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Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 28th July 2011
अनिल नरेन्द्र
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए सरकार के खिलाफ अभियान चला रही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को लेकर बुरी तरह फंस गई है। दक्षिण भारत में अपनी पहली सरकार को बचाने के लिए भाजपा हाई कमान कोई जोखिम उठाने से कतरा रहा है। लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया है और श्री हेगड़े की नीयत व विश्वसनीयता पर शक नहीं किया जा सकता। वह राज्यपाल हंसराज भारद्वाज की तरह नहीं जो निजी एजेंडे या राजनीतिक एजेंडे पर काम करते हैं। जस्टिस हेगड़े एक ईमानदार और विश्वसनीय छवि के हैं। अगर उन्होंने येदियुरप्पा को दोषी पाया है तो यह सही होगा। दरअसल भाजपा नेतृत्व के लिए येदियुरप्पा गले की हड्डी बन चुके हैं जिसे न तो निगल पा रही है और न ही उगल पा रही है। येदियुरप्पा हर बार यही दलील दे देते होंगे कि अगर मुझे हटाया तो सरकार गिर जाएगी और दक्षिण भारत में भाजपा ने जो पैर जमाए हैं वह उखड़ जाएंगे। भाजपा नेतृत्व को येदियुरप्पा की ब्लैकमेलिंग के सामने अब और झुकना नहीं चाहिए। येदियुरप्पा के कारण भाजपा की केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की मुहिम को भी धक्का लग रहा है और कांग्रेस को यह मौका मिलता है कि वह भाजपा पर दोहरे मापदंडों का आरोप लगा सके। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद येदियुरप्पा पर उचित फैसला होगा। कह तो येदियुरप्पा भी यही रहे हैं कि रिपोर्ट आने के बाद पार्टी जो भी फैसला करेगी, वे उसे मानेंगे। भाजपा नेतृत्व को अविलम्ब येदियुरप्पा को हटाकर उनके उत्तराधिकारी की घोषणा कर देनी चाहिए, अब इसमें विलम्ब नहीं होना चाहिए। सम्भव है कि कुछ प्रभावशाली शक्तियों को कुछ दूसरे फायदे येदियुरप्पा के टिके रहने पर होते हों पर अगर शरीर के किसी भाग में कैंसर हो जाए तो क्या शरीर को बचाने के लिए उस अंग को काट नहीं देते? अगर येदियुरप्पा सरकार चली भी जाती है तो भी भाजपा को वापस आने में फायदा मिलेगा।Tags: Anil Narendra, BJP, Corruption, Daily Pratap, Hegde, Karnataka, Lokayukta, Vir Arjun, Yadyurappa
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