Wednesday 27 August 2014

लव जेहाद के जरिए हिन्दू वोटों को गोलबंद करने की तैयारी

अब तक उत्तर पूर्वी और पूर्वी राज्यों में विशेषकर ईसाई मिशनरियों के खिलाफ धर्मांतरण का आरोप लगाती रही भारतीय जनता पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में `लव जेहाद' का प्रस्ताव लाकर धर्मांतरण के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर ली है। भाजपा के आला नेताओं की मानें तो विदेशी ताकतों के इशारे और वित्त पोषण के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित देश के बड़े क्षेत्रों में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण कराकर उनका विवाह करने वाले मुस्लिम युवाओं को अच्छी-खासी रकम देने के साथ ही उनके रोजगार की व्यवस्था करने का खुला खेल इस समय चल रहा है। इसका नमूना गत दिनों सहारनपुर की एक मस्जिद से भागी एक हिन्दू लड़की के बयान से देखने को मिलता है। लेकिन तुष्टिकरण की सियासत के चलते प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार इसे एक प्रेम-प्रसंग बताकर रफा-दफा करने में लगी है। भाजपा ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के पहले ही दिन साफ कर दिया कि पार्टी विधानसभा चुनाव में वर्ग विशेष द्वारा दूसरे वर्ग की लड़कियों का धर्मांतरण कराने की घटनाओं `लव जेहाद' को मुद्दा बनाएगी। भले ही बैठक के भीतर पदाधिकारियों ने सीधे-सीधे इस नाम का जिक्र न किया हो, केंद्रीय नेतृत्व के तीखे तेवरों पर सीधे-सीधे इस शब्द का प्रदेशाध्यक्ष ने भाषण में इस्तेमाल न किया हो लेकिन अन्दर से बाहर तक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से यही मुद्दा छाया रहा। भाजपा ने इस मुद्दे के सहारे हिन्दुत्व की धार देकर सत्ता पाने का सपना संजो लिया है। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भले ही `लव जेहाद' शब्द का जिक्र नहीं किया लेकिन उन्होंने बाहर और भीतर जो कुछ कहा उसका इशारा इसी ओर था। अन्दर उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। सपा सरकार की नीति मजहब देखकर दंगाइयों को संरक्षण व धर्म देखकर निर्दोषों का उत्पीड़न करना है। मेरठ, अमीनगंज (फैजाबाद), लोनी (गाजियाबाद) की घटनाओं से साफ है कि सरकार वर्ग विशेष के अभियुक्तों पर नरम है। वर्ग विशेष का होने के कारण उन्हें सपा सरकार के संरक्षण में दुराचार करने व लड़कियों के धर्मांतरण कराने का लाइसेंस मिल गया है। जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे तो यही संभावना बलवती होती जा रही है कि मुस्लिमों द्वारा हिन्दू लड़कियों को जैसे भी हो फंसाकर चाहे प्रेम जाल में या अपहरण कर या और किसी तरह से धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम बना लिया जाए। सूत्रों का कहना है कि ऐसा करने वाले मुस्लिम लड़कों को तो मोटी रकम दी ही जा रही, जो मौलवी हिन्दू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराकर निकाह करा रहे हैं उनको काफी धन दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इसके सूत्रधार हर राज्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के कुछ चुने हुए मस्जिद व मदरसे हैं। इसके लिए फंडिंग बाहर से हो रही है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में यह काम तेजी से हो रहा है क्योंकि वहां की राज्य सरकारें मुस्लिम परस्ती वाली वोट की राजनीति कर रही हैं जिसके चलते मुस्लिमों के खिलाफ जल्दी केस दर्ज नहीं होते और उन्हें बचाने का प्रयास होता है, जब तक ऐसा कोई मामला बड़ा मुद्दा न बन जाए। सूत्रों के मुताबिक गरीब लेकिन घनी आबादी वाली हिन्दू बस्तियों में मकान खरीदकर उनमें मस्जिद व मदरसे खोले जा रहे हैं। इसके लिए फंड ज्यादातर पाकिस्तान, दुबई, ईरान, सऊदी अरब के धनी मुस्लिम देशों से तो आता ही है, भारत के भी मुस्लिम व्यापारी बहुत मदद कर रहे हैं। आईएसआई भी एक बड़ी फंडिंग एजेंसी है। बताया जाता है कि एक मुस्लिम युवक रकीबुल हसन ने अपना नाम रंजीत कुमार कोहली रख, हिन्दू बनकर राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव को प्रेम जाल में फंसाकर शादी कर ली और उसके बाद उस पर धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बनने का दबाव बनाने लगा। तारा शाहदेव के साथ घटे घटनाक्रम से भी साफ होता है कि लव जेहद भारत में हिन्दू आबादी के खिलाफ सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। हालांकि लव जेहाद को उठाने के भाजपा के राजनीतिक कदम को दारुल उलूम ने साजिश करार दिया है। मौलानाओं का कहना है कि इस्लाम में लव इन जेहाद जैसा शब्द नहीं है। यह फिरकापरस्त ताकतों के मनगढ़ंत शब्द हैं। हिन्दू-मुस्लिम एकता को खंडित करने के लिए कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम व अन्य मौलानाओं की राय में यह इस्लाम धर्म को बदनाम करने की साजिश है।

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