Friday 1 May 2015

मामला जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री का

आम आदमी पार्टी की सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री का मामला तूल पकड़ चुका है। बिहार स्थित विश्वविद्यालय ने हाई कोर्ट को बताया कि तोमर की ओर से पेश एलएलबी का प्रॉविजनल प्रमाण पत्र फर्जी है और उनके रिकार्ड में जितेंद्र तोमर नाम से ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। न्यायमूर्ति राजीव शकधर के समक्ष बिहार के तिलक माझी भागलपुर विश्वविद्यालय के निरीक्षक मनिंद्र कुमार सिंह ने शपथ पत्र सहित जवाब में कहा कि जांच से पता चला है कि तोमर ने 18 मई 2001 को रजिस्ट्रार राजेंद्र प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर से जारी प्रॉविजनल प्रमाण पत्र नम्बर 3687 को अपना दिखाया है। इसमें तोमर को द्वितीय श्रेणी में पास दिखाया गया है। दरअसल आम आदमी पार्टी अपने ही कार्यकर्ताओं व मंत्रियों की करतूतों से जगहंसाई का पात्र बनती जा रही है। एक विवाद खत्म नहीं होता कि दूसरा सामने आ जाता है। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान तोमर की डिग्री को फर्जी बताया लेकिन अभी कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस फर्जी डिग्री का मामला उठाया था। लेकिन पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे भाजपा का दुप्रचार करार देते हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद तोमर को मंत्री भी बनाया। इस विवाद में नया मोड़ तब आया जब चुनाव नॉमिनेशन के दौरान शपथ पत्र में जितेंद्र सिंह तोमर ने खुद को भागलपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी पास होने का जिक्र किया जबकि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट की राजीव शकधर की अदालत में बताया कि तोमर की लॉ डिग्री फर्जी है। तिलक माझी विश्वविद्यालय भागलपुर की ओर से जितेंद्र सिंह तोमर की डिग्री को फर्जी बताए जाने के बाद तोमर ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी साजिश रच रही है और उन्हें बदनाम कर रही है जबकि उनके पास कोई डिग्री फर्जी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस आरटीआई के जरिये अवध विश्वविद्यालय से उनकी डिग्री की जानकारी ली गई थी उस आरटीआई में ही गलत अनुक्रमांक नम्बर डाला गया है जो डिग्री पर अंकित नहीं है। जब उनसे तिलक माझी विश्वविद्यालय भागलपुर से मिली डिग्री के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास सभी दस्तावेज हैं जिन्हें अदालत में दिखाया जाएगा। उन्होंने इस्तीफा देने से साफ इंकार कर दिया।  भाजपा के दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष सतीश उपाध्याय एवं पूर्व विधायक डॉ. नंद किशोर गर्ग ने मांग की है कि पहले अवध विश्वविद्यालय और अब भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा श्री जितेंद्र सिंह तोमर की शैक्षणिक डिग्रियों को फर्जी प्रमाणित किए जाने पर उनके चुनाव को अवैध घोषित किया जाए और वह अविलम्ब त्याग पत्र दें। लगभग यही मांग दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने भी की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को सब कुछ पता होते हुए भी उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न किया जाना आश्चर्यजनक है। माकन ने कहाöहोना तो यह चाहिए था कि श्री केजरीवाल को इस हेराफेरी का पता लगते ही तुरन्त कानून मंत्री को बर्खासत कर देना चाहिए था। देखें, मामला आगे क्या करवट लेता है।

-अनिल नरेन्द्र

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