Friday 14 March 2014

अरविंद केजरीवाल नायक या खलनायक?

पिछले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पाटी और उसके पमुख अरविंद केजरीवाल की एक नेकनीयत, जनता के समर्थक, भ्रष्टाचार दूर करने वाले कर्मठ नेता की छवि बनी थी और इसी उम्मीद में दिल्ली विधानसभा में उनकी पाटी को 28 सीटें मिली थी और केजरीवाल पूरे देश में हीरो बनकर उभरे थे। पर धीरे-धीरे उनकी अराजकता, बात-बात पर जिद करना-उलझना, लोकपियता टीवी में छाए रहने के लिए बिना वजह विवाद करने वाले नेता की छवि में बदल रही है। अब तो खुद उन्हीं की पाटी के लोग उन्हें तरह-तरह के नाम दे रहे हैं और कोई नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के फाउंडर मेंबर और लीगल सेल के पमुख अश्विनी कुमार उपाध्याय ने हाल में अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला करते हुए कहा कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं और नवीन जिंदल सीआईए के एजेंट हैं, उनकी दलाली कर रहे हैं। श्री उपाध्याय की बातों को आसानी से टाला नहीं जा सकता। वह आम आदमी पाटी के फाउंडर मेंबर हैं और लीगल सेल के पमुख हैं। वह इन आरोपों की गंभीरता को समझते होंगे। पाटी में बगावत की बात करें तो अब आम आदमी पाटी के बड़े दिग्गज भी बगावत पर उतर आए हैं।  टिकट के बंटवारे को लेकर सभी बड़े दलों में नाराजगी के झटके लगते हैं। लेकिन टिकट के झगड़े ने आम आदमी पाटी के सामने तो अस्तित्व का ही संकट खड़ा कर दिया है क्योंकि टिकट को लेकर नाराजगी शीर्ष नेतृत्व के बीच ही दरार बढ़ गई है। अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली से शाजिया इल्मी और कुमार विश्वास जैसे पाटी के दिग्गज बगावती स्वर उगलने लगे हैं। शाजिया इल्मी ने तो खुल कर कह दिया है कि पाटी के अंदर जो तौर-तरीका अपनाया जा रहा है वह अच्छा नहीं है। शाजिया दिल्ली से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन उनको टिकट नहीं दिया गया और उन्हें जबरन रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है। वह रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ना चाहती। इसी तरह कुमार विश्वास को अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ केजरीवाल चुनाव लड़वाने पर उतारू हैं और विश्वास यहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसी तरह आए दिन दिल्ली में केजरीवाल के हिटलरी स्टाइल से काम करने के खिलाफ आप कार्यकर्ता धरने-पदर्शन कर रहे हैं। यह तो सब जानते हैं कि इलेक्ट्रानिक चैनलों पर छाए रहना केजरीवाल का एक अहम उद्देश्य है। वह मीडिया में बने रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हाल ही में केजरीवाल को एक टीवी साक्षात्कार में एंकर को इंटरव्यू के कुछ भाग पर विशेष जोर दिए जाने को लेकर खासा विवाद हो गया है। केजरीवाल द्वारा मीडिया को अपने हितों की बात को पाथमिकता से दिखाने के लिए टीवी एंकर पर जोर देने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मीडिया पर पक्षपात का आरोप लगाने वाले केजरीवाल इस वीडियो में आज तक के वरिष्ठ टीवी एंकर पुण्य पसून वाजपेई से इंटरव्यू के खास हिस्सों को दिखाने का अनुरोध करते दिख रहे हैं। वीडियो से यह साफ तौर पर दिखता है कि आम आदमी पार्टी और उसके नेता अपनी छवि चमकाने के लिए कैसा छल करते हैं। वे अपनी छदम्d छवि को पस्तुत करते हैं। रंगे हाथ पकड़े जाने पर भाजपा नेता अरुण जेटली की दिलचस्प टिप्पणी थीः केजरीवाल स्वयं अपनी छवि पस्तुत कर रहे हैं जो सच नहीं है। वास्तविकता और पस्तुति के बीच कोई मेल नहीं है। जब पुण्य पाप से मिलता है तो आप साजिश की उम्मीद नहीं करते पर केजरीवाल पर शायद इन आरोपों से फर्क नहीं पड़ता, उनको तो बढ़कर चंदा मिल रहा   -अनिल नरेन्द्र

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