Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 4 July 2012
अनिल नरेन्द्र
तब से भारत से डरने वालों की संख्या 11 बिन्दु से बढ़कर 59 फीसदी हो गईं है। दूसरी ओर तालिबान को सबसे बड़ा खतरा बताने वालों का प्रातिशत नौ बिन्दु कम हो गया है। सव्रेक्षण के मुताबिक भारत अकेला ऐसा देश नहीं है जहां पाकिस्तान के प्राति नकारात्मक दृष्टिकोण है। जिन सात देशों में यह प्राश्न पूछा गया, उनमें से छह में पाकिस्तान के प्राति नकारात्मक रुख देखा गया। चीन, जापान और मुस्लिम बहुल मिरत्र, जार्डन व ट्यूनीशिया में यह सवाल पूछा गया।
जनरल जिया उल हक ने मुल्क की शिक्षा में जो जहर भरा, उसे बाद की सरकारों ने दूर नहीं किया। कराची में बिताए अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह शहर हिन्दुओं, पारसियों और ईंसाइयों का साझा शहर था। वे सभी अब चले गए हैं। हदू भाईं ने इस स्थिति के लिए मदरसों को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया और अफसोस प्राकट किया कि मुशर्रफ के शासनकाल के दौरान सुधार के लिए शुरू किए गए प्रायासों को ज्यादा दूर नहीं ले जाया गया। हदू भाईं की बातों पर हमें आार्यं नहीं हुआ। यूं ही नहीं पाकिस्तानी भारत से नफरत करते।
हमें इस सव्रेक्षण के नतीजों पर आर्यं नहीं हुआ। पाकिस्तान में छोटे बच्चों को ही भारत से नफरत करनी सिखाईं जाती है। इसकी पुष्टि एक पाकिस्तान के नामी विद्वान ने भी की है। पाकिस्तान के नामी विद्वान ने अपने मुल्क के स्वूलों में पढ़ाईं जा रही किताबों के जरिए वुछ चौंकाने वाली बातें दुनिया के सामने रखी हैं। न्यूक्लियर साइंटिस्ट और ताजा मुद्दों पर लिखने वाले हदू भाईं ने कहा है कि पाकिस्तान के स्वूलों में बच्चों के जहन में कट्टरपंथी और भारत विरोधी विचार डाले जा रहे हैं। इससे एक ओर पाकिस्तान में कट्टरपंथ मजबूत हो रहा है वहीं दूसरी ओर भारत के प्राति नफरत बढ़ रही है। हदू भाईं ने ब्रिटेन के किग्स कॉलेज में एक सेमिनार के दौरान आतंकवाद से लड़ाईं में शिक्षा की भूमिका से जुड़े उदाहरण पेश किए। हदू भाईं ने एक प्राइमर (प्राथमिक पाठ्य पुस्तक) से वुछ तस्वीरें और पाठ्य सामग्री पेश की। इसमें उर्दू में से अल्लाह, से बन्दूक, से टकराव, ज से जेहाद, से हिजाब, से खंजर और से जुदूब पढ़ाया जाता है। परवेज ने पाक में कक्षा पांच में पढ़ाईं जाने वाली किताबों से भी वुछ उदाहरण पेश किए। इनमें हिन्दुओं और मुस्लिमों में अन्तर को समझना और पाकिस्तान की जरूरत ‘पाकिस्तान के खिलाफ भारत के नापाक इरादे और शहादत और जिहाद पर भाषण’ तैयार करने जैसे विषयों पर चर्चा शामिल है। हदू भाईं ने कहा कि बीते 60 बरसों में पाकिस्तान में बड़ा बदलाव आया है।
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