दिल्ली की बहुचर्चित बटला हाउस मुठभेड़ 19 सितम्बर 2008 को हुई थी। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में शामिल कुछ आतंकवादी तब से फरार हैं। इनमें इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी आरिज खान उर्प जुनैद भी शामिल हैं। खबर आई है कि जुनैद अब आत्मसमर्पण करना चाहता है और इस काम के लिए उसने सपा पमुख मुलायम सिंह यादव की मदद मांगी है। जुनैद और इंडियन मुजाहिदीन के अन्य कथित आतंकवादी असदुल्लाह अख्तर के परिवार वालों ने इस बाबत मध्यस्थों के जरिए मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और पशासन से संपर्प किया है। परिजनों ने दिल्ली की अदालत में कथित आतंकियों ने सुरक्षित समर्पण के लिए मदद मांगी है। जुनैद और असदुल्लाह दोनों आजमगढ़ के रहने वाले हैं। जुनैद और वह साढ़े तीन साल से पुलिस से बचकर छिपे हुए हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों आतंकी उत्तर पदेश में ही कहीं छिपे हैं। ये दोनों उन बारह इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादियों में हैं जिन पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इनाम घोषित कर रखा है। जुनैद पर पांच लाख का इनाम है जबकि असदुल्लाह पर एक लाख का इनाम है। दिल्ली पुलिस को जिन बारह कथित आतंकवादियों की तलाश है उनमें से नौ आजमगढ़ के हैं। तीन आतंकी शहजाद उर्प पप्पू, हाकिम और सलमान को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया था। शरिज उर्प जुनैद की तलाश जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में हुए विस्फोट के सिलसिले में भी है। कुछ गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि जुनैद 23 नवंबर को उत्तर पदेश की अदालतों और सात मार्च 2006 में वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में 50 धमाकों में भी शामिल रहा है। असदुल्लाह सिर्प दिल्ली बमकांड में शामिल बताया जाता है। जुनैद आजमगढ़ के बाजबहादुर मौहल्ले का रहने वाला है। जबकि असदुल्लाह गुलाम का पुरवा का वासी है। बताते हैं कि इन कथित आतंकियों के परिजनों ने उत्तर पदेश सरकार और पशासन में अपने सम्पर्प सूत्रों को बताया कि जुनैद और असदुल्लाह अदालत में समर्पण करना चाहते हैं। उन्हें इस बात का डर है कि अगर पुलिस के हाथ पड़ गए तो उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा। परिजनों ने इस बात का आश्वासन मांगा है कि इन दोनों को उत्तर पदेश पुलिस, आतंकवादी विरोधी दस्ता, दिल्ली पुलिस के हवाले नहीं करेगा। असदुल्लाह के वालिद और आजमगढ़ के मशहूर चिकित्सक डा. जावेद अख्तर ने बताया कि हम लोगों ने मुलायम सिंह यादव को खत लिखकर दोनों के महफूज समर्पण के लिए मदद मांगी है। अख्तर के अनुसार पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बटला हाउस मुठभेड़ में आजमगढ़ के युवाओं को बेवजह फंसाया है। हमने मुलायम सिंह यादव से कहा है कि वे इंसाफ दिलाने के लिए इस मामले में दखल दें क्योंकि उनकी पार्टी केंद्र सरकार को समर्थन कर रही है। अख्तर ने बताया कि गोपालपुर के समाजवादी पार्टी विधायक और मंत्री वसीम अहमद सरकार के साथ उनकी बातचीत में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने बेटे के ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता। पिछले चार साल से उनका उससे कोई सम्पर्प नहीं है।
दिल्ली की बहुचर्चित बटला हाउस मुठभेड़ 19 सितम्बर 2008 को हुई थी। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में शामिल कुछ आतंकवादी तब से फरार हैं। इनमें इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी आरिज खान उर्प जुनैद भी शामिल हैं। खबर आई है कि जुनैद अब आत्मसमर्पण करना चाहता है और इस काम के लिए उसने सपा पमुख मुलायम सिंह यादव की मदद मांगी है। जुनैद और इंडियन मुजाहिदीन के अन्य कथित आतंकवादी असदुल्लाह अख्तर के परिवार वालों ने इस बाबत मध्यस्थों के जरिए मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और पशासन से संपर्प किया है। परिजनों ने दिल्ली की अदालत में कथित आतंकियों ने सुरक्षित समर्पण के लिए मदद मांगी है। जुनैद और असदुल्लाह दोनों आजमगढ़ के रहने वाले हैं। जुनैद और वह साढ़े तीन साल से पुलिस से बचकर छिपे हुए हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों आतंकी उत्तर पदेश में ही कहीं छिपे हैं। ये दोनों उन बारह इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादियों में हैं जिन पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इनाम घोषित कर रखा है। जुनैद पर पांच लाख का इनाम है जबकि असदुल्लाह पर एक लाख का इनाम है। दिल्ली पुलिस को जिन बारह कथित आतंकवादियों की तलाश है उनमें से नौ आजमगढ़ के हैं। तीन आतंकी शहजाद उर्प पप्पू, हाकिम और सलमान को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया था। शरिज उर्प जुनैद की तलाश जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में हुए विस्फोट के सिलसिले में भी है। कुछ गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि जुनैद 23 नवंबर को उत्तर पदेश की