Wednesday, 6 May 2015

सनसनीखेज साजिश के आरोप में पूर्व आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

हरियाणा के बहुचर्चित जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके पूर्व आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली के व्यवसायी टिक्का हसन मुस्तफा की हत्या की साजिश के आरोपों में पकड़ा है। संजीव कुमार के साथ दिल्ली समेत कई शहरों का कुख्यात गैंगस्टर शौकत पॉशा को उसके दो शॉर्प शूटर तौफीक और मनन उर्प मोनू उर्प मुर्तजा को भी गिरफ्तार किया है। संजीव कुमार को जेबीटी घोटाले में 55 लोगों के साथ सीबीआई ने पकड़ा था। ओम प्रकाश चौटाला और संजीव कुमार को घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता मानकर दोनों को मिलाकर पांच आरोपियों को 10-10 साल की सजा हुई थी। तिहाड़ जेल में करीब डेढ़ साल की सजा काटने के बाद संजीव कुमार को पिछले साल जून में मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली थी। वह न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में रहने वाले दोस्त टिक्का हसन मुस्तफा के घर में रहने लगा। टिक्का मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला है। उसका प्रॉपर्टी का काम है। दोनों पहले से ही प्रॉपर्टी का काम करते थे। इस बीच टिक्का से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हो गया था। संजीव कुमार की तिहाड़ जेल में गैंगस्टर शौकत पॉशा से दोस्ती हो गई। उसी से सम्पर्प कर संजीव ने अपने ही दोस्त को मरवाने की योजना बनाई। इसके लिए संजीव ने 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी। संजीव ने उससे कहा था कि दिल्ली के साउथ एरिया स्थित रेस्टोरेंट में वारदात को अंजाम दिया जाएगा। पहले गोली उसी के पैर या शरीर के किसी हिस्से पर मारना जो बिना ज्यादा घाव किए निकल जाए। जबकि दूसरी गोली दोस्त को लगनी चाहिए, जिससे वह मर जाए। संजीव को डर था कि उसके जेल में रहते हुए कहीं टिक्का हसन उसकी सारी सम्पत्ति न हड़प जाए। संजीव ने यह साजिश दो-तीन मकसद हासिल करने के लिए रची थी। पहलाöवह अपने दोस्त और बिजनेस पार्टनर टिक्का को मरवाना चाहता था।  क्योंकि उसे डर था कि टिक्का उसकी सम्पत्ति हड़प सकता है। टिक्का उसकी सम्पत्ति की देखरेख करता था। दूसराöटिक्का की हत्या और खुद पर हमले के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को फंसाने का था। तीसराöखुद हमले में घायल होकर वह जमानत की अवधि बढ़वाना चाहता था। 1985 बैच का अफसर संजीव कुमार हरियाणा के जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर) भर्ती घोटाले में दोषी है। संजीव पर 2013 में तिहाड़  जेल में हमला भी हुआ था। इस संबंध में शिकायत मिलने पर दिल्ली के हरिनगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन अब लग रहा है कि तिहाड़ में वह हमला सिर्प नाटक मात्र था। संजीव कुमार का अब कहना है कि मुझे शुरुआत से ही फंसाया गया है। उन्हें डर है कि मैं सच्चाई किसी को न  बता दूं। इसके लिए मेरे ऊपर तिहाड़ जेल नम्बर चार पर जानलेवा हमला भी कराया गया था। जिसके बाद मुझे दूसरी जेल में भेज दिया था। इसी डर के कारण मैं मानसिक रूप से बीमार हो गया था। अब अगर मुझे फंसाने की कोशिश की गई तो मैं मिट्टी का तेल डालकर खुदकुशी कर लूंगा। यह सब मामले को कमजोर करने की राजनीतिक साजिश है।

-अनिल नरेन्द्र

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