Tuesday, 22 May 2012

तीन जजों पर हमला रोडरेज का मामला नहीं हत्या के प्रयास का है

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 22 May 2012
अनिल नरेन्द्र
साकेत कोर्ट के तीन जजों पर जानलेवा हमला करने वाले चारों आरोपियों को शनिवार को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपियों के नाम दक्षिणपुरी निवासी अनिल राज, सुनील राज व संगम विहार निवासी रोहित और प्रशांत उर्प हन्नी हैं। अनिल राज और सुनील राज सगे भाई हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपी अनिल राज के खिलाफ अम्बेडकर नगर में पहले से ही दो मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (लॉ एण्ड ऑर्डर) धर्मेन्द्र कुमार के मुताबिक जजों के कार चालक चमन लाल और बाइक सवार आरोपियों के बीच रोडरेज के कारण कहासुनी हुई थी। पहले तो उन्होंने मामले को रफा-दफा करने की सोची पर जब उसने देखा कि कार पर जज का स्टिकर लगा है, उसने वहां अपने साथियों को भी बुला लिया। विशेष आयुक्त धर्मेन्द्र कुमार के अनुसार अनिल राज से पूछताछ पर जो पता चला वह बेहद ही चौंका देने वाला है। हमले का एक कारण यह भी था कि अनिल राज को एक मामले में इन्हीं जजों ने सजा सुनाई थी। एडिशनल पुलिस कमिशनर दक्षिण-पूर्वी जिला अजय चौधरी के मुताबिक पूछताछ में चारों आरोपी अनिल राज, सुनील राज, रोहित व प्रशांत ने कबूल किया है कि उन्होंने जानबूझ कर जजों पर हमला किया था। शनिवार को चारों की टीआईपी (शिनाख्त परेड) कराई गई, जिसमें इनकी पहचान कर ली गई। ज्ञात रहे साकेत कोर्ट में तैनात अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमके नागपाल, इन्द्रजीत सिंह मेहता व महानगर दंडाधिकारी अजय गर्ग कार से बृहस्पतिवार की शाम करीब पांच बजे फरीदाबाद स्थित अपने-अपने घर जा रहे थे। कार चालक चमन लाल चला रहा था। सभी मदनगीर की तरफ से जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार दक्षिणपुरी जे ब्लॉक, काली बिल्डिंग के पास पहुंची, सामने से गलत दिशा में आ रही मोटर साइकिल कार से टकरा गई। इससे बिना हेलमेट के मोटर साइकिल सवार तीनों युवक नीचे गिर पड़े। जजों द्वारा उन्हें उठाने के बाद दोनों पक्षों में बहस हो गई। मामला शांत होने पर जब जज कार में बैठकर वहां से चलने लगे तभी तीनों ने अपने एक अन्य साथी को भी मौके पर बुला लिया। चमन लाल कार लेकर चला ही था कि चारों ने उनकी कार रुकवाकर जजों व चालक पर हमला बोल दिया। ईंट व पत्थर से कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना में जज इंद्रजीत सिंह के हाथ और सिर से तथा जज मनोज कुमार नागपाल के सिर के पिछले हिस्से और हाथ में चोट आई। घटना के तुरन्त बाद एक आरोपी अनिल राज ने खुद ही अपना सिर फोड़कर एम्स ट्रामा सेंटर जा पहुंचा। उसने पुलिस को दिए बयान में जजों पर मारपीट का आरोप लगाया ताकि क्रॉस केस हो जाने पर वह सजा से बच सके किन्तु ट्रामा सेंटर में चालक चमन लाल ने उसकी पहचान कर ली और उसे गिरफ्तार करवा दिया। उसके बयान के बाद देर रात ही अन्य तीनों को भी दबोच लिया गया। लगता है कि मामला रोडरेज का नहीं, जजों की हत्या के प्रयास का था। इन तीनों-चारों को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए ताकि दूसरों के लिए यह सबक व चेतावनी बन सके। जजों पर यूं हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
