Sunday, 24 May 2015

क्या मैगी सेहत के लिए वाकई ही हानिकारक है?

बच्चों के फेबरिट मैगी नूडल्स परेशानी में उलझ चुके हैं। बच्चों के ही नहीं बड़ों का भी फेबरिट बन चुका मैगी नूडल्स पहले भी विवादों में आ चुका है। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा और दवा प्रशासन (यूपीएफडीए) ने 10 मार्च 2014 को बाराबंकी के आवास विकास के ईजी-डे मॉल से मैगी के नमूने लिए थे। इन नमूनों की जांच रिपोर्ट 26 मार्च 2014 को आई जिसमें एमएसजी नामक तत्व पाया गया जो कि बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक है। यूपीएफडीए के अनुसार रुटीन टेस्ट के दौरान दो दर्जन इंस्टेंट नूडल्स के पैकेटों से बड़ी मात्रा में लेड मिला है। लेड की मौजूदगी 17.2 पीपीएम पाई गई, जबकि लेड की मात्रा 0.01 पीपीएम से लेकर 2.5 पीपीएम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वैज्ञानिकों को मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) भी बड़ी मात्रा में मिला है। इस केमिकल को नूडल्स में स्वाद बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है। यूपीएफडीए ने मैगी के लगभग दो लाख पैक बाजार से वापस निकालने के आदेश दिए हैं। बाराबंकी के जिला रसद अधिकारी बीके पांडे ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर ही मैगी को स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित व नुकसानदेह घोषित किया गया है। एफएसडीए मुख्यालय ने इस मामले में कोर्ट में मुकदमा दायर करने के लिए गुरुवार को विधिक राय भी ली। मुख्यालय ने इसकी पुष्टि की है। वहीं लखनऊ समेत कई अन्य शहरों से मैगी के ताजा नमूने लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं नेस्ले इंडिया (मैगी के निर्माता) का कहना है कि वह इस जांच और निष्कर्षों से सहमत नहीं हैं। स्विस कंपनी नेस्ले की भारतीय शाखा ने सीसा युक्त मैगी नूडल्स के एक बैच को वापस लेने के आदेश को मानने में असमर्थता जताई है। गुरुवार को जारी नेस्ले इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसका पुराना स्टाक पहले ही बाजार से साफ हो चुका है। कंपनी यूपीएफडीए के आदेश से सहमत नहीं है। कंपनी का कहना है कि पिछले साल फरवरी के बैच के दो लाख नूडल्स के पैकेट वापस नहीं लिए जा सकते। इनके उपयोग के लिए निर्धारित तारीख पिछले साल नवम्बर में ही बीत चुकी है। इस अवधि से पहले ही कंपनी बचे हुए स्टाक को वितरकों और खुदरा बाजार से वापस ले लेती है। कंपनी का मानना है कि अब तक उस बैच के पैकेट बाजार में बचे ही नहीं हैं। कंपनी ने दलील दी कि उसे हाल में बिके हुए पैकेट वापस लेने का कोई आदेश नहीं मिला है। मैगी नूडल्स बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक है या नहीं, यह जानना जरूरी है। वैसे स्विस कंपनी नेस्ले द्वारा अगर इसमें कोई दोष है तो वह जनता को पता चलना चाहिए। कुछ समय पहले सोशल मीडिया में एक वीडियो भी चल रहा था जिसमें वैज्ञानिक ढंग से यह साबित करने की कोशिश की गई थी कि क्यों मैगी सेहत के लिए नुकसानदेह है? हम तो केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालय से आग्रह करेंगे कि वह मैगी की अच्छी तरह जांच करवाएं और देश को बताएं कि यह हानिकारक है या नहीं?
-अनिल नरेन्द्र


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