अदालतों और सात मार्च 2006 में वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में 50 धमाकों में भी शामिल रहा है। असदुल्लाह सिर्प दिल्ली बमकांड में शामिल बताया जाता है। जुनैद आजमगढ़ के बाजबहादुर मौहल्ले का रहने वाला है। जबकि असदुल्लाह गुलाम का पुरवा का वासी है। बताते हैं कि इन कथित आतंकियों के परिजनों ने उत्तर पदेश सरकार और पशासन में अपने सम्पर्प सूत्रों को बताया कि जुनैद और असदुल्लाह अदालत में समर्पण करना चाहते हैं। उन्हें इस बात का डर है कि अगर पुलिस के हाथ पड़ गए तो उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा। परिजनों ने इस बात का आश्वासन मांगा है कि इन दोनों को उत्तर पदेश पुलिस, आतंकवादी विरोधी दस्ता, दिल्ली पुलिस के हवाले नहीं करेगा। असदुल्लाह के वालिद और आजमगढ़ के मशहूर चिकित्सक डा. जावेद अख्तर ने बताया कि हम लोगों ने मुलायम सिंह यादव को खत लिखकर दोनों के महफूज समर्पण के लिए मदद मांगी है। अख्तर के अनुसार पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बटला हाउस मुठभेड़ में आजमगढ़ के युवाओं को बेवजह फंसाया है। हमने मुलायम सिंह यादव से कहा है कि वे इंसाफ दिलाने के लिए इस मामले में दखल दें क्योंकि उनकी पार्टी केंद्र सरकार को समर्थन कर रही है। अख्तर ने बताया कि गोपालपुर के समाजवादी पार्टी विधायक और मंत्री वसीम अहमद सरकार के साथ उनकी बातचीत में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने बेटे के ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता। पिछले चार साल से उनका उससे कोई सम्पर्प नहीं है।
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दिल्ली की बहुचर्चित बटला हाउस मुठभेड़ 19 सितम्बर 2008 को हुई थी। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ में शामिल कुछ आतंकवादी तब से फरार हैं। इनमें इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी आरिज खान उर्प जुनैद भी शामिल हैं। खबर आई है कि जुनैद अब आत्मसमर्पण करना चाहता है और इस काम के लिए उसने सपा पमुख मुलायम सिंह यादव की मदद मांगी है। जुनैद और इंडियन मुजाहिदीन के अन्य कथित आतंकवादी असदुल्लाह अख्तर के परिवार वालों ने इस बाबत मध्यस्थों के जरिए मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और पशासन से संपर्प किया है। परिजनों ने दिल्ली की अदालत में कथित आतंकियों ने सुरक्षित समर्पण के लिए मदद मांगी है। जुनैद और असदुल्लाह दोनों आजमगढ़ के रहने वाले हैं। जुनैद और वह साढ़े तीन साल से पुलिस से बचकर छिपे हुए हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों आतंकी उत्तर पदेश में ही कहीं छिपे हैं। ये दोनों उन बारह इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादियों में हैं जिन पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इनाम घोषित कर रखा है। जुनैद पर पांच लाख का इनाम है जबकि असदुल्लाह पर एक लाख का इनाम है। दिल्ली पुलिस को जिन बारह कथित आतंकवादियों की तलाश है उनमें से नौ आजमगढ़ के हैं। तीन आतंकी शहजाद उर्प पप्पू, हाकिम और सलमान को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया था। शरिज उर्प जुनैद की तलाश जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में हुए विस्फोट के सिलसिले में भी है। कुछ गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि जुनैद 23 नवंबर को उत्तर पदेश की अदालतों और सात मार्च 2006 में वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में 50 धमाकों में भी शामिल रहा है। असदुल्लाह सिर्प दिल्ली बमकांड में शामिल बताया जाता है। जुनैद आजमगढ़ के बाजबहादुर मौहल्ले का रहने वाला है। जबकि असदुल्लाह गुलाम का पुरवा का वासी है। बताते हैं कि इन कथित आतंकियों के परिजनों ने उत्तर पदेश सरकार और पशासन में अपने सम्पर्प सूत्रों को बताया कि जुनैद और असदुल्लाह अदालत में समर्पण करना चाहते हैं। उन्हें इस बात का डर है कि अगर पुलिस के हाथ पड़ गए तो उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा। परिजनों ने इस बात का आश्वासन मांगा है कि इन दोनों को उत्तर पदेश पुलिस, आतंकवादी विरोधी दस्ता, दिल्ली पुलिस के हवाले नहीं करेगा। असदुल्लाह के वालिद और आजमगढ़ के मशहूर चिकित्सक डा. जावेद अख्तर ने बताया कि हम लोगों ने मुलायम सिंह यादव को खत लिखकर दोनों के महफूज समर्पण के लिए मदद मांगी है। अख्तर के अनुसार पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बटला हाउस मुठभेड़ में आजमगढ़ के युवाओं को बेवजह फंसाया है। हमने मुलायम सिंह यादव से कहा है कि वे इंसाफ दिलाने के लिए इस मामले में दखल दें क्योंकि उनकी पार्टी केंद्र सरकार को समर्थन कर रही है। अख्तर ने बताया कि गोपालपुर के समाजवादी पार्टी विधायक और मंत्री वसीम अहमद सरकार के साथ उनकी बातचीत में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने बेटे के ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता। पिछले चार साल से उनका उससे कोई सम्पर्प नहीं है।
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