Wednesday, 18 June 2014

क्या सोनिया गांधी कांग्रेस को पुनर्स्थापित कर पाएंगी

लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस के लिए अभी तूफान थमा नहीं है। दरअसल महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का डर सताने लगा है। सोनिया और राहुल को चुनावी राज्यों में कई नेता और कार्यकर्ताओं से लगातार जानकारी मिल रही है कि चुनावी राज्यों में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली के विधायकों ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें कहा कि अगर इस समय दिल्ली में चुनाव होते हैं तो पार्टी का खाता खुलना अभी सम्भव नहीं लग रहा, हालिया आम चुनाव में हुई कांग्रेस की बुरी हार के बाद अब तमाम जगह से पार्टी के कार्यकर्ताओं का गुस्सा अपने स्थानीय और प्रादेशिक नेतृत्व के खिलाफ फूट रहा है। जहां कई जगह लोगों ने केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है वहीं कई जगहों पर हाथापाई और आपसी झड़प भी देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र के कई मंत्री राज्य में पार्टी की स्थिति खराब होने की रिपोर्ट राहुल गांधी को दे चुके हैं। बगावत के कुछ सुर महाराष्ट्र में अब उठने लगे हैं। वहां लोग सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। नारायण राणे और सरकार में मंत्री नितिन राउत जैसे नेताओं ने न सिर्प मुखर विरोध किया बल्कि इसकी शिकायत दिल्ली आकर हाई कमान से भी की। पिछले दिनों मध्यप्रदेश के इंदौर में पीसीसी चीफ अरुण यादव के घर पर हुई मीटिंग में प्रदेश के कुछ नेताओं के समर्थक आपस में ऐसे भिड़े कि उन्होंने हाथापाई के साथ-साथ नेताओं को भी लपेटे में ले लिया। ऐसी ही घटनाएं हरियाणा से भी सामने आ रही हैं जहां सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के सपोर्टरों और वहां के दिग्गज नेता कुमारी शैलजा और चौधरी वीरेन्द्र सिंह के समर्थकों के बीच आए दिन जोर-आजमाइश होती है। कुमारी शैलजा ने तो सोनिया गांधी से यहां तक कह दिया है कि राज्य में हुड्डा के नेतृत्व में अगर चुनाव लड़ा जाएगा तो पार्टी को दो दर्जन से ज्यादा सीटें नहीं मिल पाएंगी। दूसरी ओर हुड्डा के समर्थकों ने कहा कि हुड्डा ने राज्य में इतना विकास किया है कि वह पार्टी को जिताने में सक्षम हैं। झारखंड के कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रदेश में झामुमो के साथ गठबंधन में बंधी कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में घाटा होने की रिपोर्ट दी है। वहीं जम्मू-कश्मीर में भी नेशनल कांफ्रेंस के साथ सरकार में शामिल कांग्रेस को संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेशनल कांफ्रेंस से नाता तोड़ने की पैरवी कर रहे हैं। उधर कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एआर अंतुले ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की बुरी हार का ठीकरा आलाकमान पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि आलाकमान की वजह से ही कांग्रेस आज इस हाल में पहुंची है। उसकी अक्षमता की वजह से पार्टी को यह दिन देखने पड़ रहे हैं। चौतरफा हो रहे हमलों के कारण अब सोनिया गांधी ने लगता है तय कर लिया है कि वह कमान सम्भालेंगी। रायबरेली में फिरोज गांधी कॉलेज के मैदान पर कांग्रेस के बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सोनिया ने कहा कि वह कांग्रेस के पुनर्स्थापित होने तक चैन से नहीं बैठेंगी। कांग्रेस जनों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि हम अपने कठिन परिश्रम से जरूर कामयाब होंगे। सोनिया ने लोकसभा चुनाव में हारे नेताओं से कहा है कि वह हताश न हों और अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहें, समय पलटेगा।

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