Wednesday 20 June 2018

भारतीय भगोड़ों का पसंदीदा देश ब्रिटेन बन गया है

हमारी गुप्तचर एजेंसियां इतनी सतर्प हैं कि विदेश मंत्रालय द्वारा नीरव मोदी का 24 फरवरी को पासपोर्ट रद्द किए जाने के बावजूद मोदी 15, 30 और 31 मार्च में अमेरिका, ब्रिटेन और हांगकांग की चार विदेश यात्राएं उसी पासपोर्ट से करता रहा और हमारी एजेंसियों को खबर भी नहीं लगी। यह तब चौंके जब इंटरपोल ने इन्हें खबर दी। दरअसल एक तरह से देखा जाए तो शायद हमारी एजेंसियों की भी गलती नहीं। क्योंकि अब पता चल रहा है कि नीरव मोदी के पास कम से कम आधा दर्जन भारतीय पासपोर्ट हैं। एजेंसी के अधिकारियों ने पाया कि नीरव के पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद भी वह लगातार यात्राएं कर रहा है। इस दौरान उसके पास छह पासपोर्ट होने का खुलासा हुआ। इनमें से दो पिछले कुछ समय से सक्रिय हैं। सूत्रों ने बताया कि चार अन्य पासपोर्ट सक्रिय नहीं पाए गए हैं। जो दो सक्रिय हैं उनमें से एक में नीरव का पूरा नाम लिखा हुआ है जबकि दूसरे में केवल उसका पहला नाम दर्ज है और इस पासपोर्ट पर उसे ब्रिटेन का 40 महीने का वीजा हासिल है। संभवत इस तरह वह भारत द्वारा ज्ञात पहले पासपोर्ट को रद्द किए जाने के बावजूद लगातार यात्राएं कर रहा है। कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर नीरव मोदी के गुपचुप ढंग से सहयोग करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि अगर नीरव मोदी का पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया था तो फिर उसने कुछ महीने पहले तीन देशों की यात्रा कैसे की? इस मामले पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने नीरव का पासपोर्ट निरस्त किए जाने के बारे में दूसरे देशों की सरकारों को जानबूझ कर सूचित नहीं किया। पिछले दिनों खबर आई थी कि पिछले छह महीने से विदेश में छिप रहा नीरव मोदी ब्रिटेन में है। वह वहां इस बहाने राजनीतिक शरण की कोशिश में है कि भारत वापस जाने पर उसका राजनीतिक उत्पीड़न होगा। ब्रिटेन भारतीय भगोड़ों के लिए पसंदीदा स्थान बनता जा रहा है। 13,500 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले नीरव मोदी भी ब्रिटेन पहुंच गए हैं। नीरव से पहले ब्रिटेन में भारत के कई भगोड़े पनाह ले चुके हैं। इनमें ललित मोदी, विजय माल्या, म्यूजिक डायरेक्टर नदीम सैफी, टाइगर हनीफ, संजीव चावला, रवि शंकरन, लार्ड सुधीर चौधरी, राजकुमार पटेल, राजेश कपूर, अब्दुल शाकुर जैसे नाम शामिल हैं। 2013 से अब तक भारत से गए 5500 से ज्यादा लोगों ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण के लिए अर्जी दी। हालांकि ये सभी अपराधी नहीं हैं। भारतीय भगोड़ों का सबसे पसंदीदा देश ब्रिटेन, अमेरिका, यूएई, कनाडा हैं। 70 प्रतिशत यानि 83 भगोड़े इन्हीं चार देशों में रह रहे हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में दी है।

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