मलेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच-17 को रूस समर्थक यूकेनी विद्रोहियों ने हाल में मार गिराया
था। इसमें सवार 298 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में रूस
पर यूकेनी विद्रोहियों को जमीन से हवा में लक्ष्य भेदने में सक्षम बक मिसाइल उपलब्ध
कराने का आरोप लगा। इससे पहले भी क्रीमिया के अधिग्रहण और पूर्वी यूकेन विद्रोहियों
का समर्थन करने पर रूस पश्चिमी देशों के निशाने पर है। पश्चिमी देश लगातार रूस पर शिकंजा
कसने की कोशिश में हैं। खबर है कि लंदन स्थित लॉ फर्म मेक्यू एंड पार्टनर्स के वकील
जैसन मेक्यू मुआवजे के लिए रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को अदालत में घसीटने की
तैयारी कर रहे हैं। पुतिन पर पूर्वी यूकेन के विद्रोहियों को हथियार और वित्तीय मदद
मुहैया कराने का आरोप लग रहा है। इस केस की सुनवाई अमेरिका में हो सकती है। यह मुकदमा
एमएच-17 हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों की ओर से किया
जाएगा। मामले में आरोप साबित होने पर रूसी राष्ट्रपति को परिजनों को अरबों पाउंड का
मुआवजा देना पड़ जाएगा। लॉ फर्म मेक्यू एंड पार्टनर्स का कहना है कि पूर्वी यूकेनी
विद्रोहियों की सीधे तौर पर वित्तीय मदद या हथियार मुहैया कराने वालों को भी कानून
के दायरे में लाना चाहिए। लिहाजा पुतिन पर यह आरोप साबित होने पर पुतिन की सारी सम्पत्ति
जब्त हो सकती है। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार पुतिन की कुल सम्पत्ति 70 अरब डॉलर है। मेक्यू एंड पार्टनर्स ब्रिटेन स्थित लॉ फर्म है जो अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर आतंकी गुटों, आतंकवादियों, उन्हें
वित्तीय या गैर वित्तीय मदद मुहैया कराने वालों के खिलाफ मुकदमे में महारथ हासिल है।
इसके अलावा यह मानवाधिकार हनन के मामलों में और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानूनी
सहायता उपलब्ध कराने का भी काम करती है। फर्म के जेसन मेक्यू कम्पनी के स्टार अधिवक्ता
हैं। जेसन ने पूर्व लीबिया तानाशाह गद्दाफी के खिलाफ उतरी आयरलैंड में विद्रोही गुट
आईआरए के खिलाफ भी केस लड़ा था। 1998 अगस्त के चर्चित ओमबाध बम
कांड में मारे गए 29 लोगों के परिजनों को 16 लाख पाउंड का मुआवजा दिलाने में सफलता हासिल की थी। जब 29 लोगों के मारे जाने पर 16 लाख पाउंड मुआवजा मिल सकता
है तो 298 के मारे जाने पर कितना मुआवजा देना पड़ सकता है,
अनुमान ही लगाना मुश्किल है। पूर्वी यूकेन में सरकारी सैनिकों तथा रूस
समर्थक विद्रोहियों के बीच घमासान लड़ाई चल रही है। सरकारी सैनिकों का दावा है कि वह
विद्रोहियों के गढ़ के निकट पहुंचने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। इस बीच अमेरिका तथा
प्रमुख यूरोपीय देशों के बीच रूस के विरुद्ध बैंकिंग, टैक्नोलॉजी
तथा हथियार के क्षेत्र में प्रतिबंध लगाने पर सहमति हो गई है। विद्रोहियों का कहना
है कि अब तक यूकेन के 7400 सैनिक या तो मारे जा चुके हैं या घायल
हुए हैं। यूकेन इन सैनिकों की संख्या 1500 बता रहा है। संयुक्त
राष्ट्र के अनुसार यूकेन से लड़ाई के चलते अब तक एक लाख लोग पलायन कर चुके हैं। लड़ाई
के कारण दुर्घटनाग्रस्त एमएच-17 की जांच में भी बाधा आ रही है।
गौरतलब है कि एमएच-17 विमान को पूर्वी यूकेन के विद्रोहियों ने
17 जुलाई को मिसाइल से मार गिराया था।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment