बहुचर्चित आरुषि-हेमराज की हत्या के मामले में आखिर मुकदमा शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को सीबीआई अदालत ने आरुषि के माता-पिता डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार के खिलाफ हत्या, सबूतों को नष्ट करने तथा न्यायालय एवं पुलिस को गुमराह करने के आरोप तय करने का फैसला सुनाया और इसके साथ ही नोएडा में चार वर्ष पूर्व आरुषि तलवार और हेमराज की हत्या के सनसनीखेज मामले में मुकदमा शुरू हो गया। आरुषि की हत्या 16 मई 2008 को हुई थी। उससे अगले दिन नौकर हेमराज का शव मकान की छत पर मिला था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश श्याम लाल ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया कि डाक्टर दम्पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत मुकदमा चलेगा। अभियुक्तों के खिलाफ धारा 34 भी लगाई गई है जिसके तहत अन्य लोगों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देना शामिल है। जब अदालत ने यह आदेश सुनाया तो आरोपियों के चेहरों पर तनाव साफ नजर आया। सीबीआई अदालत में तलवार दंपति के वकील ने कोर्ट में याचिका देकर आरोप तय करने को 15 दिन टालने का पयास किया। इसका विरोध सीबीआई के वकील ने किया। बहस के बाद विशेष न्यायाधीश ने तलवार दंपति के वकील की अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद डासना जेल के अंदर चल रहे मुकदमे में जज ने नूपुर-राजेश तलवार से पूछा, आरुषि-हेमराज मर्डर केस में आपके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 सपठित धारा-34 (एक समान उद्देश्य से हत्या करना) और 201 और सपठित धारा-34 (एक समान उद्देश्य से सबूत मिटाने) के आरोप हैं। इसके अलावा राजेश तलवार पर आईपीसी की धारा-203 (पुलिस को गुमराह करने) का आरोप है। क्या यह आरोप आपको स्वीकार है। तलवार दंपति ने आरोपों को निराधार बताते हुए ट्रायल केस करने की बात कही। कोर्ट ने उन पर आरोप तय करते हुए 4 जून से ट्रायल केस चलाने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष ने तलवार दंपति पर हत्या के सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए अदालत से कहा कि तलवार दंपति ने वारदात के बाद आरुषि के कमरे की दीवारों को धोकर खून के धब्बे मिटाने की कोशिश की थी, आरुषि के बिस्तर की चादर बदल दी गई। इतना ही नहीं आरुषि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी बदलने की कोशिश की गई थी। जज ने कहा कि तलवार दंपति पर केस चलाने के लिए पथम दृष्टया काफी सबूत हैं। सुपीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई फैसलों का उदाहरण देते हुए जज ने कहा कि आरोप तय किए जाने के समय सबूतों का गहन परीक्षण अनिवार्य नहीं होता और इस मामले में ऐसे काफी तथ्य उपलब्ध हैं जिसके आधार पर आरोप तय हो सकते हैं। तलवार दंपति ने आरोपों को निराधार बताते हुए ट्रायल केस करने की बात कही और उनके वकील ने कहा कि मामले को बंद करने संबंधी रिपोर्ट में स्वयं स्वीकार किया था कि तलवार दंपति के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। बचाव पक्ष की दलील थी कि जांच एजेंसी अपराध सिद्ध करने में असफल रही है तथा पत्यक्ष अथवा परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से सीबीआई के आरोप सिद्ध नहीं होते। 4 जून से मुकदमे की सुनवाई हो रही है। देखना यह है कि क्या सीबीआई तलवार दंपति पर लगे आरोपों, हत्या के उद्देश्य को साबित कर सकती है या नहीं?
Anil Narendra, Arushi Murder, Daily Pratap, Vir Arjun
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