Saturday 29 March 2014

बाहुबलियों के मामले में हमाम में सभी दल नंगे हैं

बात बहुत पुरानी नहीं है जब सुपीम कोर्ट ने देश की राजनीति को अपराधमुक्त बनाने के लिए एक अहम फैसला दिया था, तब एक बार तो ऐसा लगा था कि अब बहुत हो गया, भविष्य में राजनीति से अपराध की छाया मिटी नहीं तो राजनीति में अपराध का छाया सिमट तो जरूर ही जाएगी। तमाम बड़े सियासी दलों ने सुपीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत भी किया, दो सांसदें लालू पसाद यादव और रशीद मसूद की सदस्यता भी चली गई लेकिन हत्या, लूट, बलवा जैसे तमाम गंभीर आपराधिक मामलें से घिरे हुए कई बाहुबली एक बार फिर चुनाव में उतर रहे हैं। सिद्धांतों की बात करने वाले कई दल इन्हें अपने पाले में खींचने से बाज नहीं आए। सबकी नजर सीटें बढ़ाने की जुगत में हैं। वहीं कई बाहुबली ऐसे भी हैं जो बड़े दलों में मौका नहीं मिला तो वह क्षेत्रीय दलों के सहारे संसद में फिर दस्तक देना चाहते हैं। वाराणसी में बाहुबली मुख्तार अंसारी ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। अंसारी जेल से ही चुनाव लड़ेंगे। इलाहाबाद की फूलपुर सीट से संसद का सफर कर चुके बाहुबली अतीक अहमद बसपा राज में भागे-भागे घूम रहे थे लेकिन जैसे ही सपा राज आया वह ताल ठेंकने लगे हैं। सपा ने अतीक को अंतत श्रावस्ती से मैदान पर उतार दिया। उधर बलरामपुर से सांसद रहे रिजवान जहीर को गेंडा से बसपा का टिकट नहीं मिला तो  पाला बदलकर पीस पाटी में चले गए और श्रावस्ती से अतीक के खिलाफ ताल ठोंकने लगे। राम मंदिर आंदोलन से सूर्खियां बटोरने वाले बाहुबली ब्रजभूषण सिंह आजकल अपने पुराने घर भाजपा में ताल ठेंक रहे हैं। सपा से होते हुए फिर भाजपा में आए ब्रजभूषण के लिए उनकी पुरानी पाटी ने न तो दरवाजे खोलने में देरी की न ही टिकट देने में संकोच किया। सपा का टिकट ठुकरा कर भाजपा में आए ब्रजभूषण को राजनाथ का विश्वास हासिल है। ब्रजभूषण खुद कहते हैं कि मैं माफिया हूं, मेरे खिलाफ चालीस केस दर्ज हैं। हत्या और लूटपाट जैसे तमाम गंभीर आरोपों में जेल की यात्रा कर चुके और क्षमा याचना पर जेल से बाहर आए दबंग नेता मित्रसेन यादव फैजाबाद लोकसभा सीट से अपनी ताकत का इजहार कर रहे हैं। वह सपा की साइकिल के सहारे संसद पहुंचना चाहते हैं। कांटे को कांटे से निकालने की तर्ज पर बसपा ने मित्रसेन के विरुद्ध कांग्रेस की तत्कालीन पदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के आरोपी पूर्व एमएलसी जितेंद्र उर्फ बबलू को उतारा है। बाहुबली डीपी यादव, उनकी पत्नी, बसपा से निकाले गए धनंजय सिंह, लखनऊ  का अरूण शुक्ला उर्फ अन्ना सभी की चाहत सफेदपोश होने की है। पूर्वांचल का बाहुबली मुन्ना बजरंगी जौनपुर से तो ब्रजेश सिंह, चंदौली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग्य आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। बसपा ने सुल्तानपुर से दबंग पवन पांडे को मैदान पर उतार कर भाजपा के वरुण गांधी को चुनौती का रास्ता पशस्त किया है। आजमगढ़ का दंगल भी काफी रोचक है। यहां से सपा पमुख मुलायम सिंह यादव के मैदान में कूदने के बाद हालात काफी बदल गए हैं। यहां से मौजूदा बाहुबली सांसद रमाकांत को मुलायम के कारण दिन में तारे दिखने लगे हैं। दबंग छवि के रमाकांत यादव भाजपा के सांसद हैं। सपा और भाजपा से वह कई बार लोकसभा पहुंच चुके हैं। इस बार फिर वह अपने बाहुबल का एहसास कराने को तैयार हैं लेकिन मुलायम से मुकाबला आसान नहीं लग रहा है। कुल मिलाकर अगर बाहुबलियों की बात करें तो इस हमाम में सब नंगे हैं।

-अनिल नरेंद्र

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