Wednesday 5 March 2014

यूक्रेन में सैनिक हस्तक्षेप को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने

यूक्रेन मुद्दे पर रूस और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। यूक्रेन ने शनिवार को आरोप लगाया कि रूस उसके कीमिया क्षेत्र में अपने हजारों सैनिक भेज रहा है। यूपेनी रक्षा मंत्री इगॉर तेनियुख ने नई सरकार की पहल कैबिनेट बैठक में कहा कि रूस सशस्त्र बलों और 30 सशस्त्र कर्मियों और 6000 अतिरिक्त सैनिकों को कीमिया भेज रहा है। इनको कीमिया में रूस समर्थक मिलिशिया के सहयोग  के लिए भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने शुकवार को अपने सैनिक बिना किसी चेतावनी अथवा यूकेन की अनुमति के बगैर भेजना आरंभ कर दिया था। उधर रूस और यूक्रेन के बीच गतिरोध उस वक्त गहरा गया जब मास्को समर्थक यूपेनी नेता ने कीमिया क्षेत्र में सेना एवं पुलिस पर नियंत्रण का दावा किया तथा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से शांति बरकरार रखने में मदद मांगी। बता दें कि सारा झगड़ा यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच जो रूस समर्थक हैं को जबरन गत 22 फरवरी को अपदस्थ कर दिया गया। संसद ने एक पश्चिमी समर्थक सरकार को नियुक्त कर दिया जिसका एक मकसद रूसी पभाव क्षेत्र से हटकर यूक्रेन को यूरोपीय संघ के करीब लाना है। राष्ट्रपति यानुकोविच ने रूस के साथ संबंधें को तरजीह देते हुए यूरोपीय संघ के साथ समझौता खारिज कर दिया था। जिसके बाद यूपेन में धरना पदर्शन का दौर आरम्भ हो गया। राष्ट्रपति यानुकोविच को अपदस्थ कर दिया गया। अपने पभाव क्षेत्र से निकलते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सैनिक हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। बीते शुकवार को हथियार बंद लोगों ने कीमिया में पमुख हवाई अड्डों और एक संचार केन्द्र को कब्जे में ले लिया था। इन हथियार बंद लोगों को रूसी सैनिक बताया गया है। यूक्रेन की जनता दरअसल दो खेमों में बंटी हुई है। देश का पश्चिमी हिस्सा यूरोपीय संघ के साथ नजदीकी रिश्ते की पैरवी कर रहा है तो पूवी और दक्षिणी हिस्सा सहयोग के लिए रूस की ओर देख रहा है। कीमिया में ज्यादातर लोग रूसी बोलते हैं। यूकेन के पधानमंत्री आसेनी भारसेनचुक ने राजधानी कीव में कैबिनेट की बैठक कर रूस से आह्वान किया कि वह कीमिया में गतिरोध को भड़काने का काम नहीं करे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने रूसी संसद से यूपेन में अपनी सेना भेजने के फैसले पर मुहर लगवा ली है। पुतिन के अनुरोध को रूस की संसद ने एकमत मान लिया। रूस की नौसेना करीब 40 साल से कीमिया में रही है। करीब 20 लाख की आबादी वाले कीमिया पर रूस समर्थक सेना का नियंत्रण है। क्षेत्र की सरकारी इमारतों पर रूसी झंडा फहराया गया है और टीवी केन्द्राsं के साथ-साथ हवाई अड्डों पर भी रूसी सेना का कब्जा हो चुका है। शनिवार को रूस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि पुतिन ने देश की उढपरी सदन से कहा था कि वह उसे 4.6 करोड़ आबादी वाले इस देश यूपेन में उस वक्त तक बल पयोग की इजाजत दे जब तक वहां राजनीतिक संकट सामान्य नहीं हो जाता। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस को कीमिया के अन्तर्राष्ट्रीय समझौते के तहत अपनी ब्लैक सी फ्लीट का भी संरक्षण करना है। फेडरेशन काउंसिल ने एकमत से पुतिन का अनुरोध मान लिया। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यूपेन के घटनाकम की पृष्ठभूमि में अपने रूसी समकक्ष ब्लादिमीर पुतिन को यूपेनी संपभुता का हनन करने को लेकर आग्रह करते हुए कहा है कि कीमिया क्षेत्र से मास्को अपने सुरक्षा बलों को वापस बुलाए अथवा राजनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ने के लिए तैयार रहे। यह बयान ओबामा की पुतिन से 90 मिनट बातचीत करने के बाद आया है। यूरोपीय संघ भी इस मुद्दे पर बैठक कर रहा है। रूस बनाम पश्चिम तनाव धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।

-अनिल नरेंद्र

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