Tuesday 11 March 2014

जब केजरीवाल को नीरज कुमार ने खरी-खरी सुनाई

आम आदमी पाटी के संयोजक व मुखिया अरविंद केजरीवाल को शायद अब लगता हो कि मैंने दिल्ली में इंडिया कान्क्लेव में भाग लेकर बहुत भारी गलती की। क्योंकि कान्क्लेव में मौजूद लोगों ने केजरीवाल से ऐसे-ऐसे सवाल पूछे, टिप्पणी कीं कि केजरीवाल को वहां से भागना पड़ा। इससे पहले कि मैं बताऊं कि इस कार्यकम में क्या हुआ, यह बताना जरूरी है कि केजरीवाल के इस कार्यकम में जयपुर से पहुंचने पर भी विवाद खड़ा हो गया है। मुख्य राजनीतिक दलों के नेताओं पर कारपोरेट के चार्टर विमानों का इस्तेमाल करने को लेकर जमकर निशाना साधने वाले अरविंद केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा गया कि आप जयपुर से दिल्ली एक चार्टर विमान से क्यों आए? झेंपते हुए केजरीवाल को सफाई देनी पड़ी कि मैं एक मीडिया समूह (इंडिया टुडे) के चार्टर विमान पर आने को मजबूर था क्योंकि दूसरे विमान उपलब्ध नहीं थे और इंडिया टुडे ने मुझे कार्यप्रम के लिए आमंत्रित किया था। चार्टर विमान का खर्च भी उसने ही वहन किया है। भाजपा की स्मृति ईरानी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पाखंडी हैं क्येंकि वह वीआईपी की संस्कृति के खिलाफ होने का दावा करते हैं जबकि वे खुद वीआईपी संस्कृति का इस्तेमाल करते हैं। यह बात उन्होंने अपनी 49 दिन की सरकार के समय भी साबित भी कर दिया था। केजरीवाल की सबसे कठिन घड़ी तब आई जब दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिशनर नीरज कुमार ने उन्हें खरी-खरी सुनाई। केजरीवाल मंच पर मौजूद थे। नीरज कुमार ने केजरीवाल द्वारा मंच से दिए गए वक्तब्य के दो प्वाइंट्स को गलत बयानी करार देते हुए उन्हें झूठा साबित कर दिया। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में 1600 रेप केसों में एक ही केस की गुत्थी सुलझी। नीरज कुमार ने कहा कि यहां लगभग 90 फीसद रेप केस साल्व होते हैं, लोग पकड़े जाते हैं। फिर केजरीवाल ने कहा था कि अन्ना हजारे को तिहाड़ में कालकोठरी में खूंखार आतंकियों और अपराधियों के बीच रखा गया। नीरज कुमार ने इसे झूठ करार देते हुए कहा कि अन्ना को डायरेक्टर जनरल आफ पिजन्स के आफिस में विशेष कमरे में रखा गया था। इसके बाद नीरज कुमार ने कहा कि वह केजरीवाल से सवाल तो नहीं पूछना चाहते, लेकिन उनके बारे में आए एक एसएमएस को पढ़कर सुनाना चाहते हैं। ठहाकों और तालियों के बीच पढ़े गए इस एसएमएस के अंश देखिएः कसम से बहुत याद आओगे तुम केजरीवाल, वो मेट्रो में जाना, वो  रुक-रुक कर नजाकत से खांसना, वो तेरा नीली वैगनआर मारुति का दीवानापन, वो करीने से मफलर लपेटना, वो बात-बात पर धरने पर बैठना, वो रोज-रोज पेस कांपेंस करना, वो नटखटपन, हर बात पर जिद करना, वो गिरगिट सा रंग बदलना, वो जनता का बिजली-पानी कम करना, वो दुनिया को चोर बताना, वो झाड़ू मारते-मारते खुद कचरा हो जाना, याद रहेगा केजरीवाल। कसम से बहुत याद आओगे तुम केजरीवाल, टाटा स्टील से भाग गए, सरकारी नौकरी से भाग गए, जनता दरबार से भाग गए, मुख्यमंत्री पद से भाग गए, इतना भागते क्यों हो भाई, भाग मिल्खा भाग-टू बनाना है क्या... एक झाड़ू की औसत आयु 40-45 दिन होती है, केजरीवाल ने सिद्ध किया... मफलर वाली ठंड में आए, ठंड में ही चले गए, एक गमी तो देख लेते भाई।
-अनिल नरेन्द्र


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