Saturday 16 May 2015

सउदी अरब में शाही व्यवस्था में भारी फेरबदल

सउदी अरब में जबरदस्त सत्ता का खेल चल रहा है। वहां शाह अब्दुल्ला युग समाप्त हो गया है। शाह अब्दुल्ला का 23 जनवरी को निधन हो गया था। उनकी जगह सलमान (79) सउदी अरब के नए शाह बने। शाह सलमान ने पहला काम यह किया कि शाह अब्दुल्ला के चहेतों को उनके पदों से हटा दिया। इसी क्रम को शुरू करते हुए उन्होंने अपने सौतेले भाई मुकरिन बिन-अब्दुल अजीज बिन-सउद को युवराज पद से हटा दिया। उनकी जगह अपने भतीजे और गृहमंत्री मोहम्मद बिन-नायेफ को नया युवराज नियुक्त कर दिया। नए युवराज मोहम्मद बिन नायेफ किंग सलमान के भतीजे हैं। अमेरिका के लेविस एंड क्लॉर्प कॉलेज में पढ़े हैं, लेकिन डिग्री नहीं ले सके। वह 1985 से 1988 तक एफबीआई सुरक्षा कोर्स किए हुए हैं। उन्होंने स्कॉट यार्ड की एंटी टेररिज्म यूनिट में 1992 से 1994 तक ट्रेनिंग ली है। यह अपने पिता नायेफ बिन अब्दुल अजीज अल-सउद के 10 बच्चों में से दूसरे नम्बर के हैं। पिता नायेफ कंजरवेटिव गृहमंत्री थे। अक्तूबर 1975 से विदेश मंत्री की भूमिका निभा रहे सउद अल फैसल की भी छुट्टी कर दी गई है। 75 साल के फैसल की जगह अमेरिका में सउदी अरब के राजदूत अदेल अल जुबैर की नियुक्ति की गई है। जुबैर इस  जिम्मेदारी को निभाने वाले शाही परिवार से बाहर के पहले व्यक्ति हैं। सरकारी तेल कंपनी के मुख्य कार्यकारी खालिद अल फालिह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। हालांकि 1995 से तेल मंत्री 79 वर्षीय अली अल नैमी अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। शाह अब्दुल्ला के 61 वर्षीय बेटे प्रिंस मुतैब नेशनल गार्ड के प्रमुख बने हैं। मुकरिन की बर्खास्तगी से शाह अब्दुल्ला युग का अंतिम बचा उच्चाधिकारी हट गया है। मुकरिन (69) राजशाही के संस्थापक अब्दुल अजीज-बिन-सउद के आखिरी बेटे होते जो शासन करते। अब नायेफ विश्व के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश के नेतृत्व करने वालों की कतार में दूसरी पीढ़ी या अब्दुल अजीज के पौत्रों में से  पहले व्यक्ति बन गए हैं। सउदी में फेरबदल का यह फैसला अमेरिका के साथ संबंधों में और मजबूती ला सकता है। नए वारिस नायेफ का अमेरिका के साथ शाही परिवार के अन्य सदस्यों के मुकाबले ज्यादा घनिष्ठ संबंध है। ये युवराज के साथ उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राजनीतिक एवं सुरक्षा परिषद के प्रमुख भी होंगे। वह इस्लामिक चरमपंथियों के खिलाफ अपने कड़े रुख के लिए भी जाने जाते हैं। 2009 में उन पर अलकायदा ने कातिलाना हमला किया था पर वह हमले में बाल-बाल बच गए। शाह सलमान ने प्रशासन को और सरल बनाने के लिए अपने नए उत्तराधिकारी की अदालत का विलय शाही अदालत में कर दिया है। आधिकारिक सउदी प्रेस एजेंसी ने कहा कि युवराज मोहम्मद बिन नायेफ के प्रस्ताव के आधार पर शाह सलमान ने युवराज की अदालत को शाही अदालत के साथ जोड़ने का निर्णय लिया। सरकार के पुनर्गठन में व्यापक परिवर्तन किया गया है। कहा जा रहा है कि इस परिवर्तन की वजह से सउदी अरब के हालात बिगड़ रहे हैं। यमन का सैन्य अभियान भी फेल हो गया है। कुल मिलाकर सउदी अरब की अंदरुनी स्थिति ठीक नहीं है।

-अनिल नरेन्द्र

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