पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अखबारों में इस
हफ्ते इमरान खान की अमेरिका यात्रा से जुड़ी खबर सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही। इमरान
खान पिछले हफ्ते तीन दिनों के अमेरिकी दौरे पर गए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
से उनकी मुलाकात के बाद ट्रंप ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के पधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने उनसे कश्मीर के मामले में मध्यस्थता करने को कहा था। ट्रंप के इस
बयान के फौरन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन कर दिया। लेकिन जाहिर है कि ये
बात इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं थी। अखबार एक्सपेस के अनुसार पाकिस्तान लौटने के
बाद इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर जमा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान
ने कहा आज लगा है कि मैं विदेश यात्रा करके नहीं बल्कि वर्ल्ड कप जीतकर लौटा हूं। इमरान
खान ने खुद और उनकी पार्टी ने तो इसे ऐतिहासिक और किसी भी पाकिस्तानी नेता का सबसे
सफल अमेरिकी दौरा करार दिया लेकिन पूरे हफ्ते पाकिस्तानी मीडिया में इसी बात पर चर्चा
होती रही कि आखिर इमरान को अमेरिकी दौरे से क्या हासिल हुआ? अखबार एक्सपेस ने सुर्खी लगाई हैö कश्मीर
समस्या पर दुनिया सकिय, चीन भी मध्यस्थता का समर्थक। अखबार के
अनुसार कश्मीर समस्या पर पूरी दुनिया सकीय हो गई है। चीन ने अमेरिका के मध्यस्थता के
पस्ताव पर स्वागत करते हुए इसके समर्थन की घोषणा की है। अखबार के अनुसार चीनी विदेश
मंत्रालय की पवक्ता फुनइंग ने कहा कि चीन भारत और पाकिस्तान दोनों का पड़ोसी देश है।
इसलिए चीन की दिली इच्छा है कि दोनों देश ही कश्मीर समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके
से करें। अखबार के अनुसार अमेरिका के मध्यस्थता के पस्ताव का चीन के जरिए स्वागत किया
जाना भारत के लिए एक कूटनीतिक धोखा है। अखबार दुनिया ने सुर्खी लगाई है कि भारत की
एक और कूटनीति हार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने का खतरा। कश्मीरियों का आंदोलन सफलता की ओर बढ़ने लगा। वह लिखता है कि राष्ट्रपति ट्रंप
के कश्मीर के संबंध में दिए गए बयान से भारतीय संसद में भूकंप आ गया। विदेश मंत्री
जय शंकर ने भले ही ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है लेकिन मोदी सरकार अभी दबाव में
है। अखबार नवा-ए-वक्त के अनुसार अमेरिका
का मानना है कि इमरान-ट्रंप की मुलाकात के दौरान किए गए वादों
को पूरा करने का वक्त आ गया है। अखबार लिखता है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की पवक्ता
मार्गन आटोगस ने वाशिंगटन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान खान और डोनाल्ड
ट्रंप की पहली मुलाकात कामयाब रही और अब वक्त आ गया है कि इस मुलाकात के वक्त किए गए
वादों को पूरा किया जाए और आगे बढ़ा जाए। नवा-ए-वक्त ही में छपी एक खबर के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए सैन्य मदद बहाल
कर दी है। अमेरिका अब पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए
12 करोड़ 50 लाख डालर और लाजिस्टिक मदद करेगा।
-अनिल नरेन्द्र