Sunday, 31 May 2015

फीफा अधिकारियों पर करोड़ों डॉलर रिश्वत लेने का आरोप

दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल की साख पर बुधवार को बट्टा लग गया। स्विटजरलैंड के ज्यूरिख शहर में  जब फीफा के नए अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी चल रही थी, तब इस संस्था के कई शीर्ष अधिकारियों को पुलिस ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस खबर ने पूरे विश्व में सनसनी फैला दी। हालांकि फुटबॉल पहले भी कई बार सवालों के घेरे में आ चुकी है। इस तरह का प्रकरण खेल के लिए बदनुमा दाग होता है। षड्यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप में स्विटजरलैंड की ज्यूरिख पुलिस ने बुधवार को तड़के एक लग्जरी होटल पर छापा मारकर अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया। इन पर 10 करोड़ डॉलर (करीब छह अरब, 40 करोड़ रुपए) रिश्वत लेने का आरोप है। गिरफ्तार लोगों में फीफा का एक उपाध्यक्ष भी शामिल है। कुल 14 लोगों पर षड्यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप हैं जिनमें नौ फीफा अधिकारी हैं। स्विटजरलैंड के न्याय मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के आग्रह पर फीफा के सात अधिकारियों को 1990 के दशक के शुरू से लेकर वर्तमान समय तक रिश्वत लेने और उसके बदले में हित साधने के संदेह में गिरफ्तार किया है। इन अधिकारियों की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब एक दिन बाद गुरुवार से यहां फीफा का वार्षिक सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। ज्यूरिख के होटल पर पुलिस कार्रवाई के साथ फीफा के मुख्यालय पर भी छापेमारी की गई। इसके अलावा अमेरिका राज्य फ्लोरिडा के सियामी स्थित सीओएनसीएसीएएफ मुख्यालय पर भी तलाशी अभियान चलाया गया। स्विस सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फीफा से जुड़े अधिकारियों को करोड़ों डॉलर से अधिक का भुगतान करने की योजना में संलिप्त पाया गया है। इसके बदले में माना जा रहा है कि उन्हें लैटिन अमेरिका में होने वाले फुटबॉल टूर्नामेंट से जुड़े मीडिया, मार्केटिंग और प्रायोजन अधिकार मिले। बयान में कहा गया कि इन आरोपों की तैयारियां अमेरिका में की गईं और भुगतान अमेरिकी बैंकों के जरिये किया गया। अमेरिकी खुफिया संस्था एफबीआई ने वर्तमान और निवर्तमान मिलाकर कुल नौ फीफा अधिकारियों और अमेरिकी स्पोर्ट्स कंपनियों से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ 15 करोड़ डॉलर के भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज किए। इन 14 में छह ने तो अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है। एफबीआई जांच के ब्यौरे दिलचस्प हैं। किस बेशर्मी से 2010 का वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका को देने के लिए घूस मांगी गई थी। किस तरह एक अधिकारी ने फीफा के पैसों से एक कैरेबिया द्वीप में विशाल स्टेडियम बनवाया और फिर उसे अपने नाम कराकर उसे पार्टियों के लिए किराये पर उठा रहा है। वैसे एफबीआई के इस खुलासे का एक कूटनीतिक पहलू भी है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अमेरिका यह तमाशा इसलिए खड़ा कर रहा है ताकि 2015 का वर्ल्ड कप आयोजन रूस से छिन जाए और किसी और देश को दे दिया जाए। इस खुलासे से तमाम दुनिया के फुटबॉल प्रेमी दुखी हैं।
-अनिल नरेन्द्र

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