Friday, 13 July 2012

समाजवादी पार्टी का मिशन ः प्रधानमंत्री मुलायम सिंह

समाजवादी पार्टी का अब अगला मिशन केंद्र में सरकार बनाने का है और श्री मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने का। इस मिशन पर अब पार्टी लग भी गई है। श्री मुलायम सिंह कई बार कह चुके हैं कि अगले लोकसभा चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं। दो दिन पहले भी उन्होंने यह दोहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस लें क्योंकि लोकसभा चुनाव समय से पहले 2013 में ही हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी कार्यालय (लखनऊ) में आयोजित वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मुलायम ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान राजनीतिक हालातों को देखते हुए चुनाव निर्धारित समय (2014) से पहले होने से इंकार नहीं किया जा सकता। अकेले मुलायम सिंह ही इस विचार के नहीं कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी यही मानना है कि मनमोहन सिंह सरकार अब ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती। अब तो पार्टी के संकट मोचक प्रणब मुखर्जी भी बचाने के लिए नहीं हैं। मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी से न तो पार्टी सम्भल रही है और न ही सरकार। मुलायम सिंह को लगता है कि विधानसभा में जिस प्रकार अखिलेश को जीत मिली है उसे देखते हुए पार्टी 50 सीटें जीत सकती है। मुलायम ने लोकसभा चुनाव के लिए जिताऊ प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश के लिए 58 पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिए हैं। साथ ही यह भी ताकीद कर दी है कि कोई भी विधायक या मंत्री लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। केंद्र में सपा को सरकार बनानी है इसलिए टिकट उसी को दिया जाएगा जिसकी जीतने की सम्भावना हो। प्रत्याशियों के चयन के लिए इच्छुक लोगों से दस हजार रुपए देकर आवेदन भरने को कहा गया है। आवेदन पत्र जमा करने के बाद पर्यवेक्षकों से प्रत्याशी के बारे में रिपोर्ट देने को कहा जाएगा। जिस प्रत्याशी को पर्यवेक्षक जिताऊ मानेगा, उसी को टिकट दिया जाएगा। पार्टी ने अपना सारा ध्यान उन 58 संसदीय क्षेत्रों पर लगाया है जहां से पार्टी चुनाव हारी थी। पर्यवेक्षकों को 30 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। चुनाव कभी भी हो सकते हैं इसलिए सारी तैयारी विधानसभा की तर्ज पर समय से पहले कर लिए जाने पर जोर दिया गया। पार्टी की यह रणनीति रहेगी कि अखिलेश यादव की उज्ज्वल छवि को लोकसभा चुनाव में भी इस्तेमाल किया जाएगा। समाजवादी पार्टी अकेली ही नहीं जो लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई हो। मायावती ने भी तैयारियां आरम्भ कर दी हैं। हाल के विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के बाद बसपा ने संगठन में बदलाव हेतु कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एक महत्वपूर्ण फेरबदल में दल के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को हटाकर पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। उधर नगर निगम चुनावों में भारी जीत के बाद भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी में नई ऊर्जा आ गई है। वह भी मिशन लोकसभा में जुट गए हैं। देखना यह है कि लोकसभा के चुनाव समय से पहले होंगे या फिर संप्रग सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और चुनाव समयानुसार 2014 में होंगे?

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