तानी ले लेनी चाहिए और किसी और को चांस देना चाहिए। इस हार से सबक लेते हुए अगले विश्व कप की तैयारी अभी से शुरू करनी चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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