Friday 22 July 2011

कैश फॉर वोट प्रकरण में सुहेल हिन्दुस्तानी की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण है


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 23rd July 2011
अनिल नरेन्द्र
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद नोट के बदले वोट मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को इस केस की अहम कड़ी की भूमिका निभाने वाले सुहेल हिन्दुस्तानी को गिरफ्तार कर लिया। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता रह चुके सुहेल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने संजीव सक्सेना के साथ मिलकर तीन भाजपा सांसदों को रिश्वत देने में अहम भूमिका निभाई थी। क्राइम ब्रांच ने सुहेल को बुधवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया था। लगभग सात घंटे तक चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुहेल के रवैये से पुलिस अधिकारी भी हैरान हो गए। दरअसल उसने पुलिस के हर सवाल का हाजिर जवाबी अन्दाज में जवाब दिया। इस दौरान उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि एक गुलदस्ता लेकर अपराध शाखा के दफ्तर में पहुंचे सुहेल ने अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए बताया कि वह राजस्थान के टोंक जिले से 15 वर्ष पहले जनपथ होटल आकर रुका था। इसके बाद उसने राशि रत्नों का व्यवसाय शुरू किया। इस दौरान उसका सम्पर्प कई बड़े लोगों व नेताओं से हुआ। इसी के चलते वह कुछ वर्ष पहले भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हो गए। उसके बाद उसने पार्टी में काफी अच्छी पकड़ बना ली। पूछताछ के लिए जाने से पहले सुहेल ने कैश फॉर वोट मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी का नाम लेकर उन्हें भी इस मामले में घसीटने की कोशिश की। सुहेल ने संवाददाताओं से कहा, `मुझे अमर सिंह और अहमद पटेल (सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) के फोन आए थे। प्रधानमंत्री के करीबी लोगों से और 10 जनपथ से भी मुझे फोन आए।' लेकिन सुहेल ने फोन करने वालों के नाम नहीं बताए। पूछताछ में उसने दावा किया कि उसका रोल विश्वास मत के दौरान बीजेपी सांसदों की खरीद-फरोख्त की कोशिश का पर्दाफाश करने तक सीमित था। सुहेल हिन्दुस्तानी का असल नाम सुहेल अहमद है। उसके बारे में कहा जाता है कि वह राजनीति के गलियारों में लोगों से सम्पर्प बनाने के लिए जाना जाता है। पूर्ववर्ती राजस्थान सरकार के कुछ राजनेताओं से भी उसके अच्छे सम्पर्प बताए जाते हैं। इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में सुहेल की निर्बाध पैठ भी बताई जाती है। सुहेल की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह पर गाज गिर सकती है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को अमर सिंह समेत दो वर्तमान और दो पूर्व सांसदों की जांच की इजाजत दे दी है। मंत्रालय ने यह निर्णय बुधवार की देर शाम गृहमंत्री पी. चिदम्बरम से पुलिस कमिश्नर बीके गुप्ता की मुलाकात के बाद किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अमर सिंह के अलावा समाजवादी पार्टी के सांसद रेवती रमण सिंह और भाजपा के पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगोरा से भी इस मामले की पूछताछ की जाएगी। सुहेल ने बताया कि अमर सिंह और अहमद पटेल ने सरकार बचाने के लिए उससे सम्पर्प किया था। उन लोगों ने उन भाजपा सांसदों की खरीद-फरोख्त करने में मदद करने को कहा था जो कमजोर या मजबूरी में फंसे हों और जिनके खिलाफ कोई केस चल रहा हो। इसके एवज में उन सांसदों को पांच करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सरकार बचाने की प्रक्रिया में उससे किन लोगों ने सम्पर्प किया था, इसका पूरा ब्यौरा मिल जाएगा। इसके लिए उसके फोन कॉल रिकार्ड की जांच की जा सकती है। पुलिस को इस मामले में अमर सिंह के ड्राइवर संजय की भी तलाश है जो अब तक काबू नहीं आ सका।
राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिल्ली पुलिस को `कैश फॉर वोट' के मामले में जांच आगे बढ़ाने में संसद सदस्यों में सम्भावित पूछताछ की इजाजत दे दी है। राजनेताओं, सत्ता के गलियारों तथा नामचीन हस्तियों के इर्द-गिर्द घूमकर सेवाएं देने में माहिर सुहेल हिन्दुस्तानी की गिरफ्तारी के बाद अब कई नेताओं की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। राजग सरकार के समय प्रधानमंत्री कार्यालय में सेवाएं देने तथा बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी माने जाने वाले सुधीन्द्र कुलकर्णी तक इसकी आंच पहुंच सकती है। हालांकि भाजपा प्रवक्ताओं ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी पर अगर यह मामला आगे बढ़ता है तो संसद के मानसून सत्र में इसका मुद्दा बनना लग रहा है। फिलहाल भाजपा इस मामले की जांच और दोषी को सजा देने के बयान तक ही सीमित है। सुहेल हिन्दुस्तानी द्वारा 12 अगस्त 2008 को तत्कालीन लोकसभाध्यक्ष को लिखे पत्र के मुताबिक उसने सुधीन्द्र कुलकर्णी द्वारा रखे गए प्रस्ताव को मानकर सांसदों की कथित खरीद-फरोख्त उजागर करने में सहयोग दिया था। उसके मुताबिक कांग्रेस के बड़े नेताओं के इशारे पर सरकार बचाने का प्रयास किया जा रहा था। पत्र में बताया गया है कि इसके लिए इंडिया इस्लामिक सेंटर में सुहेल हिन्दुस्तानी ने पहले सपा के तत्कालीन सांसद उदय प्रताप सिंह से सम्पर्प किया। उन्हें अपने पास विपक्ष के बिकाऊ सांसदों की सूची होने की जानकारी दी और उदय ने इसके लिए सपा सांसद पुंवर रेवती रमण सिंह और राज्यसभा में पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह से सम्पर्प करने की सलाह दी। जाते-जाते उदय सुहेल का नम्बर भी लेते गए। इससे पहले सुहेल हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी एसपी गुप्ता से मिले थे। पत्र के अनुसार गुप्ता को भी सुहेल हिन्दुस्तानी ने विपक्ष के बिकाऊ सांसदों की सूची होने के बारे में बताया। गुप्ता ने भी इसके बाबत उन्हें मुख्यमंत्री हुड्डा तथा कांग्रेसी नेताओं से मिलाने का आश्वासन दिया। समझा जा रहा है कि इस घटनाक्रम को दिल्ली पुलिस और अदालत के सामने रखकर सुहेल हिन्दुस्तानी बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार राज्यसभा के सभापति और लोकसभाध्यक्ष दोनों ने दिल्ली पुलिस को `कैश फॉर वोट' मामले की जांच आगे बढ़ाने की हरी झंडी दिखा दी है। इससे साफ है कि आने वाले समय में सपा के सांसद रेवती रमण सिंह और पूर्व महासचिव अमर सिंह की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। इस प्रकरण में अभी भाजपा, वामदल, जद(यू) समेत अन्य दल पुलिस की जांच पर पूरी नजर रखे हुए हैं। संसद के मानसून सत्र में एक बार फिर `कैश फॉर वोट' मामले की गूंज सुनाई देने के आसार हैं। इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहले से गिरती छवि और गिरने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता पर सारा दारोमदार दिल्ली पुलिस की जांच और अदालतों के एटीट्यूट पर निर्भर करता है।

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