Wednesday, 27 May 2015

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करें

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के रहस्य को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच खुलासा हुआ है कि उनसे जुड़ी 64 फाइलें कोलकाता में ही रखी हैं। नेताजी के वंशज व प्रपौत्र अभिजीत रॉय का कहना है कि 1947 से लेकर 1968 तक की गई जासूसी व अन्य चीजों से जुड़ी फाइलें पश्चिम बंगाल सरकार के पास रखी हैं। दरअसल पिछले दिनों नेताजी व उनके परिवार से संबंधित लोगों की 20 साल तक जासूसी कराने के खुलासे के बाद उनसे जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किए जाने की मांग तेजी से उठने लगी है। अभिजीत रॉय ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जिन दो फाइलों के कारण पूरे देश में सनसनी फैली वह कोलकाता में लॉर्ड सिन्हा रोड स्थित विशेष शाखा के कार्यालय में एक लॉकर में बंद हैं। इसी दफ्तर में एक लॉकर में 62 अन्य फाइलें भी हैं जिन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया गया। सुभाष चन्द्र बोस पर किताब लिखने वाले अनुज धर ने भी इस तथ्य का समर्थन किया है। धर ने कहा कि मुखर्जी आयोग की स्टेटस रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया था। गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में पश्चिम बंगाल सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में कहा था कि उसके पास नेताजी से जुड़ी कोई फाइल नहीं है और जो फाइलें थीं सार्वजनिक की जा चुकी हैं। नेताजी के एक और भतीजे चन्द्र कुमार बोस राज्य सरकार  की चुप्पी से हैरान हैं। उन्होंने कहा यह बात मेरी समझ से बाहर है कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाई सूर्य बोस से विदेश में मिलने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से 40 मिनट निकालते हैं और उनकी मांग को सुनते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस ज्वलंत मुद्दे पर बयान तक नहीं दे सकी हैं। भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा है कि वह राज्य के गृह मंत्रालय में पड़ी नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करे। नेताजी के लापता होने से जुड़ी और केंद्र के पास पड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने पर विचार के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन करने के बाद भाजपा ने ममता सरकार पर दबाव बनाते हुए यह प्रतिक्रिया दी है। गौरतलब है कि नेताजी के पौत्र चन्द्र कुमार बोस ने दावा किया है कि उनके परिवार के 23 सदस्य मुख्यमंत्री को छह बार पत्र लिखकर इसकी मांग कर चुके हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि कांग्रेस क्यों सुभाष चन्द्र बोस के अतीत के सामने आने से डर रही है। इसकी एक वजह हो सकती है कि कांग्रेस सरकार को पता था कि अगर बोस विमान हादसे में नहीं मारे गए थे तो वह किसी विदेशी जेल में होंगे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पारिवारिक सदस्य चन्द्र बोस ने फाइलों को सार्वजनिक करने पर विचार के लिए केंद्र के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि हमने जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सभी प्रधानमंत्रियों को फाइलें सार्वजनिक करने के लिए पत्र लिखा लेकिन किसी ने कभी कोई कार्यवाही नहीं की। लेकिन उनके बड़े भाई सूर्य से मिलने के 24 घंटे के अंदर मोदी ने कार्यवाही की जिसे लेकर हम खुश हैं। नेताजी से संबंधित हर जानकारी को सार्वजनिक किया जाए यह देश की मांग है।

No comments:

Post a Comment