Sunday, 3 May 2015

मां हिन्दू, पिता मुस्लिम ः इसलिए मैं इंडियन हूं

काले हिरण के शिकार से जुड़े आर्म्स एक्ट मामले में आरोपी फिल्मी सितारे सलमान खान बुधवार को जोधपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुए। सलमान 17 साल पुराने मामले में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। जज अनुपमा बिजलानी ने जब सलमान से उनकी जाति पूछी तो सलमान के जवाब से अदालत में सभी हक्के-बक्के रह गए। जज ने पूछा ः नाम क्या है? जवाब सलमान सलीम खान। पिता का नाम क्या है? सलीम। आपकी उम्र कितनी है? 49 साल। आपका पता क्या है? बॉम्बे में रहता हूं। आपकी जाति क्या है? जवाब नहीं दिया। जज महोदया ने फिर दोहराया ः आपकी जाति क्या है? सलमान ने अंग्रेजी में कहाöहिन्दू एंड मुस्लिम बोथ। माई फादर इज मुस्लिम एंड माई मदर इज हिन्दू। यानि मैं भारतीय हूं, मेरे पिता मुस्लिम हैं और माता हिन्दू, इसलिए मैं इंडियन हूं। सलमान खान की हाजिर जवाबी और उत्तर से जज महोदया चकित रह गईं। सलमान ने बयान में अपने ऊपर लगे शिकार और अवैध हथियार रखने सहित सभी आरोपों को नकारा। सलमान ने कहा कि मैं निर्दोष हूं। मुझे झूठा फंसाया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के कहने पर गवाहों ने मेरे खिलाफ गवाही दी है। मैं अपने बचाव में और साक्ष्य पेश करना चाहता हूं। अदालत ने उनका अनुरोध स्वीकार करते हुए चार मई की तारीख तय कर दी। साथ ही गवाह के नहीं आने के कारण मामले की सुनवाई आगे के लिए टाल दी। उल्लेखनीय है कि सलमान वर्ष 1998 में फिल्म हम साथ-साथ हैं, की शूटिंग में जोधपुर के निकट गए थे। जोधपुर के कनकनी गांव में एक और दो अक्तूबर 1998 की दरमियानी रात उन पर दो काले हिरणों के शिकार का आरोप लगाया गया। वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम के तहत काले हिरण का शिकार प्रतिबंधित है। सलमान पर अवैध हथियार रखने व उसके इस्तेमाल का भी आरोप है। अदालती सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष खचाखच भरा हुआ था। सलमान के साथ उनका अंगरक्षक शेरा और बहन अलवीरा भी वहां मौजूद थे। इस मामले में अभिनेत्री सोनाली बिन्द्रs, तब्बू, नीलम और अभिनेता सतीश शाह भी आरोपी हैं। हिरण शिकार के तीन मामलों में से दो में सलमान को सजा सुनाई जा चुकी है जबकि कांकाणी हिरण शिकार प्रकरण की सुनवाई अभी तक चल रही है। अभियोजन पक्ष ने अब तक 20 गवाहों के बयान करवाकर अभियोजन साक्ष्य पूरी कर ली है। कोर्ट ने सलमान के मुस्लिम बयान भी बुधवार को रिकार्ड कर लिए हैं। अब चार मई को सलमान की ओर से एक गवाह सूची पेश की जाएगी, जिन्हें वह अपने बचाव में पेश करना चाहते हैं। इन गवाहों के बयान होने के बाद कोर्ट दोनों पक्षों की बहस सुनेगी व उसके बाद फैसले की तारीख तय होगी। चूंकि मामला सब जूडिस है, इसलिए केस के बारे में टीका-टिप्पणी नहीं हो सकती। केवल कोर्ट में पेश हुई कार्रवाई दे रहे हैं।

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