Saturday 2 July 2011

अब तो गरीब की थाली से सब्जी भी गायब हो रही है

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 2st July 2011
अनिल रेन्द्र
सरकार ने पेट्रोल पम्प डीलरों के कमीशन की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है जिससे पेट्रोल 27 पैसे और डीजल 15 पैसे प्रति लीटर और महंगा हो गया है। इससे महंगाई और बढ़ जाएगी। पहले से ही महंगाई की मार से दबी जनता पर अब और भार पड़ जाएगा पर यूपीए सरकार को इससे कोई चिन्ता नहीं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि आम जनता को यह मार अभी कुछ और समय तक झेलनी पड़ेगी। मनमोहन सिंह ने कहा कि अगले साल मार्च तक 6 फीसदी हो सकती है मुद्रास्फीति की दर। उनके वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी कहते हैं कि डीजल, रसोई गैस और केरोसिन के दामों में हाल में की गई बढ़ोतरी को वापस नहीं लिया जाएगा। अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे प्रणब ने बुधवार को कहा कि दामों में बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता। बढ़ती महंगाई के कारण गरीब आदमी की थाली से सब्जियां भी अब गायब होने लग गई हैं। अर्थशास्त्राr योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने बढ़ती कीमतों को यूं तर्पसंगत बताया। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्र का प्रमुख सिद्धांत है, खपत कम करो तो महंगाई कम होगी। वस्तुओं की कीमतें कम होंगी तो वित्तीय घाटा कम होगा। इसलिए महंगाई घटाने के लिए ही कीमतें बढ़ाई गई हैं।
डीजल की बढ़ी कीमत का असर आम आदमी की थाली पर दिखना शुरू हो गया है। बाजार में सब्जियों के दाम उंचाई छूने लगे हैं। थोक की तुलना में फुटकर बाजार में यह तेजी ज्यादा दिख रही है। हालत यह है कि डीजल की बढ़ती कीमत का हवाला देकर फुटकर कारोबारी सब्जियों की मनमानी कीमतें वसूल रहे हैं। एक माह के भीतर थोक बाजार में टमाटर के भाव 10 गुणा बढ़े हैं, वहीं खुदरा कारोबारियों ने इसकी कीमत 20 गुणा तक बढ़ा दी है। महंगाई के चलते अब सलाद से टमाटर भी गायब हो गया है। थाली से हरी सब्जियां भी धीरे-धीरे नदारद हो रही हैं। डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि की वजह से सब्जियों की कीमतों में जो उछाल आया है वह थमने का नाम ही नहीं ले रहा। खुदरा कारोबारी इसका मनमाना फायदा उठा रहे हैं। दिल्ली की आजादपुर की थोक मण्डी में जो टमाटर 30 मई को 1.60 रुपये किलो था वही 28 जून तक 15 रुपये किलो बिका। खुदरा बाजार में इसकी कीमत 45 रुपये तक पहुंच गई है। जो आलू 30 मई को 800 था वह 22 जून को 1250 और 28 जून को 1125 तक पहुंच गया। यह है थोक दाम और फुटकर का तो हाल ही न पूछें। 29 जून को टमाटर फुटकर में 30 से 45 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। आलू का दाम 15 से 20 रुपये। प्याज जैसी चीज 20 से 30 रुपये प्रति किलो, फूल गोभी 30 से 40 रुपये, शिमला मिर्च 35 से 50 रुपये प्रति किलो बिकी। मानसून की वजह से भी हरी सब्जी और टमाटर की आवक प्रभावित हुई है, जिसका असर उनके दामों पर देखने को मिल रहा है। भिण्डी जो पहले 7 रुपये में बिकती थी अब 30 रुपये में बिक रही है। घीया 5 से 15, तोरई 20 से 60, करेला 10 से 35, आलू 7 से 15 तक पहुंच गया। महंगाई इस देश की सबसे बड़ी समस्या है। इससे भारत की 95 प्रतिशत जनता सीधा प्रभावित होती है और मनमोहन सरकार के पास इसको घटाने का न तो कोई फॉर्मूला है और न ही इच्छाशक्ति। प्रधानमंत्री और उनके वित्तमंत्री, उनके सिपहसालारों को ज्यादा चिन्ता ग्रोथ रेट की है। अंतर्राष्ट्रीय छवि की है। अमेरिका हमारी आर्थिक नीतियों पर क्या सोचता है यह प्रधानमंत्री के लिए ज्यादा जरूरी है बनिस्पत भारत की जनता।
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