Wednesday 26 March 2014

बिहार की सेलिबेटी सीट पटना साहिब में शत्रु की पतिष्ठा दांव पर

बिहार के पटना साहिब का नाम आते ही गुरु गोविंद सिंह की परम पावन नगरी की याद आ जाती है। परिसीमन के बाद बने इस नए संसदीय क्षेत्र में पटना का मुख्य शहरी क्षेत्र शामिल है। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा और शेखर सुमन जैसे सेलिबेटी उम्मीदवारों के बीच टक्कर से यह सीट चर्चित हुई थी। उस चुनाव में शत्रुघ्न ने जीत दर्ज की थी। लेकिन तब भाजपा और जद-यू का गठबंधन था। इस बार दोनों अलग हो चुके हैं। 17 अपैल को होने वाले चुनाव में दोनों दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे को टक्कर देंगे। इस बार भी पटना साहिब से भाजपा के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा ही हैं जबकि जद-यू से पख्यात चिकित्सक डॉ. गोपाल पसाद सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस-राजद गठबंधन की ओर से कांग्रेसी उम्मीदवार राज कुमार राजन को बदलकर भोजपुरी फिल्म अभिनेता कृणाल सिंह को मैदान में उतारा गया है। आम आदमी पाटी ने परवीन अमानुल्लाह को उतारा है। कृणाल सिंह ने कहा है कि यह मुकाबला दो सितारों का नहीं बल्कि राजा और रंक का है जिसमें जनता उसी को चुनेगी जो उनके बीच का है। चुनाव पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बार शत्रुघ्न की पतिष्ठा दांव पर है। पटना पाचीन और मध्यकालीन भारत का पमुख नगर रहा है। न केवल व्यावसायिक, बल्कि ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इस नगर की चर्चा के बगैर भारत का इतिहास लिखना मुश्किल है। छोटी पटन देवी, पत्थर की मस्जिद और पादरी की हवेली, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्में के लोगों के आस्था के केन्द्र रहे हैं। तख्त श्री हरिमंदिर साहब के दर्शन के लिए पटना विश्वभर में पसिद्ध है जहां लाखों लोग माथा टेकने आते हैं। बौद्ध धर्म का भी यह केंद्र रहा है। पटना साहिब राज्य का पमुख व्यापारिक केन्द्र भी रहा है। 1857 के विद्रोह और स्वतंत्रता आंदोलन में भी पटना की पमुख भूमिका रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा-जद-यू गठबंधन ने इस लोकसभा क्षेत्र की छह में से चार सीटों पर कब्जा जमाया था। बख्तियारपुर और घतूहा में राजद का कब्जा था जबकि दीघा में जदöयू आगे रहा। बांकीपुर, कुम्हरार और पटना साहिब में भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इस बार गठबंधन टूटने का असर लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है और सारे समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। शत्रुघ्न के विरोधियों का कहना है कि यह मुकाबला साम्पदायिक ताकतों और कांग्रेस-राजद और जद-यू जैसे धर्मनिरपेक्ष दलों के बीच है। सड़े हुए माल को बढ़िया पैकेजिंग करके टीवी पर दिखाने से लोग पभावित नहीं होंगे। भोजपुरी अभिनेता कृणाल सिंह ने कहा कि तथाकथित मोदी लहर का जनता पर असर नहीं होने वाला क्योंकि वह भी जानती है कि एक दिन में कोई जादू की छड़ी घुमाकर उनकी तकदीर नहीं बदल सकता। राहुल गांधी युवा हैं और आने वाले समय में बदलाव ला सकते हैं। याद रहे कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्षें पुराना भाजपा-जद-यू गठबंधन नरेन्द्र मोदी को लेकर ही तोड़ा था। शत्रुघ्न सिन्हा की पतिष्ठा के साथ-साथ नीतीश कुमार की पतिष्ठा भी इस लोकसभा चुनाव से जुड़ी है। पतिष्ठा तो लालू पसाद यादव की भी जुड़ी है। परन्तु पटना साहिब की इस बहुचर्चित सीट पर सभी की नजरें टिकीं हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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