Tuesday 24 July 2012

आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी के पीछे असल उद्देश्य क्या है?

योग बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ आगामी साझा अभियान के ठीक पहले शुक्रवार को रामदेव के खास सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को सीबीआई ने पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया। बालकृष्ण के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट मामले में कोर्ट में हाजिर होने का सम्मन जारी किया गया था। सूत्रों ने कहा कि बालकृष्ण को शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत में हाजिर होना था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। इसके बाद उन्हें हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योग पीठ आश्रम से वहां मौजूद लोगों के विरोध के बीच गिरफ्तार कर लिया गया। फर्जी पासपोर्ट, दोहरी नागरिकता और फर्जी डिग्री मामले में सीबीआई ने पिछले साल 23 जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी। इसी महीने 10 जुलाई को बालकृष्ण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। अदालत ने उन्हें पेश होने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया था। सीबीआई ने जांच में पाया कि बालकृष्ण ने उत्तर प्रदेश के खुर्जी के संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य से मिलकर फर्जी सर्टिफिकेट लिया जिससे पासपोर्ट बनवाया। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित दूसरी धाराओं में मामले दर्ज किए गए। बालकृष्ण के खिलाफ पासपोर्ट कानून के तहत भी प्रकरण दर्ज किया गया। सम्पूर्णानन्द संस्कृत यूनिवर्सिटी से पूछताछ में पता चला कि बालकृष्ण का नाम उनके रिकार्ड में नहीं है। सीबीआई ने बालकृष्ण के सर्टिफिकेट में दिए गए नामांकन क्रमांक को संस्थान के रिकार्ड से मिलाया जिसमें यह नम्बर किसी अन्य विद्यार्थी का पाया गया। इसी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री बालकृष्ण ने बनवाई थी। बालकृष्ण की नागरिकता के बारे में भी नेपाल से जानकारी मांगी गई लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया है। आचार्य के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी का देहरादून और हरिद्वार में जबरदस्त विरोध किया, नारेबाजी की और उनकी कार के आगे लेट गए और पतंजलि योग पीठ के सामने हाइवे जाम कर दिया। पुलिस को स्थिति सम्भालने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी की निन्दा करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि सरकार ने नौ अगस्त के आंदोलन को कुचलने के लिए साजिश के तहत आचार्य को सीबीआई के माध्यम से गिरफ्तार करवाया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन से घबराई केंद्र सरकार ने आतंकवादियों की तर्ज पर आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी की है लेकिन इससे आंदोलन कमजोर नहीं होगा। शुक्रवार की रात सहारा ग्रेस में पत्रकारों से मुखातिब बाबा ने कहा कि पहले सीबीआई के जरिये सरकार ने नेपाल सरकार पर दबाव बनाया कि वह बालकृष्ण को नेपाली नागरिकता संबंधी प्रमाण पत्र दें। लेकिन जब नेपाल सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि आचार्य बालकृष्ण भारत के नागरिक हैं तो फिर फर्जी उपाधि का षड्यंत्र रच कर बालकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया। रामदेव का कहना है कि संविधान में अनपढ़ों को भी पासपोर्ट हासिल करने का अधिकार है तो आचार्य को पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी उपाधि की क्या आवश्यकता है? बालकृष्ण की गिरफ्तारी का लाभ उठाते हुए पूछताछ में रामदेव की आर्थिक व व्यापारी गतिविधियों के बारे में सीबीआई को मदद मिलेगी। इसमें जहां बदले की कार्रवाई की बू आती है वहीं असल टारगेट बाबा लगते हैं। बालकृष्ण तो महज दबाव बनाने वाले एक मोहरा हैं। अन्ना हजारे और बाबा रामदेव में बहुत फर्प है। अन्ना हजारे एक फकीर हैं जो बहुत साधारण जीवन व्यतीत करते हैं जबकि बाबा हाई प्रोफाइल उद्योगपति बन गए हैं जिनका करोड़ों का कारोबार है और अरबों का साम्राज्य। असल निशाना तो बाबा रामदेव ही हैं।

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