Wednesday, 13 May 2015

नवाज शरीफ थे तहरीक-ए-तालिबान के निशाने पर

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में गत दिनों एक हेलीकॉप्टर के गिरने की खबर आई। वैसे हेलीकॉप्टर के गिरने की खबर इतनी बड़ी नहीं होती क्योंकि हेलीकॉप्टर गिरते ही रहते हैं पर यह सनसनीखेज खबर है क्योंकि इसमें दो राजदूत सवार थे। पाक तालिबान ने राजनयिकों समेत 11 विदेशियों को ले जा रहे पाक सेना के इस हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है। इस हादसे में फिलीपींस और नार्वे के राजदूतों सहित कम से कम पांच अन्य की मौत हो गई। तहरीक--तालिबान (टीटीपी) ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उसके निशाने पर थे। हालांकि पाकिस्तानी फौज ने इस हादसे के पीछे आतंकियों का हाथ होने से इंकार किया है। हादसे में नार्वे के राजदूत लीफ एच. लॉर्सन और फिलीपींस के राजदूत डोमिंगो डी लूशेनिरियो जूनियर की मौत हो गई। मलेशिया और इंडोनेशिया के राजदूतों की पत्नियां और पाकिस्तानी फौज के दो पायलट भी इस हादसे में मारे गए। मरने वालों में चालक दल का एक सदस्य भी शामिल है। इस एमआई-17 हेलीकॉप्टर में छह पाकिस्तानी और 11 विदेशी सवार थे। पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर नलतार घाटी के एक स्कूल भवन में जैसे ही गिरा तो इसमें आग लग गई। पाक तालिबान ने इस हादसे की जिम्मेदारी ली। टीटीपी के मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी के बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को निशाना बनाने के लिए तहरीक--तालिबान ने एक खास योजना बनाई थी, लेकिन वह बच गए, क्योंकि वह एक अन्य हेलीकॉप्टर पर सवार थे। टीटीपी के दावे की तुरन्त पुष्टि नहीं हो पाई। गिलगित-बाल्टिस्तान का इलाका आतंकियों का मजबूत गढ़ नहीं माना जाता है। पाक सेना ने भी हादसे में आतंकियों का हाथ होने से इंकार किया। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिम सलीम बाजवा ने डॉन को बताया कि हेलीकॉप्टर तकनीकी गड़बड़ी के कारण हादसे का शिकार हुआ न कि किसी मिसाइल का। उल्लेखनीय है कि पाक सेना के  तीन हेलीकॉप्टर एमआई-17 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कई राजनयिकों को ले जा रहे थे। यहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक समारोह को संबोधित करने वाले थे। दो हेलीकॉप्टर तो सुरक्षित उतर गए, लेकिन तीसरा दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पीएम नवाज शरीफ इस इलाके में दो परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे और उनका विमान भी उड़ान भर चुका था। हादसे के बाद उसे इस्लामाबाद वापस मोड़ दिया गया। अगर वाकई ही तहरीक--तालिबान ने इस हेलीकॉप्टर को विमानरोधी मिसाइल से गिराया है जैसे वह दावा कर रहे हैं तो यह एक चिन्ता का विषय है। इसका मतलब तो यह है कि पाकिस्तान में कोई सिविलियन विमान भी सुरक्षित नहीं है। हेलीकॉप्टर से लेकर कामर्शियल जेट सभी टीटीपी के निशाने पर हैं। विडंबना देखिए कि पाक द्वारा दिए गए हथियारों का उसके खिलाफ ही इस्तेमाल हो रहा है।

-अनिल नरेन्द्र

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