2जी स्पेक्ट्रम घोटाले ने एक बात तो साबित कर ही दी है कि इस देश को जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि उर्प सांसद, मंत्री इत्यादि नहीं चला रहे बल्कि उद्योगपति, नौकरशाह और दलाल चला रहे हैं। अगर ऐसा न होता तो नीरा राडिया सरीखे के लोग इतने शक्तिशाली न होते जो अपनी पसंद का मंत्री भी चुनवा लेते हैं और उसे चुनिंदा मंत्रालय भी दिलवा देते हैं। नीरा राडिया आज मशहूर हस्ती हैं, कौन हैं यह नीरा राडिया? 1995 में पहली बार नीरा राडिया भारत में आई और उसने पहली नौकरी सहारा समूह में बतौर लियाजन अफसर की थी। 2001 में नीरा ने वेशन्वी कम्युनिकेशन नामक कंपनी आरंभ की थी और देखते ही देखते टाटा और अंबानी समूह का सारा लियाजन का काम संभालने लगी। अचानक अपनी संदिग्ध गतिविधियों के कारण नीरा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजरों में आ गई। ईडी इस बात की जांच कर रहा था कि अचानक 10 सालों में नौकरी करने वाली नीरा राडिया 300 करोड़ रुपये की सम्पत्ति की मालिक कैसे बन गई? इसी जांच में ईडी ने नीरा राडिया के फोन को टेप करना आरंभ किया। आयकर विभाग ने लगभग 104 टेप अपनी वेबसाइट पर लगाए हैं। इनसे पता चलता है कि कैसे राजनेताओं, उद्योगपतियों, नौकरशाह और पत्रकारों की सांठगांठ से यह सरकार चल रही है। अकेले टाटा समूह और मुकेश अंबानी नीरा राडिया को साल का 30,30 करोड़ रुपये बतौर फीस देती है। आखिर इतने पैसे उद्योगपति (वह भी टाटा और अंबानी जैसे) देते हैं तो कुछ तो नीरा राडिया उन्हें एवज में देती ही होगी। ऐसा नहीं उद्योगपति एक भी पैसा खर्च करते? राडिया की गतिविधियों की सूची लंबी है। 2009 में यूपीए सरकार की सत्ता में वापसी के बाद ए. राजा को फिर से दूरसंचार मंत्री बनवाने के लिए नीरा राडिया ने कनिमोझी सहित कई प्रभावशाली लोगों के साथ लाबिंग की थी। राडिया ने सीबीआई को दिए बयान में स्वीकार किया कि राजा को मंत्री बनवाने के लिए सभी संभावित संगत पर विचार किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि राजा को अनिल अंबानी से दूरी बनाकर रहने की सलाह दी गई थी। नीरा ने इस विषय पर भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील मित्तल से भी चर्चा की थी। राडिया ने हाल ही में सीबीआई को दिए बयान में यह बातें कबूल की हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच में हस्तक्षेप करने को लेकर सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय और दो पत्रकारों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया और टेलीविजन चैनलों के कुछ शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की है। हालांकि सीबीआई ने कहा कि अभी उन टेलीविजन पत्रकारों और प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत की जांच किया जाना बाकी है जिनसे 2जी मामले की जांच के सिलसिले में कथित तौर पर संपर्प किया गया था। यह बयान वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने दिया। उन्होंने सीबीआई द्वारा की गई जांच के निष्कर्षों को पढ़ा। सीबीआई ने बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दी है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ को यह भी सूचित किया गया कि सीबीआई सभी पहलुओं से आरोपों की जांच कर रही है और स्वतंत्र गवाहों तथा दस्तावेजों की तलाश कर रही है। वेणुगोपाल ने कहा नीरा राडिया से पूछताछ की गई है। इन लोगों से एक से अधिक बार पूछताछ की गई है क्योंकि उनके बयान में कुछ विरोधाभास था। शीर्ष अदालत ने गत छह मई को कहा था कि प्रथम दृष्टया सुब्रत राय और सहारा न्यूज नेटवर्प के दो पत्रकारों उपेंद्र राय और सुबोध जैन के खिलाफ 2जी मामले की जांच में हस्तक्षेप करने का मामला बनता है और अदालत ने अवमानना के लिए नोटिस जारी किया था।
उधर सीबीआई ने पटियाला हाउस की एक अदालत को जानकारी दी कि बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की अहम कड़ी माने जाने वाली कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया की बातचीत वाले टेप मामले से जुड़े सभी आरोपियों को दिए जाएंगे। बता दें कि इन टेपों में कारपोरेट जगत के अलावा मीडिया सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों से बातचीत है, जिसके कुछ ही अंश बाहर आ पाए हैं। सीबीआई द्वारा सभी आरोपियों को ये टेप उपलब्ध कराने से कई अन्य लोगों की बातचीत से पर्दा उठ सकता है। देश उम्मीद करता है कि नीरा राडिया के सारे टेपों को सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता को यह पता चल सके कि असल में इस देश पर राज कौन करता है? जनता या दलाल?
Tags: 2G, A Raja, Anil Narendra, Bharti Airtel, Daily Pratap, ED, Mukesh Ambani, Neera Radia, Sunil Mittal, Tata Teleservices, Vir Arjun
उधर सीबीआई ने पटियाला हाउस की एक अदालत को जानकारी दी कि बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की अहम कड़ी माने जाने वाली कारपोरेट लाबिस्ट नीरा राडिया की बातचीत वाले टेप मामले से जुड़े सभी आरोपियों को दिए जाएंगे। बता दें कि इन टेपों में कारपोरेट जगत के अलावा मीडिया सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों से बातचीत है, जिसके कुछ ही अंश बाहर आ पाए हैं। सीबीआई द्वारा सभी आरोपियों को ये टेप उपलब्ध कराने से कई अन्य लोगों की बातचीत से पर्दा उठ सकता है। देश उम्मीद करता है कि नीरा राडिया के सारे टेपों को सार्वजनिक किया जाए ताकि जनता को यह पता चल सके कि असल में इस देश पर राज कौन करता है? जनता या दलाल?
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