Thursday, 13 March 2014

निगेटिव राजनीति में माहिर केजरीवाल ने गुजरात को क्यों चुना?

आम आदमी पाटी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने निशाने बेहद सावधानी से लगाते हैं चुनते हैं। टारगेट चुनने के बाद उन्हें सुनाते हैं और फिर उन्हें भूल जाते हैं। दिल्ली विधानसभा में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अनिल अंबानी को निशाना बनाया था। वैसे बिजली-पानी-भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा, जनलोकपाल बिल सहित कई और मुद्दे भी लिए थे पर पमुखता से इन दोनों को टारगेट किया था। अब लोकसभा चुनाव पचार में भी उन्होंने दो लोगों को टारगेट किया है। नरेन्द्र मोदी और मुकेश अंबानी। ऐसे केजरीवाल का चुनाव घोषणा होते ही और कहीं नहीं बल्कि गुजरात स्टडी टूर पर जाना कम से कम हमें तो समझ आता है। उनका एकला निशाना हैं नरेन्द्र मोदी। भाजपा के नेता और पूर्व केन्द्राrय मंत्री डा. सुब्रह्यणयम स्वामी ने अरविंद केजरीवाल  के गुजरात दौरे को आड़े हाथ लिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल खुद भ्रष्ट हैं और दूसरों को नसीहत देते हैं। उनका गुजरात दौरा मात्र दिखावा था। मीडिया की अटेंशन पाने के लिए वह किसी भी हद तक गिर सकते हैं। खुद निजी कंपनी के चार्टर प्लेन पर यात्रा करते हैं और दूसरों पर उंगली उठाते हैं। विदेशों से मिले पैसों का इस्तेमाल अपने चुनाव पचार के लिए करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल जो भी करते हैं उसमें कांग्रेस की इच्छा होती है। वह कांग्रेस की लिखी स्किप्ट  के अनुसार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि केजरीवाल ने अपनी राजनीति में विदेशी चंदे का उपयोग किया, इसलिए उन्हें तुरन्त गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इससे संबंधित कागजात बतौर सबूत उनके पास मौजूद हैं। अरविंद केजरीवाल का गुजरात दौरा पहले ही विवादों में था और अब उनका वहां शो बुरी तरह फ्लाप हो गया। बेशक सोशल मीडिया में उनके समर्थक उनकी रैली में लाखों के आने का दावा कर रहे हों पर हकीकत यह है कि बापू नगर में उनके एक कार्यकम में बमुश्किल 50-60 लोग ही आए और वहां भी मोदी जिंदाबाद के नारे गूंज उठे। इस रोड शो और बाद में सभा को लेकर केजरीवाल बहुत आशान्वित थे लेकिन अहमदाबाद की स्थानीय जनता ने उन्हें कोई भाव नहीं दिया। दरअसल केजरीवाल यह चाहते थे कि किसी भी तरह अहमदाबाद को लेकर चर्चा में रहें लेकिन उन्हें इस मामले में मुंह की खानी पड़ी। इतना ही नहीं दिल्ली में आप के कार्यकर्ताओं ने भाजपा दफ्तर पर जो हमला किया उसे लेकर भी पुलिस ने उसके कई बड़े नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जनता के बीच आप के बारे में निगेटिव संदेश ही जा रहा है। दरअसल अरविंद केजरीवाल की राजनीति सिर्फ विरोधियों पर आधारित है। वह जानते हैं कि उनके विरोधी जितने बड़े और ताकतवर होंगे, उनका अभियान उतना ही चर्चित होगा। आप की राजनीति के फारमेट के हिसाब से फिलहाल पाटी के सामने नरेन्द्र मोदी या मुकेश अंबानी से बेहतर कोई पतिद्वंदी नहीं हो सकता। गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां, केजरीवाल इन दोनों विरोधियों पर निशाना साध कर ज्यादा बड़ी नेशनल आडियंस जुटा सकते हैं। मीडिया की सुर्खियों में बने रह सकते हैं। आम आदमी पाटी का मानना है कि भाजपा अभी भी सवर्णें को, बिजनेस मैन, छोटे व्यापारियों और अमीरों की पाटी है। पाटी के मुताबिक केजरीवाल व आम आदमी पाटी उन लोगों को एक विकल्प दे रहे हैं जो भाजपा को वोट देना नहीं चाहते। मसलन अल्पसंख्यक, दलित व सरकारी कर्मचारी। हालांकि गुजरात इस्लामिक रिलीफ कमेटी के हेड डा. शकील अहमद का कहना है कि आम आदमी पाटी अभी भी हमारे लिए विकल्प नहीं है। वोटर अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहता। केजरीवाल बार-बार यही कहते आए हैं कि मैं नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा चाहे जहां से भी हो। मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह ने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं। अंत में गुजरात के इस फ्लाप दौरे में केजरीवाल ने जिंदा लोगों को ही मुर्दा घोषित कर श्रद्धांजलि दे डाली। केजरीवाल ने अहमदाबाद में अपनी रैली में चार आरटीआई कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दे दी जबकि इनमें तीन जीवित हैं। केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान समाज के हित के लिए गुजरात सरकार के खिलाफ लड़ते हुए शहीद होने वालों में अमित जेठवा, भागुदेवानी, जयसुख, भंभानिया और मनीषा गोस्वामी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बीते दस वर्षें में गुजरात में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए अपने पाणों का बलिदान दिया। 20 जुलाई 2010 को गुजरात हाईकोर्ट के सामने कथित रूप से खनन माफिया द्वारा जेठवा की हत्या कर दी गई थी। बाकी तीनों जिंदा हैं।  

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