Friday 8 June 2018

बंदूकों के साये में गुगली के बादशाह बने राशिद खान

आईपीएल टी-20 मैच में वह सिर्प 24 गेंद फेंकता है, उसके सामने न विराट का बल्ला चलता है और न ही धोनी की चालें, सिर्प 10 गेंद में 34 रन बनाकर वह मैच का रुख पलट देता है और जब विकेट लेता है तो चेहरे पर बच्चों-सी मासूमियत लिए दोनों बाहें फैलाकर कुछ कदम दौड़ता है और चेहरा आसमान की तरफ उठाकर ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करता है...यह क्रिकेट की दुनिया में गुगली का नया बादशाह हैöराशिद खान। 20 सितम्बर 1988 को अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के जलालाबाद में जन्मे राशिद खान अरमान को बचपन से ही क्रिकेट का शौक रहा और जिन परिस्थितियों में वह पैदा हुए वहां से यहां तक पहुंचना साधारण बात नहीं है। बचपन के दिन शरणार्थी कैंप में बीते। उन दिनों अफगानिस्तान में तालिबान और हुकूमत के बीच जंग चरम पर थी। खूनखराबे में रोजाना लोग मारे जा रहे थे। हजारों लोग पलायन करने को मजबूर हुए। यह साल 2001 की बात है। हालात कुछ ऐस बिगड़े कि राशिद के परिवार को जान बचाने के लिए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में शरण लेनी पड़ी। उनका बचपन शरणार्थी कैंप में बीता। तब राशिद छह साल के थे। यहीं एक अन्य शरणार्थी के पास टीवी था, जहां बच्चे क्रिकेट मैच देखने बैठते थे। यहीं पहली बार राशिद ने क्रिकेट मैच देखा। धीरे-धीरे वह क्रिकेट के दीवाने हो गए। उन दिनों क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर और शाहिद अफरीदी जैसे खिलाड़ियों का जलवा था। टीवी पर उनके शॉट व बॉल करने के अंदाज को राशिद नकल करने की कोशिश करते थे। राशिद कहते हैं कि हमने लकड़ी के पुराने बैट से बैट तैयार किया। हमारे पास टेनिस वाली बॉल थी। पर हम पर क्रिकेट का जुनून सवार था। उनकी अम्मी चाहती थीं कि राशिद पढ़-लिखकर डाक्टर बने। उन्होंने बेटे को बहुत समझाया कि वह क्रिकेट छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दे लेकिन राशिद पर क्रिकेट का जुनून सवार था। राशिद करीब आठ साल शरणार्थी कैंप में रहने के बाद अपने मुल्क अफगानिस्तान लौटे। वे राजधानी काबुल से करीब 60 किलोमीटर दूर जलालाबाद शहर में  रहने लगे। टायर की दुकान चलाते थे। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। परिवार चलाना मुश्किल था। देश के हालात खराब थे, आतंकी हमले और खूनखराबा जारी था। इन दुश्वारियों के बीच ही वह पढ़ाई के साथ क्रिकेट खेलता रहा और आज यहां तक पहुंच गया। 2015 में वह जब 17 के थे वह जिम्बाब्वे के खिलाफ अफगानिस्तान से खेले और फिर उन्होंने वापस मुड़कर नहीं देखा। पिछले आईपीएल में उनकी एंट्री हुई। सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें चार करोड़ रुपए में खरीदा। आईपीएल में राशिद तब चर्चा में आए जब उन्होंने केकेआर के खिलाफ दूसरे क्वालीफायर मैच में 10 गेंदों पर 34 रनों की पारी खेली, तीन विकेट चटकाए। इस साल वह अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में नम्बर वन खिलाड़ी बन गए। वह दुनिया में सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं जिन्हें यह तमगा हासिल हुआ है।

-अनिल नरेन्द्र

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