Sunday 24 August 2014

कूरता और बेरहमी का संगठन आईएसआईएस

आईएसआईएस द्वारा अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले की हत्या इस पेशे से जुड़े बढ़ते खतरे का ताजा उदाहरण है। इस इंटरनेट और ऑनलाइन दौर में आतंकी संगठन पत्रकारों को शत्रु समझते हैं और युद्ध क्षेत्र की रिपोर्टिंग पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक और जोखिम भरी हो गई है। इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने दो साल पहले सीरिया में अगवा हुए अमेरिकी पत्रकार का सिर कलम कर दिया। आतंकियों ने पत्रकार जेम्स फोले की हत्या का एक चार मिनट 40 सैकेंड का वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो को यूट्यूब पर भी पोस्ट किया गया। हालांकि बाद में इसे हटा दिया गया। जेम्स फोले का सिर कलम करने का जो वीडियो इराक के इस आतंकी संगठन आईएसआईएस की कूरता और बेरहमी के बारे में तो सब पहले से ही जानते हैं। वह ऐसा संगठन है जिसकी कूरता की वजह से अलकायदा ने भी उससे रिश्ते तोड़ लिए थे। इस संगठन ने चेतावनी दी है कि एक दूसरे अमेरिकी पत्रकार के साथ भी यही सलूक किया जाएगा। जुलाई के आखिर में द वाशिंगटन पोस्ट के एक पत्रकार जैसन रे जैन को ईरान में एक व्यक्ति ने गिरफ्तारी वारंट दिखाकर अगवा कर लिया था, तब से उनका कोई पता नहीं है। आईएसआईएस की हर कूरतापूर्ण गतिविधि सोची-समझी होती है और इससे भी दहशत पैदा होती है उसका इस्तेमाल वह अपनी ताकत से कहीं ज्यादा प्रभाव पैदा करने के लिए करता है। अपनी चतुराई के चलते उसने इराक और सीरिया के बड़े भूभाग पर कब्जा कर रखा है जबकि उसके लड़ाकों की संख्या 10,000 के आसपास ही है। पत्रकार जेम्स फोले को इस संगठन ने सीरिया में अगुवा किया था। अमेरिका के लिए संदेश नाम से जारी वीडियो में नारंगी रंग का कपड़ा पहने जेम्स फोले को रेगिस्तान में घुटने के बल बैठे दिखाया गया है। कुछ इसी तरह की यूनिफार्म अमेरिका के जेल गुआतानामो बे में बंद कैदी पहनते हैं। पत्रकार के बाएं खड़ा नकाबपोश आतंकी अंग्रेजी में बोलता दिखाई देता है। उसका उच्चारण पूर्वी लंदन में  बोली जाने वाली भाषा से मेल खाता है। हाथ में चाकू लिए आतंकी कहता है, इराक में हमारे लड़ाकों के खिलाफ राष्ट्रपति ओबामा द्वारा दिए गए हवाई हमले के आदेश का बदला लेने के लिए फोले की हत्या की गई है। वीडियो देखने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहाöपत्रकार जेम्स फोले की निर्मम हत्या ने पूरी दुनिया की अंतरात्मा को झकझोड़ कर रख दिया है। कोई भी ईश्वर इस्लामिक स्टेट के इस घिनौने कृत्य का समर्थन नहीं कर सकता। आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा दिवालिया हो गई है। ऐसा नहीं कि अमेरिका ने जेम्स फोले को चंगुल से बचाने के लिए प्रयास नहीं किया। अमेरिका के विशेष अभियान दल ने ओबामा के निर्देश पर सीरिया में गिरफ्तार किए गए जेम्स फोले और अन्य अमेरिकी नागरिकों को बचाने के लिए गुप्त छापामारी अभियान चलाया था लेकिन यह जटिल अभियान असफल रहा और बचाव दल को खाली हाथ लौटना पड़ा। मीडिया में यह भी रिपोर्ट आई कि जेम्स फोले की रिहाई के लिए आईएसआईएस ने करीब 840 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। यह फिरौती फोले के परिवार और ऑनलाइन पोर्टल ग्लोबल पोस्ट से मांगी गई थी। ग्लोबल पोस्ट के प्रेसीडेंट और सीईओ फिलिप बालबेनी के मुताबिक जेम्स की रिहाई के लिए आतंकियों ने पहले फिरौती मांगी थी लेकिन जेम्स की हत्या से पहले आखिरी संदेश में कोई मांग नहीं रखी थी। फोले ग्लोबल पोस्ट के लिए ही काम करते थे। इराक और सीरिया के बड़े भाग पर कब्जा कर चुके जेम्स फोले की हत्या के बाद अब आईएसआईएस में एक नया विश्वास आया है और अब उसने अमेरिका पर हमले करने तक की चेतावनी दी है। उसके नेता अबू बकर अल बगदादी का लक्ष्य अमेरिकी हितों और अगर संभव हो तो अमेरिकी भूमि पर हमला करने का हो गया है। अल बगदादी का उद्देश्य क्या है और उसका भविष्य क्या होगा, यह बताना मुश्किल है। खिलाफत स्थापित करने का, उसका उद्देश्य तो हवाई किला है क्योंकि दुनिया की बहुसंख्यक सुन्नी मुस्लिम आबादी इसके समर्थन में नहीं है। सीरिया, इराक और ईरान की शिया हुकूमतों को कमजोर करने के लिए सउदी अरब और कतर जैसे सुन्नी देश आईएसआईएस के समर्थक जरूर हैं, लेकिन अब यह संगठन उनके लिए भी खतरा बनता जा रहा है। वक्त का तकाजा है कि दुनिया के सभी देश, खासकर अरब देश अपने संकीर्ण सियासी स्वार्थों को छोड़कर आईएसआईएस के आतंक को खत्म करने के लिए एकजुट हों।

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