Tuesday, 25 March 2014

दो नायिकाएं और एक खलनायक चंडीगढ़ में दिलचस्प मुकाबला

लोकसभा चुनाव 2014 में जहां पूरे देश का ज्यादा ध्यान वाराणसी जैसी सीटों पर केंद्रित है वहीं कई दिलचस्प मुकाबले दूसरी सीटों पर भी हो रहे हैं। ऐसी ही एक सीट चंडीगढ़ की है जहां एक राजनीतिज्ञ की टक्कर दो सिनेमा की नायिकाओं से हो रही है। रेलवे रिश्वतखोरी मामले में रेल मंत्रालय की कुसी गंवाने वाले कांग्रेस पत्याशी पवन कुमार बंसल के लिए इस बार जीत की राह आसान नहीं है। चंडीगढ़ सीट से चार बार सांसद रह चुके बंसल का मुकाबला महिलाओं से है, जिनमें दो जानी-मानी अभिनेत्रियां हैं। दोनों से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा उन्हें पाटी में भीतरघात से भी निपटना होगा। इस बार बंसल के खिलाफ भाजपा की टिकट पर अनुपम खेर की पत्नी किरण खेर और आप पत्याशी व पूर्व मिस इंडिया गुल पनाग मैदान में हैं। हालांकि पवन बंसल का पलड़ा इस बार भी भारी माना जा रहा है लेकिन जीत के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि रेलवे घूसकांड में फंसने के बाद से उनकी छवि धूमिल हुई है। साथ-साथ  एंटी एनकंबेंसी फैक्मटर से भी उन्हें जूझना पड़ रहा है। मंत्री की कुसी गंवाने के बाद कार्यकर्ताओं से दूरी और तालमेल में कमी बड़ी, कमजोरी साबित हो सकती है। रिश्वत कांड में फंसने के बाद वोटरों में पवन बंसल की छवि खलनायक की बन गई है विपक्ष भी इसी मुद्दे को भुनाने की फिराक में है। दाग लगने के बाद पाटी के कुछ नेता उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। सूचना एवं पसारण मंत्री मनीष तिवारी भी यहां से टिकट चाहते थे। किरण खेर और गुल पनाग बाहर से आई हैं लेकिन वह चंडीगढ़ में पली-बढ़ी हैं और उनकी बहन यहां रहती हैं। इसी आधार पर किरण खेर खुद को स्थानीय साबित करने में जुटी हैं। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन टिकट न मिलने से नाराज हैं। राजनीति में नई और संगठन चलाने का उन्हें कोई अनुभव नहीं है। चुनावी तैयारियों के लिए भी उन्हें बस एक महीना ही मिला। बाहरी हाने के मुद्दे पर नाराजगी से निपटना होगा। गुल पनाग को टिकट सविता भट्टी द्वारा आप का टिकट मना करने के बाद मिला है। सर्वे में यहां से आप को आगे बताने के बाद उनके हौसले बुलंद हैं। उनके पिता चंडीगढ़ में रहते हैं, हालांकि खुद वे मुंबई में रहती हैं। इसलिए इस मुद्दे से पार पाना उनके लिए भी मुश्किल हो सकता है। 35 वर्ष की युवा अभिनेत्री के लिए पसिद्धी को वोट में बदलना आसान नहीं होगा। राजनीति में नई हैं और इनकी पूरी समझ भी नहीं है। चुनाव से ऐन पहले उम्मीदवार बदलने पर पाटी में उपजे हालात  और टिकट पाने में नाकाम लोगों से निपटने की चुनौती उनके सामने है। पैराशूट पत्याशी होने के चलते पाटी के भीतर और बाहर के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ की कुल आबादी 11.9 लाख है और 5.87 लाख कुल वोटर हैं। इनमें 2.65 लाख महिलाए हैं और 3.22 लाख पुरूष हैं। कुल मिलाकर चंडीगढ़ में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा।

-अनिल नरेंद्र

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