Tuesday 5 July 2011

दाउद और छोटा राजन की दुश्मनी का शिकार हुए जे डे

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 5th July 2011
अनिल रेन्द्र

मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में छोटा राजन का नाम आ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में रविवार को माफिया सरगना छोटा राजन के कथित सहयोगी और बुकी को गिरफ्तार किया गया। माना जाता है कि जे डे की हत्या में इस व्यक्ति की भूमिका थी। छोटा राजन के कथित सहयोगी और बुकी विनोद असरानी उर्प विनोद चेंबूर समेत आठ लोगों को अब तक इस हत्या मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि जे डे की हत्या के पीछे छोटा राजन का हाथ है। राजन को आशंका थी कि जे डे उसके ठिकाने के बारे में खुलासा कर सकते हैं। इसलिए उसने पत्रकार का सफाया करने का इरादा बनाया। मुंबई पर अंडरवर्ल्ड का राज चलता है। विदेशों में महफूज ठिकानों में बैठे यहां जिन्दगी और मौत का फैसला करते हैं। छोटा राजन कौन है? चलिए इसके बारे में आपको बताएं। राजन सदाशिव निखल्जे उर्प छोटा राजन का जन्म मुंबई की लोअर क्लास बस्ती तिलक नगर में हुआ। 80 के दशक में वह सिनेमाघरों के बाहर ब्लैक में टिकट बेचा करता था। जल्द ही उसकी पहचान राजन नायर उर्प बड़ा राजन से हुई। लड़के का हौसला राजन को भा गया और उसने निखल्जे को अपना दायां हाथ बना लिया। जब बड़ा राजन की हत्या हुई तो निखल्जे ने उसकी जगह ले ली और तब से वह छोटा राजन बन गया।
छोटा राजन दाउद इब्राहिम कासकर की गैंग में शामिल हो गया और दाउद का करीबी बन गया। दाउद तब मुंबई का सबसे बड़ा डॉन था। 1986 में दाउद के दुबई जाने के बाद राजन और छोटा शकील उसके भारतीय कारोबार के नुमाइंदे बन गए। 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिरा दिया गया। 1993 की शुरुआत में मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए। उसमें दाउद का हाथ था। उस वाकया ने छोटा राजन को बगावत के लिए मजबूर कर दिया। जाहिर है, डी कम्पनी में कम्यूनल फूट पड़ चुकी थी। दाउद और राजन तब से पक्के दुश्मन हैं और भारत में बिजनेस के लिए लड़ रहे हैं। छोटा राजन का दावा है कि वह भारत से प्यार करता है, इसीलिए दाउद की बेपनाह ताकत को चैलेंज करता है। अपने भारत प्रेम की मिसाल देने के लिए उसने 1998 में नेपाली सांसद मिर्जा दिलशाद बेग को मरवा दिया। कहा जाता है कि मिर्जा दाउद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का आदमी था। उसके जरिये नेपाल से भारत में ड्रग्स और आतंकवादी एक्सपोर्ट किए जाते थे।
हालांकि कोई इसे कबूल नहीं करेगा, लेकिन आम राय है कि भारतीय खुफिया एजेंसियां छोटा राजन के टच में रहती हैं। वे उसे दाउद के खिलाफ जंग में इस्तेमाल करती हैं और इसलिए राजन के छोटे-मोटे जुर्मों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। कहा जाता है कि हर बड़ी कार्रवाई से पहले भारतीय खुफिया एजेंसियां और पुलिस राजन को इत्तिला कर देती हैं ताकि उसके लोगों पर कहर न टूटे। छोटा राजन ईस्ट एशिया में कहीं छिपा है शायद मलेशिया या फिर इंडोनेशिया में। उसकी तबीयत अब ठीक नहीं रहती पर उसका सिक्का आज भी बदस्तूर चल रहा है। इस साल मई में बाइकर्स ने दाउद के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर को मार डाला। तब लगा कि कुछ बरसों की खामोशी के बाद मुंबई में फिर गैंगवार छिड़ने वाली है। अगले दो महीने में जे डे का मर्डर हो गया, जिसके पीछे राजन और दाउद की आपसी दुश्मनी हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
Tags: Anil Narendra, Babri Masjid, Chhota Rajan, Daily Pratap, Dawood Ibrahim, ISI, J Dey, Vir Arjun

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