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मार्च से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बन्द सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय को बुधवार
को उस समय झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें घर में ही नजरबंद करने का अनुरोध ठुकरा
दिया। लेकिन उनकी रिहाई के लिए पांच हजार करोड़ रुपए नकद और इतनी ही राशि की बैंक गारंटी
की व्यवस्था करने के लिए समूह को सम्पत्ति बेचने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति टीएस
ठाकुर और न्यायमूर्ति एके सीकरी की खंडपीठ ने अदालत के पहले आदेश में सुधार से संबंधित
आदेश के मुख्य अंग सुनाते हुए कहा कि अवमाननाकर्ता को जेल से बाहर स्थानांतरित करने
का अनुरोध खारिज किया जाता है। सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए शीर्ष अदालत ने पहले पांच
हजार करोड़ रुपए नकद और पांच हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देने का निर्देश दिया
था। अदालत ने बुधवार को अपने फैसले में सहारा समूह को नौ शहरों में अचल सम्पत्ति बेचने
की सशर्त अनुमति देते हुए स्पष्ट किया कि इसे सर्पिल रेट से कम पर नहीं बेचा जाएगा
और इसका खरीदार सहारा समूह से जुड़ा या संबंधित नहीं होना चाहिए। अदालत ने कहा कि इस
बिक्री से मिलने वाली राशि बाजार नियामक सेबी द्वारा खोले गए एक अलग खाते में जमा होगी
और इसके एवज में वह केता के रूप में सम्पत्तियों के मालिकाना विलेख जारी करेगी। बैंच
ने कहा कि बैंक खातों को ऑपरेट करने पर लगी रोक हटाने से ही अदालत के आदेशों का अनुपालन
सम्भव हो सकता है इसलिए सहारा को अपनी एफडी,
बांड तथा सिक्यूरिटी कैश करने की इजाजत दी जाती है। इससे प्राप्त रकम
सेबी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। सहारा के वकील केशव मोहन ने सुप्रीम कोर्ट
द्वारा बैंक खातों और सम्पत्तियों से पाबंदी हटाने का स्वागत करते हुए कहा कि नवम्बर
2013 से बैंक खातों को ऑपरेट करने पर लगी रोक के कारण अदालत के आदेशों
का अनुपालन नहीं हो पा रहा था। बैंक खातों पर रोक के चलते 10 हजार करोड़ रुपए की रकम का प्रबंध करना मुमकिन नहीं था। शीर्ष अदालत ने भुगतान
के बारे में सहारा समूह का नया प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। इस प्रस्ताव में समूह ने
कहा था कि वह पांच दिन के भीतर तीन हजार करोड़ रुपए जमा करेगा और इसके 30 दिन के भीतर दो हजार करोड़ नकद जमा कराएगा। समूह ने कहा था कि शेष पांच हजार
करोड़ रुपए की बैंक गारंटी वह लंदन में अपने एक होटल और न्यूयार्प में दो होटलों की
भागीदारी बेचने के बाद 60 दिन के भीतर दे देगा। अदालत ने सारे
मामले को तीन सदस्यीय खंडपीठ के पास भेज दिया है जिसका गठन प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढा
करेंगे। सहारा बनाम सेबी विवाद की सुनवाई वृहत्तर पीठ को सौंप दी गई है। खंडपीठ ने
कहा कि इस मामले की सुनवाई पहले भी तीन सदस्यीय बैंच कर चुकी है, इसलिए यह उचित होगा कि तीन सदस्यीय बैंच ही इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई
करे, श्री सुब्रत रॉय ने कभी भी यह कल्पना नहीं की होगी कि इस
तरह 45 डिग्री की गर्मी में उन्हें तिहाड़ जेल में रहना होगा।
करोड़ों अरबों का मालिक ग्रह चक्कर में ऐसा आया है कि तिहाड़ से निकलने की नौबत ही
नहीं आ रही।
-अनिल नरेन्द्र
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