साकेत कोर्ट के तीन जजों पर जानलेवा हमला करने वाले चारों आरोपियों को शनिवार को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आरोपियों के नाम दक्षिणपुरी निवासी अनिल राज, सुनील राज व संगम विहार निवासी रोहित और प्रशांत उर्प हन्नी हैं। अनिल राज और सुनील राज सगे भाई हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपी अनिल राज के खिलाफ अम्बेडकर नगर में पहले से ही दो मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (लॉ एण्ड ऑर्डर) धर्मेन्द्र कुमार के मुताबिक जजों के कार चालक चमन लाल और बाइक सवार आरोपियों के बीच रोडरेज के कारण कहासुनी हुई थी। पहले तो उन्होंने मामले को रफा-दफा करने की सोची पर जब उसने देखा कि कार पर जज का स्टिकर लगा है, उसने वहां अपने साथियों को भी बुला लिया। विशेष आयुक्त धर्मेन्द्र कुमार के अनुसार अनिल राज से पूछताछ पर जो पता चला वह बेहद ही चौंका देने वाला है। हमले का एक कारण यह भी था कि अनिल राज को एक मामले में इन्हीं जजों ने सजा सुनाई थी। एडिशनल पुलिस कमिशनर दक्षिण-पूर्वी जिला अजय चौधरी के मुताबिक पूछताछ में चारों आरोपी अनिल राज, सुनील राज, रोहित व प्रशांत ने कबूल किया है कि उन्होंने जानबूझ कर जजों पर हमला किया था। शनिवार को चारों की टीआईपी (शिनाख्त परेड) कराई गई, जिसमें इनकी पहचान कर ली गई। ज्ञात रहे साकेत कोर्ट में तैनात अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमके नागपाल, इन्द्रजीत सिंह मेहता व महानगर दंडाधिकारी अजय गर्ग कार से बृहस्पतिवार की शाम करीब पांच बजे फरीदाबाद स्थित अपने-अपने घर जा रहे थे। कार चालक चमन लाल चला रहा था। सभी मदनगीर की तरफ से जा रहे थे। जैसे ही उनकी कार दक्षिणपुरी जे ब्लॉक, काली बिल्डिंग के पास पहुंची, सामने से गलत दिशा में आ रही मोटर साइकिल कार से टकरा गई। इससे बिना हेलमेट के मोटर साइकिल सवार तीनों युवक नीचे गिर पड़े। जजों द्वारा उन्हें उठाने के बाद दोनों पक्षों में बहस हो गई। मामला शांत होने पर जब जज कार में बैठकर वहां से चलने लगे तभी तीनों ने अपने एक अन्य साथी को भी मौके पर बुला लिया। चमन लाल कार लेकर चला ही था कि चारों ने उनकी कार रुकवाकर जजों व चालक पर हमला बोल दिया। ईंट व पत्थर से कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना में जज इंद्रजीत सिंह के हाथ और सिर से तथा जज मनोज कुमार नागपाल के सिर के पिछले हिस्से और हाथ में चोट आई। घटना के तुरन्त बाद एक आरोपी अनिल राज ने खुद ही अपना सिर फोड़कर एम्स ट्रामा सेंटर जा पहुंचा। उसने पुलिस को दिए बयान में जजों पर मारपीट का आरोप लगाया ताकि क्रॉस केस हो जाने पर वह सजा से बच सके किन्तु ट्रामा सेंटर में चालक चमन लाल ने उसकी पहचान कर ली और उसे गिरफ्तार करवा दिया। उसके बयान के बाद देर रात ही अन्य तीनों को भी दबोच लिया गया। लगता है कि मामला रोडरेज का नहीं, जजों की हत्या के प्रयास का था। इन तीनों-चारों को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए ताकि दूसरों के लिए यह सबक व चेतावनी बन सके। जजों पर यूं हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Anil Narendra, Daily Pratap, delhi Police, Judiciary, Vir Arjun

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