Sunday, 2 March 2014

क्या इस बार उत्तर पदेश में लोकसभा चुनाव में कमल खिलेगा?

लोकसभा चुनाव में दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने के लिए रास्ता उत्तर पदेश से ही जाता है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि 80 सीटों वाले इस राज्य में सभी ने अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सभी पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती हैं पर मुजफ्फरनगर साम्पदायिक दंगों ने सियासी पार्टियों का गणित कुछ हद तक बिगाड़ दिया है। पश्चिमी उत्तर पदेश में समाजवादी पाटी के साइकिल के पिछड़ने का अगर डर है तो वहीं राष्ट्रीय लोकदल का जाट-मुस्लिम समीकरण टूटने से पाटी को झटका लगा है। भाजपा और बसपा खुद को सियासी फायदे में मानती हैं। आम आदमी पार्टी का झाड़ू खेल किस हद तक समीकरण बिगाड़ सकता है यह सवाल भी उठ रहा है। भाजपा को मिशन-272 का लक्ष्य हासिल करने के लिए यूपी में अधिक से अधिक सीट जीतना पाटी के लिए बेहद जरूरी है। पाटी की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और यूपी में भाजपा पभारी अमित शाह कई सभाएं कर माहौल अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। यूपी में एक तथ्य यह भी है कि हार-जीत के फैसले में मुस्लिम मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए सभी दंगा रहित पदेश की बात कर मुसलमानों का भरोसा जीतने में जुटे हैं। भरोसे की बात करें तो उत्तर पदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दावा कर रहे हैं कि समाजवादी पाटी आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर पदेश में सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी क्योंकि पाटी कभी धर्म और जाति के आधार पर राजनीति नहीं करती। समाजवादी पाटी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सीधी लड़ाई का ऐलान करते हुए कहा कि यूपी में सपा और भाजपा की सीधी लड़ाई है। लोकसभा चुनावों के बाद केन्द्र में तीसरी ताकतों की सरकार बनाने का दावा करते हुए मुलायम ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की राजनीति बंटवारे की है। वह सपा को कोई चुनौती नहीं दे सकते क्योंकि हम भेदभाव खत्म करने खासकर मुस्लिमों के विकास की बात करते हैं जबकि भाजपा मुसलमानों को नफरत की नजर से देखती है। मुलायम सिंह ने कहा कि बसपा की नेता कहती हैं (मायावती) कि यूपी सरकार को बर्खाश्त करो। उनके पास न कहने को कुछ है और न ही कोई मुद्दा है। बसपा तो कहीं लड़ाई में ही नहीं है। खैर इस मत से बहन जी शायद ही सहमत हों। मायावती का मानना है कि असल लड़ाई भाजपा और बसपा में है। सबसे बुरी हालत उत्तर पदेश के सियासी दंगल में कांग्रेस की लग रही है। पाटी के लिए 2009 का पदर्शन दोहराना आसान नहीं है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीट में इजाफा कांग्रेस की बुनियाद पर ही होगा। इसके अलावा आम आदमी पाटी भी वोट काटू की भूमिका में बड़ी पार्टियें के नतीजों को पभावित कर सकती है। अगर हम सर्वेक्षणों की बात करें तो एबी-न्यूज-नीलसन के ताजा सर्वे के अनुसार आगामी लोकसभा चुनावों में उत्तर पदेश और बिहार में बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत होने वाली है। इन दोनों राज्यों में मोदी का मैजिक वोटरों को अपनी तरफ खींचने में कामयाब हो सकता है। उत्तर पदेश में आम आदमी पाटी को सिर्फ एक सीट मिलने का अनुमान है। कुल मिलाकर उत्तर पदेश और बिहार में 120 सीटों में से 61 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलने वाला है। अकेले उत्तर पदेश में सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 40 सीटें मिलने की संभावना है। कांग्रेस-आरएलडी गठबंधन को 11, बीएसपी को 13 और एसपी को 14 सीटें मिलने का अनुमान है पर अभी चुनाव में दो महीने लगभग बचे हैं तब तक स्थिति बदल सकती है।

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