Saturday, 9 June 2018

उद्धव पर फिलहाल नहीं चला शाह का जादू

भाजपा 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूत करने और अपनी आलोचना कर रहे सहयोगियों को मनाने के अभियान पर आजकल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह निकले हैं। इसी के तहत बुधवार को अमित शाह ने अपने पुराने और सबसे मुखर आलोचक रह चुके सहयोगी शिवसेना को मनाने के लिए उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिले। अमित शाह अपनी सारी कोशिशों के बावजूद उद्धव ठाकरे को फिलहाल मनाने में असफल रहे। यह तो लग ही रहा था क्योंकि जिस दिन यह मीटिंग होनी थी उसी दिन सुबह शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में भाजपा पर तीखे हमले किए और दोहराया कि 2019 के चुनाव पार्टी अकेले लड़ेगी। शिवसेना ने भाजपा पर पालघर में हुए उपचुनाव साम-दाम-दंड-भेद से जीतने का आरोप लगाते हुए उसे किसानों और पेट्रोल के बढ़ते दामों जैसे मुद्दों पर घेरा। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि मेहमान का स्वागत करना मातोश्री (उद्धव का घर) की परंपरा है लेकिन इस मुलाकात के लिए शिवसेना का अपना कोई एजेंडा नहीं है। मोदी विदेश में, शाह देश में चला रहे सम्पर्प अभियान कम से कम महाराष्ट्र में फेल हो गया। शिवसेना ने दो टूक कहा कि भाजपा अहसान फरामोश है। सत्ता पाते ही यह अहंकार में डूब जाती है और शिवसेना के अहसानों को भूल जाती है। पार्टी ने भाजपा पर पेट्रोल की कीमतों के कारण महंगाई बढ़ने और किसानों की हड़ताल को लेकर हमला किया। पार्टी का कहना है कि सरकार पालघर की तरह ही साम-दाम-दंड-भेद से किसानों की हड़ताल तोड़ने की कोशिश कर रही है। आरोप लगाया है कि ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी दुनिया और शाह देश में सम्पर्प मुहिम चला रहे हैं। पालघर उपचुनाव में भाजपा से हार के बाद शिवसेना ने सहयोगी पार्टी को सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु करार दिया था। शिवसेना ने शाह और ठाकरे के बीच चार वर्ष के अंतराल के बाद बैठक की जरूरत पर सवाल उठाया था। बैठक के तुरन्त बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने इशारे-इशारे में कहा कि आगामी चुनाव अकेले लड़ने के फैसले को बदला नहीं गया है यानि शाह-ठाकरे बैठक विफल रही है। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने लिया है। कोई बाहरी कैसे इसे प्रभावित कर सकता है? यूपी के बाद सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें महाराष्ट्र में हैं। यहां 48 सीटें हैं। 2014 में इनमें से भाजपा को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। राकांपा को चार, कांग्रेस को दो और अन्य के खाते में एक सीट गई थी। एनडीए में अभी शामिल दलों के पास कुल 316 सांसद हैं। इनमें शिवसेना के पास दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा सीटें हैं। भाजपा ने महाराष्ट्र में दो क्षेत्रीय दलों से भी गठबंधन किया है। खबर है कि भाजपा ने मनसा प्रमुख राज ठाकरे को अब गठबंधन में शिवसेना की तोड़ के लिए पार्टी में शामिल करने का प्रयास भी किया है।

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